Jammu and Kashmir

जम्मू-कश्मीर पर गृह मंत्री अमित शाह द्वारा 10 दिनों में उठाए गए कई कदमों के वायरल दावे का फैक्ट चेक

Fact Check Featured Misleading

सोशल मीडिया पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की तस्वीर के साथ जम्मू-कश्मीर को लेकर दावा किया जा रहा है कि गृहमंत्री ने कश्मीर में पिछले 10 दिनों में 18 महत्वपूर्ण एक्शन लिए हैं। इन दावों में 5 लाख हिन्दू-सिख परिवारों को कश्मीर का नागरिक बनाना, राज्य के सीएम उमर अब्दुल्लाह और महबूबा मुफ्ती की शक्तियों को वापस लेना, उमर अब्दुल्लाह और महबूबा मुफ्ती का जम्मू-कश्नीर नेशनल यूनिवर्सिटी का एक्सेस और अधिकार वापल लेना शामिल हैं।

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फैक्ट चेकः

DFRAC की टीम ने इस दावों की जांच के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय की वेबसाइट के प्रेस रिलीज सेक्शन को देखा। हमें अक्टूबर में ऐसी कोई सूचना नहीं मिली, जो जम्मू-कश्नीर पर लिए गए इन 18 फैसलों के बारे में जानकारी देती हो। हालांकि 9 अक्टूबर को गृहमंत्री अमित शाह ने कश्मीर की सुरक्षा को लेकर बैठक की थी।

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हमारी टीम ने PIB के भी प्रेस रिलीज सेक्शन को देखा। हमें यहां भी कश्मीर को लेकर गृहमंत्रालय के इन 18 फैसलों के बारे में कोई सूचना नहीं मिली।

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आगे की जांच के लिए हमारी टीम ने 18 दावों में कुछ की जानकारी ओपेन सोर्स के जरिए इकट्ठा की, जो निम्न प्रकार है। हमारी टीम को जांच के दौरान नागरिकता से जुड़े मामले पर कई मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं, जिसमें राज्य सरकार की तरफ से बताया गया है कि राज्य में 2 वर्षों में 83,000 से अधिक गैर-राज्यीय लोगों को निवास प्रमाण पत्र जारी किए गए है।

वहीं उमर अब्दुल्लाह की शक्तियां कम करने के संदर्भ में हमने जांच करने पाया कि राज्य में सरकार के गठन से पहले राष्ट्रपति शासन था, जिससे सारी शक्तियां राज्यपाल के पास थीं, लेकिन राज्य में चुनाव के बाद नई सरकार के गठन होने के बाद कुछ शक्तियां राज्य सरकार को वापस की गईं। हमें आज तक की रिपोर्ट मिली, जिसमें बताया गया है कि जम्मू-कश्मीर में 5 साल बाद चुनी हुई सरकार को प्रशासनिक शक्तियां मिल गई हैं. उप-राज्यपाल और उनके सलाहकारों के हाथ में जो शक्तियां थीं, उन्हें अब रद्द कर दिया गया है, ताकि नई चुनी हुई सरकार राज्य का कामकाज संभाल सके।

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वहीं हमने जांच में पाया कि जम्मू कश्मीर नेशनल यूनिवर्सिटी नाम की कोई यूनिवर्सिटी नहीं है। हालांकि कश्मीर यूनिवर्सिटी और जम्मू यूनिवर्सिटी में प्रो. चांसलर के तौर पर उमर अब्दुल्लाह का नाम है।

निष्कर्षः

DFRAC के फैक्ट चेक में हमें केंद्रीय गृह मंत्रालय की वेबसाइट और पीआईबी के प्रेस रिलीज सेक्शन में किए गए दावे के संदर्भ में कोई सूचना नहीं मिली। इसके अलावा हमें पिछले 10 दिनों में लिए गए इन 18 फैसलों के बारे में कोई मीडिया कवरेज भी नहीं मिली। जिससे यह स्पष्ट है कि कई दावे भ्रामक हैं।