राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार का एक सरकारी आदेश सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें दावा किया गया है कि राजस्थान में किसी भी मस्जिद या मदरसे के कर्मचारियों के साथ बदसलूकी करने पर कानून तीन साल की सज़ा हो सकती है।
31 अगस्त 2021 को वायरल हुए इस सरकारी आदेश में दावा किया गया है कि मस्जिद, मदरसे के किसी भी कर्मचारी, सदस्य के साथ बदसलूकी करने, डराने, धमकाने या कार्य में बाधा डालने वाले शख्स को तीन साल की कैद का प्रावधान करने के लिए कानून में संशोधन किया गया है।
इस आदेश को दक्षिणपंथी विचारधारा के यूजर्स ट्वीट पर पोस्ट किया गया है। जिस पर लोगों की मिली-जुली टिप्पणियां आ रही हैं। कोई इस तरह की हरकत के लिए राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत की तारीफ कर रहा है तो किसी ने सेक्युलर होने का मजाक उड़ाया है।
राजस्थान की कांग्रेस शासित सरकार का तुगलकी फरमान पढ़िए। अगर यूपी के मुख्यमंत्री योगी जी कुछ इससे उलट फरमान दे दे तो संविधान खतरे में तुरंत आ जायेगा,पर अब सब चुप है ..
इसलिये जागो सोने वालों .. pic.twitter.com/DYvI1kYG79— Nitu Jha ( मोदी का परिवार ) (@NituJhaBJP) August 31, 2021
https://twitter.com/naganirankarika/status/1432733406194900992
फैक्ट चेक:
उपरोक्त तस्वीर की रिवर्स इमेज सर्च करने पर पता चला कि राजस्थान पुलिस ने भी अपने पोस्ट में इस तस्वीर का इस्तेमाल किया है। राजस्थान पुलिस ने सोशल मीडिया पर प्रसारित इस आदेश को फर्जी करार दिया है। राजस्थान सरकार की ओर से ऐसा कोई बयान जारी नहीं किया गया है।
रथस्थान का पुलिस बयान:
राजस्थान पुलिस ने इस पर ट्वीट करके बताया कि कुछ समय से शरारती तत्वों द्वारा आमजन को गुमराह करने के उद्देश्य से एक मैसेज #SocialMedia पर वायरल हो रहा है जो की मिथ्या एवं भ्रामक है। हमारा आपसे निवेदन है ऐसे किसी भी मैसेज को आगे फॉरवर्ड न करे। इस तरह के दुष्प्रचार करने पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
🚨#FakeNews Alert⚠️~
कुछ समय से शरारती तत्वों द्वारा आमजन को गुमराह करने के उद्देश्य से एक मैसेज #SocialMedia पर वायरल हो रहा है जो की मिथ्या एवं भ्रामक है।
हमारा आपसे निवेदन है ऐसे किसी भी मैसेज को आगे फॉरवर्ड न करे। इस तरह के दुष्प्रचार करने पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। pic.twitter.com/Qo03EW7t7t
— Rajasthan Police (@PoliceRajasthan) August 31, 2021
राजस्थान पुलिस के स्पष्टीकरण के बाद सिद्ध हो गया है कि सोशल मीडिया पर वायरल होने वाला आदेश फर्जी है और लोगों को गुमराह करने वाला है।