भारत के खिलाफ पाकिस्तान का सूचना युद्ध जारी है इंटरनेट की सहायता से वह सूचनाओं की आड़ में भारत विरोधी प्रोपेगेंडा को अंजाम दे रहा है। कश्मीर, मुस्लिम, सिख, दलित, खालिस्तान, अल्पसंख्यक और मानवाधिकार ऐसे मुद्दे है जिन पर पाकिस्तान अपना भारत विरोधी नरेटिव खड़ा करने में जुटा है। इसके लिए बड़े पैमाने पर सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर की सहायता ली जा रही है। DFRAC ने इस रिपोर्ट में ऐसे दो इन्फ्लुएंसर की विस्तृत रिपोर्ट की है जो भारत के खिलाफ एक सुनियोजित अभियान चला रहे है। इस रिपोर्ट में हम निम्न बिन्दुओं को कवर करेंगे।
- राजनैतिक विरोध को भारत विरोध के रूप पे प्रसारित करना
- कश्मीर में G20 बैठक के खिलाफ सुनियोजित अभियान
- भारत में होने वाले राजनैतिक गतिविधियों को गृहयुद्ध से तुलना करना
- फेक और भ्रामक न्यूज़
- निष्कर्ष
- सेहर शिनवारी (Sehar Shinwari)
सेहर शिनवारी एक पाकिस्तानी एक्ट्रेस है। वह कई पाकिस्तानी सिरियल में काम कर चुकी है। उनका विवादों से पुराना नाता रहा है। वह चैनल पाकिस्तान टेलीविज़न कॉर्पोरेशन (पीटीवी) के निर्माता रूमी पर यौन शोषण का आरोप लगाकर सुर्खियों में आई थी। उन्होने रूमी पर आरोप लगाया था कि एक टेलीविज़न शो में भूमिका के बदले उन्हे रूमी के साथ सोने के लिए कहा गया था। हालांकि उन्होने इंकार दिया और फिर उन्हे शो से निकाल दिया गया। सेहर शिनवारी पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की समर्थक है। वह अपने कट्टर भारत विरोधी रुख के लिए भी पहचानी जाती है। समय-समय पर वह पाकिस्तान से चलने वाले भारत विरोधी अभियान चलाती है। शिनवारी की टाइमाइन देखने पर पता चलता है कि उन्होने भारत के खिलाफ कश्मीर, खालिस्तान के मुद्दे को हवा दी। इसके साथ ही उनके कई ट्वीट अल्पसंख्यक सिख, मुस्लिम, दलितों के मुद्दों पर आधारित होते हुए भारत विरोधी है। मानवाधिकार की आढ़ में उन्होने पाकिस्तान के भारत विरोधी अभियान को फैलाया।
भारत के विभाजन की साजिश
शेरवानी पाकिस्तान के उस बरसों पुराने ख्वाब का एक हिस्सा है। जिसमे वह भारत का विभाजन कर 1972 में हुए बांग्लादेश के रूप में दो टुकड़ों का बदला चाहता है। कश्मीर और खालिस्तान से आगे बढ़कर अब वह भारत को कई टुकड़े देखना चाहता है। शेरवानी ने भारतीय राज्यों की सूची का एक थ्रेयड पोस्ट किया है। जिसमे भारत के अलग-अलग राज्यों को अलग देश बताया गया है।
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कश्मीर में G20 बैठक के खिलाफ अभियान
सेहर शिनवारी के कश्मीर से जुड़े सभी ट्वीट का विश्लेषण करने पर हमने पाया कि सभी ट्वीट मई के महीने में किये गए। ये सभी ट्वीट कश्मीर में होने वाली G20 बैठक के विरोध में थे। बैठक के सफल आयोजन के बाद कश्मीर के मुद्दे पर फिर कोई विशेष ट्वीट नहीं किये गए।
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अलग खालिस्तान के लिए अभियान
खालिस्तान के समर्थन ट्वीट से शेरवानी की पूरी टाइमलाइन भरी हुई है। जिसमे सिखों के लिए भारत से अलग देश खालिस्तान की मांग की गई और पाकिस्तान के समर्थन भी दोहराया गया। इसके साथ ही शेरवानी के ट्वीट देखने से पता चलता है कि दुनिया भर में खालिस्तान समर्थक अभियानों के पीछे पाकिस्तान है। ट्वीट में खालिस्तान के लिए इस्लामाबाद में दूतावास और लाहौर में महावाणिज्य दूतावास खोलने की बात कही गई। इसके साथ ही पाकिस्तान में हुई खालिस्तानी नेताओं की हत्या के मामले में भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ को जिम्मेदार बताया गया।
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भारत में गृहयुद्ध से हालात
वहीं दलितों-मुस्लिमों के मुद्दे पर भी भारत के खिलाफ कई ट्वीट हुए। जिसमे हिन्दुत्व की राजनीति को आधार बनाकर भारत को निशाना बनाया गया। मुस्लिम देशों से भारत को सबक सिखाने की बात कही गई। आरएसएस से निपटने के लिए मुस्लिम-सिखों से 12 बच्चे पैदा करने की अपील की गई। वहीं ओटीटी प्लेटफार्म Netflix पर भी रॉ द्वारा मुस्लिमों और कश्मीरियों के खिलाफ मूवी के जरिये मोदी सरकार का प्रोपेगेंडा फैलाने का आरोप लगाया गया। वहीं अंतराष्ट्रीय न्यायालय से दलितों और मुस्लिमों के खिलाफ गृहयुद्ध जैसे हालात होने का हवाला देकर हस्तक्षेप की मांग की गई। यहां तक भी कहा गया कि दलित अब भारत से आजादी चाहते है।
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खालिद इमरान खान
@khalidsmarti ये एक पाकिस्तानी अकाउंट है। जो अगस्त 2009 में बना है। इस अकाउंट के 6200 से ज्यादा फॉलोवर है। बायो के अनुसार ये खुद को स्वतंत्र विचारक, पाठक, परोपकारी, क्रिकेट और मूवी का शौकीन आदि बताता है। ये भी सेहर शिनवारी की तरह भारत विरोधी प्रोपेगेंडा में लिप्त है। कश्मीर, खालिस्तान, अल्पसंख्यक, सिख, मुस्लिम, दलितों आदि ऐसे मुद्दे है। जिन पर भारत को निशाना बनाया गया है।
कश्मीर में G20 बैठक के खिलाफ अभियान
खालिद इमरान की टाईमलाइन देखने पर बड़ी संख्या में कश्मीर पर किये गए ट्वीट मिले। सभी ट्वीटस का विश्लेषण करने पर हमने पाया कि ज़्यादातर ट्वीट G20 बैठक से पहले ही किये गए थे। इन ट्वीट में कश्मीरियों की हत्या और उनके मानवाधिकार का मुद्दा बनाया गया।
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खालिस्तान के समर्थन में भारत विरोधी अभियान
सेहर शिनवारी की तरह खालिद इमरान ने भी खालिस्तान के समर्थन में भारत विरोधी अभियान चलाया। अपने ट्वीट में खालिद इमरान ने दावा किया कि जल्द ही कश्मीर और खालिस्तान आजाद होगा। वहीं अमृतसर और जालंधर खालिस्तान का हिस्सा होगा।
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फेक और भ्रामक न्यूज़
सहर शेरवानी और खालिद इमरान खान दोनों मिलकर भारत के खिलाफ कई फेक और भ्रामक खबरे फैलाते हुए पाये गए। उन्होने पाकिस्तान के समर्थन में भी फेक न्यूज़ फैलाई। जिसका खुलासा DFRAC ने फ़ैक्ट चेक के जरिये किया है।
1. फैक्ट चेक: क्या राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ जगन्नाथ मंदिर में हुआ था भेदभाव?
बीते दिनों भारत के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जगन्नाथ मंदिर में दर्शन किये थे। जिसके बाद सवाल उठाया गया कि दर्शन के दौरान राष्ट्रपति के साथ आदिवासी होने के कारण भेदभाव किया गया था।
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पाकिस्तानी यूजर खालिद इमरान खान ने एक कोलाज ट्वीट किया। जिसके एक हिस्से में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव मंदिर में मूर्ति के सामने दर्शन करते हुए देखे जा सकते है। वहीं दूसरे भाग में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मंदिर के बाहरी हिस्से से दर्शन करते हुए देखी जा सकती है। साथ ही उन्होने लिखा कि – अनुमति – अश्विनी वैष्णव (रेल मंत्री) अनुमति नहीं – द्रौपदी मुर्मू (भारत के राष्ट्रपति)
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इस ट्वीट को रीट्वीट करते हुए पाकिस्तानी एक्ट्रेस सहर शेरवानी ने लिखा कि भारत में दलितों के साथ इसी तरह व्यवहार किया जाता है। शर्मनाक
फैक्ट चेक:
वायरल दावे की जांच के लिए DFRAC टीम ने राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मु के जगन्नाथ मंदिर के दर्शन से जुड़ी खबरों की जांच की। इस दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के प्रवक्ता सूरज कुमार महतो ने हमें बताया कि हौज खास के जगन्नाथ मंदिर में उनके साथ भेदभाव होने की बात सही नहीं है। वो हमेशा ही दूर से भगवान की पूजा करती हैं।
वहीं जगन्नाथ मंदिर, हौज खास के सचिव रवींद्र नाथ प्रधान ने बताया कि “जो लोग इस मंदिर में जाते हैं, उन्हें एक लकड़ी के बैरिकेडिंग के पीछे खड़े होकर ही भगवान जगन्नाथ के दर्शन करने होते हैं। भगवान की मूर्ति के पास सिर्फ पुजारी जा सकते हैं. इस नियम के बारे में राष्ट्रपति जानती हैं और इसी वजह से उन्होंने बैरिकेडिंग के पीछे खड़े होकर दर्शन किए।“ उन्होंने भी बताया कि साल में एक दिन यानी रथयात्रा वाले दिन, ये बैरिकेडिंग कुछ देर के लिए हटाई जाती है. उस दिन एक मुख्य अतिथि को आमंत्रित किया जाता है। जो मूर्ति के पास जाकर भगवान जगन्नाथ का आह्वान करते हैं। यात्रा से संबंधित कुछ रस्मों को निभाते हैं। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की ये तस्वीर भी साल 2021 की है जब वो रथयात्रा वाले दिन बतौर मुख्य अतिथि मंदिर आए थे। यही वजह है कि उन्होंने भगवान की मूर्ति के पास जाकर पूजा की थी।
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इसके अलावा राष्ट्रपति के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से इन तस्वीरों को ट्वीट कर कहा गया – भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के शुभारंभ के अवसर पर सभी देशवासियों, विशेष रूप से भगवान जगन्नाथ के श्रद्धालुओं को मैं हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देती हूं। मैं महाप्रभु जगन्नाथ से प्रार्थना करती हूं कि भक्ति और समर्पण का यह त्योहार, सभी के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लेकर आए।
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साथ ही अश्विनी वैष्णव ने भी दर्शन की तस्वीरों को पोस्ट कर लिखा कि #रथयात्रा के शुभ अवसर पर नई दिल्ली के भगवान जगन्नाथ मंदिर में चतुर्दमूर्ति का आशीर्वाद लिया। मैं सभी की भलाई के लिए भगवान से प्रार्थना करता हूं। जय जगन्नाथ
निष्कर्ष:
DFRAC के फैक्ट चेक से स्पष्ट है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ जगन्नाथ मंदिर में दर्शन के दौरान भेदभाव किये जाने का दावा फेक है।
2. फैक्ट चेक: क्या विराट कोहली और अनुष्का शर्मा ने आरएसएस के मुख्यालय में जाकर माफी मांगी?
सोशल मीडिया पर भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान विराट कोहली और उनकी पत्नी बॉलीवुड एक्ट्रेस अनुष्का शर्मा की एक तस्वीर वायरल हो रही है। तस्वीर के सबंध में दावा किया जा रहा है कि ये राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के कार्यालय की है। जहां दोनों पति-पत्नी माफी मांगने पहुंचे थे।
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पाकिस्तानी यूजर खालिद इमरान खान ने इस तस्वीर को ट्वीट कर लिखा कि विराट कोहली और अनुष्का के ऑफिस मेंने माफी मांग रहे है के उन्हे ने बुचर ऑफ गुजरात को रिजाइन का कहा। (Virat Kholi Aur Anuska RSS keh office maine Maafi mang rhe hain kio keh unhe ne Butcher of Gujrat ko resign ka kaha)
फैक्ट चेक:
वायरल तस्वीर के साथ किये गए दावे की जांच के लिए DFRAC टीम ने वायरल तस्वीर को रिवर्स सर्च किया। इस दौरान हमें ये तस्वीर द इकोनिमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट में मिली। रिपोर्ट में बताया गया कि विराट और अनुष्का की ये तस्वीर उज्जैन स्थित महाकालेश्वर मंदिर के दर्शन की है।
इसके अलावा हमें ANI का एक वीडियो भी मिला। जिसमे उन्हे मंदिर के दर्शन करते हुए देखा जा सकता है। ANI ने वीडियो को केप्शन दिया कि – अभिनेत्री अनुष्का शर्मा और क्रिकेटर विराट कोहली ने आज सुबह मध्य प्रदेश के उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर में भगवान शिव की पूजा की।
निष्कर्ष:
अत: DFRAC के फैक्ट चेक से स्पष्ट है विराट और अनुष्का के आरएसएस मुख्यालय में जाकर माफी मांगे जाने का दावा भ्रामक है। क्योंकि वायरल तस्वीर उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर के दर्शन की है।
3. क्या किंग चार्ल्स ने डॉ. ज़रीन रूही को नियुक्त किया विशेष सलाहकार? पढ़ें वायरल दावे का फैक्ट-चेक
सोशल मीडिया पर एक दावा वायरल हो रहा है। इस दावे के मुताबिक, ब्रिटिश सम्राट किंग चार्ल्स तृतीय ने पाकिस्तानी मूल की डॉ. ज़रीन रूही अहमद को अपना विशेष सलाहकार नियुक्त किया है। डॉ. ज़रीन रूही पाकिस्तानी मूल की एक ब्रिटिश उद्यमी और गिफ्ट वेलनेस लिमिटेड की संस्थापक और सीईओ हैं, जो उच्च गुणवत्ता वाले और इनोवेटिव सैनिटरी प्रोडक्ट्स बनाने वाला एक सामाजिक उद्यम है।
कॉन्सेप्ट टीवी न्यूज नामक डिजिटल न्यूज़ मीडिया प्लेटफॉर्म ने ट्विटर पर एक तस्वीर इस कैप्शन के साथ पोस्ट की है कि-“किंग चार्ल्स तृतीय ने पाकिस्तानी मूल की डॉ.ज़रीन रूही को विशेष सलाहकार के रूप में नियुक्त किया है। इतिहास में यह पहली बार है कि पाकिस्तानी मूल की एक महिला को इस प्रतिष्ठित भूमिका के लिए चुना गया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, रूही का पद सहायक सचिव के बराबर होगा।”
इस तस्वीर को ट्विटर पर अब तक करीब 19.2k व्यूज़ मिल चुके हैं।
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पाकिस्तानी अभिनेत्री और सामाजिक कार्यकर्ता सह़र शिनवारी ने इस पोस्ट को रीट्वीट कर लिखा,“किंग चार्ल्स इमरान खान के दोस्त हैं, इसलिए उन्हें भारतीयों से ज्यादा पाकिस्तानियों पर भरोसा है।”
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फ़ैक्ट–चेक:
वायरल दावे की हकीकत जानने के लिए DFRAC टीम ने पहले तस्वीर को गूगल पर रिवर्स सर्च किया। इस बीच हमें कुछ पोस्ट और कुछ मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं, जिनमें दावा किया गया कि डॉ.ज़रीन रूही ने अपने आधिकारिक फेसबुक अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर कर इन दावों का खंडन किया है।
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इसके अलावा, Minutemirror नामक न्यूज़ वेबसाइट ने इस शीर्षक के साथ न्यूज़ पब्लिश की है,“डॉ. ज़रीन रूही अहमद ने किंग चार्ल्स के सलाहकार के रूप में नियुक्त किए जाने की खबरों का खंडन किया।”
इस न्यूज़ में, Minutemirror ने बताया कि,“डॉ. ज़रीन रूही अहमद ब्रिटिश पाकिस्तानी उद्यमी और गिफ्ट वेलनेस लिमिटेड की सीईओ ने किंग चार्ल्स के सलाहकार के रूप में अपनी कथित नियुक्ति के बारे में अटकलों का आधिकारिक तौर पर खंडन किया है।
Source: Minutemirror
वहीं एक अन्य न्यूज़ वेबसाइट ‘International the News’ ने भी एक न्यूज़ इस हेडलाइन के साथ पब्लिश की है कि- “डॉ. ज़रीन रूही को किंग चार्ल्स के सलाहकार के रूप में नियुक्त नहीं किया गया है।”
इस न्यूज़ के मुताबिक ब्रिटिश पाकिस्तानी महिला ने कहा कि उनकी नियुक्ति से जुड़ी खबरें ग़लत हैं।
Source: International the News
निष्कर्ष:
DFRAC के फैक्ट-चेक से स्पष्ट है कि डॉ. ज़रीन रूही अहमद को किंग चार्ल्स द्वारा विशेष सलाहकार के रूप में नियुक्त किए जाने का वायरल दावा पूरी तरह से ग़लत और भ्रामक है। क्योंकि उन्होंने खुद ही अपने अधिकारिक फ़ेसबुक अकाउंट से एक पोस्ट कर इस दावे को खारिज कर दिया है।
टाईमलाइन का विश्लेषण
सहर शिनवारी और खालिद इमरान खान की ट्विटर टाइमलाइन का विश्लेषण करने पर हमने पाया कि समय के साथ, दोनों ट्विटर पर अत्यधिक एक्टिव थे। दरअसल, दोनों अकाउंट की टाइमलाइन एक-दूसरे से जुड़ी हुई है, जिसका मतलब ये है कि दोनों के ट्वीट करने का पैटर्न एक समान हैं। यानि ट्वीट करने के मामले में दोनों एक-दूसरे के पेटर्न को फॉलो करते है।
सामान्य हैशटैग का उपयोग
हमने सहर शिनवारी और खालिद इमरान खान दोनों अकाउंट द्वारा इस्तेमाल किए गए हैशटैग का भी विश्लेषण किया। जिससे पता चला कि इन अकाउंट्स ने कई बार #FreeKashmir, #Khalistan, #G20, #India, हैशटैग का इस्तेमाल किया है।
निष्कर्ष:
भारत के विभाजन का ख्वाब देख रहे पाकिस्तान सोशल मीडिया पर कश्मीर और खालिस्तान जैसे मुद्दों पर अपने इन्फ्लुएंसर की सहायता से नफरत फैला रहा है। उसने सुनियोजित रूप से कश्मीर में संपन्न हुई G20 बैठक के खिलाफ भी अभियान चलाया। भारत के खिलाफ अपने अभियान में दलितों और मुस्लिमों के खिलाफ हिंदुत्ववादी संगठनों की जाने वाली हिंसा को आधार बनाते हुए वह भारत के खिलाफ एक अंतराष्ट्रीय अभियान चला रहा है। जिसमे सहर शिनवारी और खालिद इमरान खान जैसे सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर उसके बड़े मददगार है।