सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें देखा जा सकता है कि कुछ मुस्लिम छात्र कुरान पढ़ रहे हैं और वहीं पास में एक छात्र को उल्टा लटकाया गया है।
इस वीडियो को शेयर करने वाले यूजर्स लिख रहे हैं, “एक छोटी बच्ची को इस तरह से पैर बांधकर उल्टा लटकाया जाना क्या हमारे देश में कानून का डर है या नहीं है? और इस बच्ची को यह तालिबानी सजा क्यों दी जा रही है इसका कारण है आसमानी किताब जो इसे समझ नहीं आई। मुझे लगता है कि ऐसे स्कूलों को पूरी तरह से बैन कर देना चाहिए पूरे भारत में और ऐसे लोगों के ऊपर कार्रवाई होनी चाहिए जो इस तरह से एक छोटी बच्ची के साथ मारपीट कर रहे है।”
फैक्ट चेकः
DFRAC की टीम ने वायरल दावे की जांच के लिए वीडियो के की-फ्रेम्स को गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च किया। इस वीडियो के साथ हमें पाकिस्तानी मीडिया संस्थान The Express Tribune की 28 जून 2019 की प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। जिसमें इस घटना को रावलपिंडी के एक मदरसे का बताया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार, “एक मदरसे में बाल अत्याचार की एक और घटना पर गौर करते हुए, जिसमें एक छात्र को कथित तौर पर उल्टा लटका दिया गया और पीटा गया। आरोपी कारी नूर मुहम्मद को सादिकाबाद के ढोक कश्मीरियन स्थित मदरसे से गिरफ्तार किया गया। उसे पूछताछ के लिए सादिकाबाद पुलिस स्टेशन ले जाया गया।”
वहीं हमें ‘जियो न्यूज’ की 30 जून 2019 की एक रिपोर्ट मिली, जिसके अनुसार “एक धार्मिक शिक्षक को शहर से गिरफ्तार किया गया। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल होने के बाद उसमें अपने एक छात्र के साथ दुर्व्यवहार और मारपीट की बात सामने आई थी। पुलिस ने घटना की प्राथमिकी भी दर्ज कर ली। पुलिस के अनुसार, ‘कारी’ की पहचान नूर मोहम्मद के रूप में हुई है।”
निष्कर्षः
DFRAC के फैक्ट चेक से साफ है कि सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं है। यह 2019 की घटना का वीडियो है और यह वीडियो भारत के किसी मदरसे या स्कूल का नहीं, बल्कि पाकिस्तान के रावलपिंडी स्थित एक मदरसे का है। इसलिए सोशल मीडिया यूजर्स का दावा भ्रामक है।