माइक्रोसॉफ्ट ने इस साल की ग्लोबल टेक सपोर्ट स्कैम रिसर्च जारी कर दी है। इसमें बताया गया है कि पिछले एक साल में ऑनलाइन फ्रॉड के शिकार होने वाले सबसे ज्यादा लोग भारतीय हैं। साल 2018 में जहां कुल टेक सपोर्ट के नाम से किए जाने वाले संपर्क में 70% इनका शिकार हो रहे थे वहीं इस साल यह दर 69% है। इस हिसाब से यह कहा जा सकता है कि पिछले 3 साल में भारतीयों ने कुछ नहीं सीखा।
इतना ही नहीं भारत में धोखाधड़ी खाने वाले लोगों में 73% पुरुषों ने अपना पैसा गंवाने की आशंका को बलवती किया वही सिर्फ 27% महिलाएं ही स्कैमर्स के झांसे में आईं। हर एक भारतीय को लगभग रुपए 15,334 का औसतन नुकसान हुआ। हालांकि 88% लोग वापस अपना पैसा हासिल कर पाए। इस हिसाब से देखा जाए तो रुपए 10,797 प्रत्येक व्यक्ति को वापस मिल गया। माइक्रोसॉफ्ट की इस रिपोर्ट में बताया गया कि 45% पैसा बैंक ट्रांसफर के जरिए भेजा गया। इस पर आम तौर पर भारतीय भरोसा करते हैं जबकि गिफ्ट कार्ड से 38%, क्रेडिट कार्ड से 32%, पेमेंट गेटवे से 32% और 25% बिटकॉइन से भुगतान हुआ।
माइक्रोसॉफ्ट टेक सपोर्ट स्कैम की इस रिपोर्ट में यह भी बताया कि पाँच यूजर में से तीन को टारगेट किया गया और इन तीन का लगभग 70% भारतीय शिकार है।
माइक्रोसॉफ्ट ने सलाह दी है कि लोग कंप्यूटर पर आने वाले पॉप मैसेज पर भरोसा ना करें और साथ ही इस पर दिखाए गए नंबर पर कॉल भी उन्हें नहीं करना चाहिए। साथ ही मौजूदा लिंक पर बिना सोचे समझे क्लिक भी नहीं करना चाहिए। इसकी बजाय कंपनी की ऑफिशियल वेबसाइट या माइक्रोसॉफ्ट स्टोर से ही सॉफ्टवेयर डाउनलोड करने चाहिए। इसके बावजूद भी अगर धोखाधड़ी का कोई शिकार हुआ है तो उसे फौरन स्कैम रिपोर्ट करने वाले पेज पर जानकारी देनी चाहिए।
टेक सपोर्ट के बदले स्कैम करने वाले ज्यादातर लोग ईमेल का भी सहारा लेते हैं और टेक सपोर्ट के बदले अपना ईमेल शेयर करने की वजह से इस तरह की घटनाएं होती हैं। माइक्रोसॉफ्ट ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि उसे हर महीने पूरी दुनिया भर से 6,500 शिकायतें मिलती हैं।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि 31% भारतीय लगातार ठगी का शिकार हुए जबकि 2018 में लगातार ठगी के शिकार होने वाले भारतीयों का प्रतिशत 14 ही था। स्कैमर के झांसे में आकर लगातार ठगी का शिकार होने में पूरी दुनिया में भारत एक नंबर पर है और 31% लोग लगातार ठगी का शिकार हो यह बहुत बड़ा आंकड़ा है।
माइक्रोसॉफ्ट ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा कि भारत में 15 पॉइंट की दर से टेलीफोन कॉल पर ठगी का शिकार होने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है जबकि स्विट्जरलैंड में इसमें सुधार है जहां 10 पॉइंट की गिरावट है। रिपोर्ट कहती है कि पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा ठगी करने वाले लोग सॉफ्टवेयर डाउनलोड के रास्ते से कंप्यूटर में घुसपैठ बनाते हैं और यह रास्ता सर्च इंजन से सबसे ज़्यादा बनता है।
रिपोर्ट यह भी कहती है कि ऑनलाइन स्कैम का शिकार हुए लोगों में पूरी दुनिया के लोगों में रक़म गँवाने वालों में 70 प्रतिशत लोगों की रक़म बड़ी थी। रिपोर्ट में कहा गया कि भारत और सिंगापुर में फोन कॉल के जरिए स्कैम करने की दर में खतरनाक तरीके से बढ़ोतरी हुई है। भारत में ठगी का शिकार हुए कुल लोगों में से 31% को टेलीफोन कॉल से सम्पर्क किया गया था।