सोशल मीडिया पर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के चुनाव चिन्ह ‘हाथ का पंजा’ को लेकर एक दावा किया जा रहा है। इस दावे के मुताबिक कांग्रेस के ‘पंजा’ चुनाव चिन्ह को मुस्लिम धर्म के पवित्र स्थलों में से एक इराक़ के कर्बला से लिया है। सोशल मीडिया यूजर्स अपने पोस्ट के साथ एक ग्राफिकल फोटो भी शेयर कर रहे हैं।
इस ग्राफिकल फोटो में लिखा है- “कर्बला के मैदान में शहीद होने वाले हजरत ईमाम हुसैन (अली) को इस्लामिक शौर्य, इस्लामिक संघर्ष और इस्लामिक बलिदान का प्रतीक माना जाता है। इस्लाम में मूर्ति या फोटो पूजा हराम है इसलिए किसी भी फोटो या मूर्ति की पूजा ना कर के केवल इन 5 उंगलियों वाले हाथ के पंजे को ही अव्वल निशान के रूप में पूजा जाता है। इसी इस्लामिकता के प्रतीक चिह्न को कांग्रेस ने अपना चुनाव निशान चिह्न बनाया। 99% हिंदुओं को इस बात की जानकारी नहीं थी जबकि सभी मुसलमानों को यह बात शुरू से ही पता थी लेकिन कहीं हिन्दू कांग्रेस को वोट देना बंद ना कर दे इस लिए कोई बताता नहीं था। मुसलमानों का धार्मिक निशान होने के कारण मुसलमान अधिक शिद्दत से जुड़ा रहा जबकि हिंदुओं को जानकारी नहीं होने के कारण और कांग्रेस जुड़ाव होने के कारण कांग्रेस से जुड़ा रहा।”
इस ग्राफिकल पोस्टर को शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा- “गौर से देखिए कि कांग्रेस कैसे गैरहिंदुओं के साथ मिलकर हिंदुओं को दिग्भ्रमित करती रही है😎😏 #CongressAgainstHindus”
वहीं इस पोस्टर को कई अन्य यूजर्स भी शेयर कर रहे हैं।
फैक्ट चेकः
वायरल हो रहे दावे का फैक्ट चेक करने के लिए हमने गूगल पर सिंपल सर्च किया। हमें ‘दैनिक भास्कर’ की एक रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट को शीर्षक- “हेमांबिका मंदिर में मूर्ति नहीं सिर्फ देवी के दो हाथ:कांग्रेस का हाथ का पंजा इसी मंदिर से प्रेरित, इंदिरा गांधी की थी विशेष आस्था” दिया गया है।
इस रिपोर्ट के मुताबिक- “हाथ का पंजा इंदिरा गांधी ने इसी हेमांबिका मंदिर को ध्यान में रखकर चुना था। हेमांबिका मंदिर दुनियाभर के माता मंदिरों में सबसे अनूठा है। यहां माता की मूर्ति नहीं है। सिर्फ दो हाथ हैं। इन्हीं को देवी रूप में पूजा जाता है। इस मंदिर को इमूर भगवती मंदिर भी कहा जाता है। ये केरल के पडक्कल जिले की कलेकुलंगरा तहसील में है। माना जाता है भगवान परशुराम ने इस मंदिर की स्थापना की थी।”
वहीं इस संदर्भ में और ज्यादा जानकारी हासिल करने पर हमें कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह का एक ट्वीट मिला। इस ट्वीट में उन्होंने लिखा- “यह ऐतिहासिक सत्य है जिसे भाजपा व संघ सदैव से कुछ और ही बताते रहते थे। हेमांबिका मंदिर में मूर्ति नहीं सिर्फ देवी के दो हाथ: कांग्रेस का हाथ का पंजा इसी मंदिर से प्रेरित, इंदिरा गांधी की थी विशेष आस्था”
वहीं कई अन्य मीडिया रिपोर्ट्स में भी इस बात का जिक्र किया गया है कि कांग्रेस पार्टी का चुनाव चिह्न हेमांबिका मंदिर से लिया गया है।
निष्कर्षः
वायरल ग्राफिकल पोस्टर का फैक्ट चेक के बाद स्पष्ट हो रहा है कि कांग्रेस का चुनाव चिह्न कर्बला में शहीद हुए हजरत इमाम हुसैन से नहीं लिया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चुनाव चिह्न को केरल के पडक्कल जिले की हेमांबिका मंदिर से लिया गया है। इसलिए सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा किया जा रहा दावा गलत है।