सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में देखा जा सकता है कि भीड़ द्वारा सामान लूटा जा रहा है। यूजर्स इस वीडियो को तेलंगाना में ईसाइयों पर हमले का बताकर शेयर कर रहे हैं। यूजर्स दावा कर रहे हैं कि हिन्दुत्ववादी तत्वों ने मंचेरियन जिले के सेंट मदर टेरेसा कैथोलिक स्कूल के प्रिंसिपल फादर रेमन जोसेफ पर हमला किया और उनके माथे पर जबरदस्ती तिलक लगाया।
वीडियो शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा, ‘मुसलमानों पर हमला करने के बाद, RSS के कट्टरपंथियों ने अब अपनी हिंसा का रुख #ईसाइयों की तरफ मोड़ दिया है। #तेलंगाना के मंचेरियल में सेंट मदर #टेरेसा कैथोलिक स्कूल में, उन्होंने प्रिंसिपल फादर रेमन जोसेफ पर हमला किया, और ज़बरदस्ती उनके माथे पर तिलक लगा दिया। यह गांधी का भारत नहीं है।’

इसके अलावा इस वीडियो को शालिनी शुक्ला नामक यूजर द्वारा भी ऐसे ही दावे के साथ शेयर किया गया है।

फैक्ट चेकः सामूहिक विवाह
DFRAC की टीम ने जांच में पाया कि वायरल वीडियो तेलंगाना में सेंट मदर टेरेसा कैथोलिक स्कूल पर हमले का नहीं है। यह वीडियो उत्तर प्रदेश के हमीरपुर में सामूहिक विवाह कार्यक्रम के दौरान जलपान के लिए रखे गए चिप्स की लोगों द्वारा लूट का है। वीडियो के की-फ्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें यह वीडियो हिन्दुस्तान अखबार के यूट्यूब चैनल पर अपलोड मिला। जिसकी हेडलाइंस है, ‘Hamirpur News: सामूहिक विवाह कार्यक्रम में मची चिप्स के पैकेट की लूट, दूल्हा भी शामिल।’
वहीं इस घटना के बारे में हमें आज तक और नवभारत टाइम्स की भी रिपोर्ट मिली, जिसमें बताया गया है कि ‘यूपी के हमीरपुर जिले के राठ कस्बे में आयोजित मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह सम्मेलन में अव्यवस्थाओं के चलते हंगामा मच गया। जलपान काउंटर पर अचानक भगदड़ मच गई, जहां लोग आलू बोंडा और चिप्स के पैकेट लूटकर भागते दिखे। इस भगदड़ में एक मासूम बच्चे का हाथ गर्म चाय में जाने से झुलस भी गया।’
वहीं हमने यह भी पाया कि तेलंगाना के मंचेरियन जिले में सेंट मदर टेरेसा स्कूल पर हमले की घटना हाल-फिलहाल की नहीं है। यह घटना अप्रैल 2024 की है। हमें इस घटना के संदर्भ में एनडीटीवी की 18 अप्रैल 2024 की रिपोर्ट भी मिली।

निष्कर्षः
DFRAC के फैक्ट चेक से साफ है कि सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो तेलंगाना में ईसाइयों पर हमले का नहीं है, यह वीडियो उत्तर प्रदेश के हमीरपुर में सामूहिक विवाद कार्यक्रम के दौरान जलपान के लिए रखे चिप्स लूटने का है। इसलिए यूजर्स का दावा भ्रामक है।

