‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी अभियान के शुरू होने के साथ ही सोशल मीडिया पर फेक और भ्रामक खबरों की बाढ़ सी आ गई है।
इसी बीच दावा किया गया कि पंजाब पुलिस ने पापलप्रीत सिंह और उसके परिजनों का अपहरण कर लिया। प्रभशरणबीर नामक एक यूजर ने ट्वीट कर दावा किया कि भाई पापलप्रीत सिंह को पत्नी, मां और परिवार के कई अन्य सदस्यों के साथ पंजाब पुलिस द्वारा अपहरण कर लिया गया। भारतीय सुरक्षा तंत्र के सबसे जघन्य पहलुओं में से एक महिलाओं को निशाना बनाने में उनकी बेशर्मी है।
उनके इस ट्वीट को समर सिंह कोहली नामक एक वेरिफाइड यूजर ने रीट्वीट कर लिखा कि- “भारतीय लोकतंत्र अपना असली रंग दिखा रहा है..”
फैक्ट चेक:
वायरल दावे की जांच के लिए DFRAC टीम ने सबसे पहले गूगल पर पापलप्रीत सिंह के बारे में पब्लिश हुई सभी खबरों को देखा। लेकिन हमें ऐसी कोई खबर नहीं मिली, जिससे पता चलता हो कि पंजाब पुलिस ने पापलप्रीत सिंह के परिजनों के खिलाफ कोई कार्रवाई की है।
हालांकि हमें इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट मिली। जिसमें एक महिला को हरियाणा पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर उसे पंजाब पुलिस को सौंपा गया है। रिपोर्ट के अनुसार, महिला का नाम बलजीत कौर है। महिला पर आरोप है कि कुरुक्षेत्र जिले में अपने घर पर ‘वारिस पंजाब दे’ प्रमुख और उनके सहयोगियों को आश्रय दिया था।
कुरुक्षेत्र के पुलिस अधीक्षक सुरिंदर सिंह भोरिया ने समाचार एजेंसी के हवाले से कहा, “हमने महिला बलजीत कौर को पकड़ लिया है, जिसने रविवार को शाहाबाद में अपने घर पर अमृतपाल और उसके सहयोगी पापलप्रीत सिंह को शरण दी थी। महिला को पंजाब पुलिस को सौंप दिया गया है।”
इसके अलावा हमें पंजाब पुलिस का एक ट्वीट भी मिला। जिसमें इस दावे को झूठा करार देते हुए कहा गया कि #पंजाब की शांति और सद्भाव को अस्थिर करने के लिए सोशल मीडिया पर विभिन्न ढोंगियों द्वारा झूठे दावे किए जा रहे हैं। लाइमलाइट बटोरने के लिए यह झूठा दावा किया गया है। हम आप सभी को सलाह देते हैं कि अफवाह फैलाने वालों से दूर रहें और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर करने से पहले खबरों की पुष्टि करें। #FakeDiKhairNahi
निष्कर्ष:
अत: DFRAC के फैक्ट चेक से स्पष्ट है कि पापलप्रीत सिंह और उसके परिजनों का पंजाब पुलिस द्वारा अपहरण किये जाने का दावा गलत है।