Home / Featured / फैक्ट चेक: क्या इंडोनेशिया में निकाली जाती है कलश यात्रा? जानिए वायरल तस्वीर की सच्चाई

फैक्ट चेक: क्या इंडोनेशिया में निकाली जाती है कलश यात्रा? जानिए वायरल तस्वीर की सच्चाई

सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है। सोशल मीडिया यूजर्स दावा कर रहे हैं कि यह तस्वीर इंडोनेशिया के बाली में हिंदू महिलाओं द्वारा निकाली गई कलश यात्रा की है। इतना ही नहीं, इंटरनेट पर वायरल तस्वीर के बारे में प्राचीन हिंदू संस्कृति को संरक्षित करने के लिए संतानी समुदाय की व्यापक प्रशंसा की जा रही है।

वेरिफ़ाईड यूजर गोपाल गोस्वामी ने ट्विटर पर एक तस्वीर पोस्ट की और लिखा: “इंडोनेशिया के बाली प्रांत में देवशयनी एकादशी के दिन हिंदू महिलाओं द्वारा कलश यात्रा, वे हमारी प्राचीन संस्कृति को कितनी अच्छी तरह बचा रही हैं।”

Source: Twitter

एक अन्य वेरिफ़ाईड यूजर शीतल चोपड़ा ने वायरल तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा कि “इंडोनेशिया में सनातनी, बलपूर्वक धर्मांतरण के बीच संस्कृति और परंपरा को जीवित रखने की पूरी कोशिश कर रहे है।” उन्होने अपने ट्वीट में आगे लिखा – “ये बाली की महिलाएं मंदिर में फलों और फूलों का ढेर क्यों ले जाती हैं?  इसके पीछे एक साधारण सा कारण है कि यह भगवान कृष्ण को प्रसन्न करता है “जो कोई मुझे भक्ति के साथ एक पत्ता, एक फूल, एक फल या पानी अर्पित करता है, तो शुद्ध हृदय का प्यार भरा प्रसाद स्वीकार करता हूं (ix:26)” यह उन पंक्तियों में से एक है जो कृष्ण ने अर्जुन को भगवतगीता में बताई थी कि एक भेंट से भगवान क्या अपेक्षा करते हैं। यह संदेश अभी भी पूरे द्वीप में सभी बालीवासियों द्वारा अच्छी तरह से क्रियान्वित किया जाता है।

Source: Twitter

पोस्ट की गई तस्वीर को अब तक लगभग 101.7K व्यूज मिल चुके हैं। इस तस्वीर को कई अन्य यूजर्स ने इंटरनेट पर शेयर किया है।

Source: Twitter
Source: Twitter

फैक्ट चेक:

वायरल तस्वीर को लेकर किए जा रहे दावे की सत्यता जांचने के लिए Dfrac टीम ने इसे गूगल पर रिवर्स सर्च किया। इसी बीच हमें यही तस्वीर बाली विला फाइंडर नाम की ट्रैवल गाइड वेबसाइट पर मिली। इस वेबसाइट के मुताबिक, तस्वीर में दिखाया गया है कि कैसे बाली के पुरुष और महिलाएं अपना खास दिन ‘गैलुंगन’ मनाते हैं।

Source: bali villa finder
Source: bali villa finder

क्या है गैलुंगन’ ?

गैलुंगन एक बालीनी अवकाश है जो अधर्म पर धर्म की विजय का जश्न मनाता है। यह उस समय को चिह्नित करता है जब मृत रिश्तेदारों की आत्माएं अपने वतन लौटने के लिए वापस आती हैं। सभी बालीनी महिलाएं सुंदर कपड़े पहनती हैं, अपने सिर पर प्रसाद लेकर जाती हैं और स्थानीय मंदिरों में प्रार्थना करने जाती हैं, जबकि बाली के पुरुष मुर्गे और सूअरों को मारने की रस्म निभाते हैं।

निष्कर्ष

Dfrac के फैक्ट-चेक से साबित होता है कि वायरल तस्वीर के बारे में किया गया दावा भ्रामक है क्योंकि यह हिंदू धर्म के कलश यात्रा अनुष्ठान से जुड़ा नहीं है। वास्तव में, यह दर्शाता है कि कैसे बाली की महिलाएं इंडोनेशिया के बाली में अपना विशेष दिन ‘गैलुंगन’ मनाती हैं।

Tagged: