women beaten in Bangladesh

फैक्ट चेकः बांग्लादेश में महिलाओं की पिटाई का वीडियो भारत से जोड़कर भ्रामक दावा किया गया

Uncategorized

सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया जा रहा है, जिसे भारत का बताकर और बिहार के सीएम नीतीश कुमार से जोड़ते हुए शेयर किया गया है। इस वीडियो के साथ दावा है कि भीड़ द्वारा दो मुस्लिम महिलाओं की हिजाब उतारकर पिटाई की गई। वहीं कई यूजर्स ने इस वीडियो को बांग्लादेश में बुर्का नहीं पहनने पर महिलाओं की पिटाई का बताकर शेयर किया है।

इस वीडियो को कनाडा से संचालित पाकिस्तानी प्रोपेगेंडा अकाउंट MQM Television ने शेयर करते हुए लिखा, ‘यह मोदी का भारत है।’

लिंक

कई यूजर्स इसे नीतीश कुमार से जोड़ते हुए शेयर कर रहे हैं, जिसे यहां, यहां और हां देखा जा सकता है। वहीं कई यूजर्स इसे बांग्लादेश में महिलाओं की बुर्का नहीं पहनने पर पिटाई का बताते हुए शेयर किया गया है, जिसे यहां, यहां और यहां देखा जा सकता है।

फैक्ट चेकः

DFRAC की टीम ने वायरल वीडियो की जांच में पाया कि यह घटना बांग्लादेश के चटगांव की है, जहां मेले में खाना परोसे जाने को लेकर विवाद हुआ था। हमारी टीम ने वायरल वीडियो के की-फ्रेम्स को Google पर रिवर्स इमेज सर्च किया है। हमें बांग्लादेश की प्रोथोम अलो, दैनिक आजादी और प्रोजोन्मो कोथा सहित कई मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं। इन मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि चटगांव जिला प्रशासन ने विजय दिवस के अवसर पर सीआरबी सिरिशतला क्षेत्र में रविवार से मंगलवार तक तीन दिवसीय विजय मेले का आयोजन किया था। मेले के आसपास कई चलती-फिरती दुकानें लगाई गईं। मंगलवार को हजारों लोग जमा हुए। कई दुकानों पर इस बात को लेकर झगड़े हुए कि पहले खाना किसे दिया जाएगा और किसे नहीं।

इन मीडिया रिपोर्ट्स में स्थानीय सीआरबी पुलिस चौकी के प्रभारी अबू सईद के हवाले से बताया गया है कि घटना के बाद, दो महिलाएं चौकी पर आईं और मौखिक शिकायत दर्ज कराई। बाद में, वहां कोई नहीं मिला। दोनों महिलाएं वहां से चली गईं। उस दिन, कई दुकानों पर झगड़ा हुआ था, जहां लोगों की भीड़ थी।

इन मीडिया रिपोर्ट्स और पुलिस के बयान में कहीं भी यह उल्लेखित नहीं है कि महिलाओं की पिटाई हिजाब नहीं पहने जाने पर की गई थी।

निष्कर्षः

DFRAC के फैक्ट चेक से साफ है कि वायरल वीडियो भारत का नहीं है, यह बांग्लादेश में मेले में खाना परोसे जाने के विवाद में महिलाओं की पिटाई का है। इसलिए यूजर्स का दावा भ्रामक है।