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फरहान अख्तर ने कहा- इंडिया की जनता हमारी फिल्में नहीं देखती, तो हमें दुनिया के लिए फिल्में बनानी चाहिए? पढ़ें- फैक्ट चेक

सोशल मीडिया पर बॉलीवुड फिल्मों के बायकॉट का ट्रेंड चल रहा है। यूजर्स कई प्रकार के हैशटैग चलाकर हिन्दी सिनेमा की फिल्मों का विरोध कर रहे हैं। वहीं कई बॉलीवुड कलाकारों के बयानों पर उनको निशाना बनाया जा रहा है। अर्जुन कपूर, करीना कपूर और आलिया भट्ट अपने बयानों के कारण सोशल मीडिया यूजर्स के निशाने पर हैं। वहीं कई कलाकारों के फेक और भ्रामक बयान भी सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे हैं। 

सोशल मीडिया पर अभिनेता फरहान अख्तर का बयान वायरल हो रहा है। ट्वीटर पर कमाल राशिद खान नाम के वेरीफाइड यूजर्स ने लिखा- “Farhan Akhtar ने कहा है, कि अगर India की जनता हमारी फ़िल्में नहीं देखना चाहती, तो कोई बात नहीं है! हमें बाक़ी दुनिया के लिए फ़िल्में बनानी चाहिए! Farhan साहब आप शायद भूल गए, कि इज़्ज़त घर से शुरू होती है! जिसकी इज़्ज़त उसके घर में नहीं, उसको बाक़ी दुनिया में कुत्ता भी नहीं पूछता!” 

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वहीं कई अन्य यूजर्स फरहान अख्तर के इस बयान को अलग-अलग संदर्भ के साथ शेयर कर रहे हैं। 

फैक्ट चेकः 

वायरल हो रहे फरहान अख्तर के बयान के संदर्भ में हमने कुछ कीवर्ड्स सर्च किया। हमें नवभारत टाइम्स की वेबसाइट पर फरहान अख्तर के बयान के संदर्भ में एक रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट के अनुसार फरहान ने कहा- “हर किसी को अपनी भाषा से एक भावनात्मक लगाव होता है। आप अपनी भाषा में भावनाओं को बेहतर तरीके से समझ सकते हैं। कई बार केवल एक शब्द से ही बहुत सारी भावनाएं जाहिर हो जाती हैं इसलिए अपनी भाषा के कॉन्टेंट की अलग बात होती है। लेकिन जब आप बाहर के लोगों से बात करते हैं तो वे भावनाएं थोड़ी सी अलग हो सकती हैं। जब हम फिल्म ‘एलेक्जेंडर द ग्रेट’ को इंग्लिश में देखते हैं तो हमें कोई फर्क नहीं पड़ता जबकि ये अलग बात है कि रोमन लोगों ने कभी इंग्लिश नहीं बोली थी।”

Farhan Akhtar Says Global Audience Is Important The Language Comes Later – धड़ाधड़ फ्लॉप होती बॉलीवुड फिल्मों पर बोले फरहान अख्तर- अब हमें ग्लोबल ऑडियंस का रखना होगा ध्यान | Entertainment News – Navbharat Times (indiatimes.com)

फरहान अख्तर ने आगे कहा- “बॉलीवुड को इसके लिए काफी कोशिश करनी करनी होगी और उन्हें ग्लोबल ऑडियंस को ध्यान में रखकर कॉन्टेंट बनाना होगा। हमें ज्यादा लोगों तक पहुंचने के लिए वही तरीका अपनाना होगा जैसा ‘द अवेंजर्स’ ने किया। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कोई किस भाषा में बात कर रहा है। इससे फर्क नहीं पड़ता कि देखने वाला इंग्लिश जानता है या नहीं। इन फिल्मों में कुछ ऐसा था कि आप देखते ही हैं। कॉन्टेंट क्रिएटर्स के तौर पर हमारे लिए ऐसा बेहतरीन कॉन्टेंट बनाना जरूरी है। भाषा की समस्या इसके बहुत बाद में आती है।”

निष्कर्षः 

हमारे फैक्ट चेक से स्पष्ट हो रहा है कि फरहान अख्तर की ऐसी कोई मंशा नहीं थी कि अगर भारत की जनता उनकी फिल्में नहीं देख रही तो उन्हें भारत की जनता को छोड़कर ग्लोबल ऑडियंस के लिए फिल्में बनानी चाहिए। फरहान के बयान का अर्थ यह है कि बॉलीवुड को हिन्दी सिनेमा के दर्शकों के साथ-साथ ग्लोबल ऑडियंस पर भी ध्यान देना चाहिए। इसलिए कमाल राशिद खान और दूसरे सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा किया जा रहा दावा गलत है। 

दावा- फरहान अख्तर ने कहा- अगर भारतीय हमारी फिल्में नहीं देखते तो हमें दुनिया के लिए फिल्म बनानी चाहिए

दावाकर्ता- कमाल राशिद खान और अन्य सोशल मीडिया यूजर्स 

फैक्ट चेक- भ्रामक 

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