सोशल मीडिया पर एक युवक की तस्वीर बड़े पैमाने पर वायरल हो रही है। इस तस्वीर के हवाले से दावा किया जा रहा है कि वायरल तस्वीर कामदेव दास नाम के एक हिंदू युवक की है। जिसकी इस्लामी कट्टरपंथियों ने पीट-पीटकर हत्या कर दी।

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सोशल साईट X पर वेरिफाइड यूजर बांग्लादेशी हिंदू ने वायरल तस्वीर को शेयर कर लिखा कि बांग्लादेश के हबीगंज ज़िले में एक और हिंदू की हत्या कर दी गई है। अजमेरीगंज उपज़िला के बोदोलपुर गाँव में, कामदेव दास नाम के एक हिंदू युवक को इस्लामी कट्टरपंथियों ने पीट-पीटकर मार डाला। साफ़-साफ़ कहिए: हिंदुओं को उनकी पहचान की वजह से निशाना बनाया जा रहा है। यह “सांप्रदायिक तनाव” नहीं है। यह “भीड़ की हिंसा” नहीं है। यह जानबूझकर किया गया धार्मिक उत्पीड़न है। हर हत्या एक ही तरीके से होती है: हिंदू की पहचान करो → अलग करो → डराओ → मार डालो → फिर चुप्पी छा जाती है। जब पीड़ित हिंदू होते हैं और प्रतिक्रिया धीमी होती है, तो सज़ा न मिलना नीति बन जाती है और हत्या एक मिसाल बन जाती है। यह अब बांग्लादेश का अंदरूनी मामला नहीं रहा। यह खुलेआम हो रहा मानवाधिकारों का आपातकाल है।

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वहीं एक अन्य यूजर बोनाफाइड ने वायरल तस्वीर को शेयर कर लिखा कि बांग्लादेश में एक और मॉब लिंचिंग। बांग्लादेश के हबीगंज ज़िले में एक मुस्लिम भीड़ ने कामदेव दास को बेरहमी से पीट-पीटकर मार डाला। यह कब रुकेगा

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इसके अलावा कई अन्य यूजर ने भी वायरल तस्वीर को ऐसे ही दावे के साथ शेयर किया है।
फैक्ट चेक:

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वायरल तस्वीर के साथ किये गए दावे की जांच के लिए DFRAC ने गूगल पर बांग्ला में कुछ कीवर्ड शेयर किये। इस दौरान हमें बांग्लादेश के न्यूज़ पोर्टल ढाका मेल, की एक रिपोर्ट मिली। 23 दिसंबर 2025 को पब्लिश इस रिपोर्ट में पुलिस और स्थानीय सूत्रों के हवाले से बताया गया कि मंगलवार दोपहर को कुछ स्थानीय लोगों ने सुकुमार दास के तालाब में एक शव तैरता हुआ देखा और पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव बरामद किया।

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मृतक के बड़े भाई युवराज दास ने बताया कि कामदेव का उसी इलाके के शंकर दास की बेटी से प्रेम संबंध था। इसी बात को लेकर रविवार शाम (21 दिसंबर) को दोनों परिवारों के बीच कहासुनी और झगड़ा हुआ। कामदेव उसी रात से लापता था। कई जगहों पर तलाश करने के बावजूद परिवार के सदस्य उसे ढूंढ नहीं पाए और उसका मोबाइल फोन भी बंद था। अजमीरीगंज पुलिस स्टेशन के जांच अधिकारी (ओसी) बिस्वजीत पाल ने बताया कि शव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट तैयार करने और उसे पोस्टमार्टम के लिए हबीगंज मॉडर्न सदर अस्पताल भेजने की प्रक्रिया चल रही है। मृतक के परिवार से बात कर ली गई है और पुलिस घटना के रहस्य को सुलझाने के लिए जांच जारी रखे हुए है।
निष्कर्ष:
DFRAC के फैक्ट चेक से साफ है कि कामदेव दास की हत्या प्रेम संबंधों की वजह से हुई है। कामदेव और हत्या आरोपी एक ही समुदाय के हैं और इस मामले में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है। इसलिए यूजर्स का दावा भ्रामक है।

