Indian Army

फैक्ट चेकः भारतीय सेना के अधिकारी पिता और उनकी दो अफसर बेटियों के शहीद होने का भ्रामक दावा वायरल

Fact Check Featured Misleading

सोशल मीडिया पर दो तस्वीरों का एक कोलाज शेयर किया गया है। इन तस्वीरों में देखा जा सकता है कि भारतीय सेना के एक अधिकारी को उनकी दो बेटियों द्वारा बैज पहनाया जा रहा है। वहीं दूसरी तस्वीरों में शहीद सैनिकों का ताबूत ले जाया जा रहा है। इन तस्वीरों को शेयर करने वाले यूजर्स दावा कर रहे हैं कि भारतीय सेना के अधिकारी और उनकी दो अफसर बेटियां देश सेवा करते हुए शहीद हो गईं।

फेसबुक पर राजाराम यादव नामक यूजर ने लिखा, ‘बाप ओर दोनों बेटियां हुई शहीद..यह दिल दहला देने वाला और गहरा दुख देने वाला हादसा है। एक ही परिवार के तीन सदस्य—पिता और उनकी दो प्यारी बेटियां—देश की सेवा करते हुए शहीद हो गए। उनका साहस और त्याग असीम था, पर अब उनके बिना घर का हर कोना वीरान और खामोश लग रहा है। आंखों में आंसू और दिल में अपार वेदना बस गई है। उनके जाने से परिवार का हर लम्हा अधूरा और सूना हो गया। यह नुकसान अपूरणीय है। स्थानीय लोग और साथियों ने उनके बलिदान को नमन किया, लेकिन उनके परिवार का दर्द समझ पाना शायद किसी के लिए भी असंभव है। यह कहानी देशभक्ति और परिवारिक त्याग की सबसे दुखभरी मिसाल बनकर हमेशा याद रहेगी। सादर कोटि कोटि नमन…जय हिन्द’

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इसके अलावा कई अन्य यूजर्स द्वारा भी इस कोलाज को ऐसे ही दावे के साथ शेयर किया गया है, जिसे यहां, यहां और यहां देखा जा सकता है।

फैक्ट चेकः

DFRAC की टीम ने वायरल तस्वीरों की जांच में पाया कि सोशल मीडिया पर वायरल दावा गलत है। दरअसल यह दोनों तस्वीरें अलग-अलग घटनाओं की हैं और इनका एक-दूसरे से कोई कोई संबंध नहीं हैं। हम यहां दोनों तस्वीरों का अलग-अलग फैक्ट चेक प्रदान कर रहे हैं-

पहली तस्वीर का फैक्ट चेकः

पहली तस्वीर भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट जनरल डीपी सिंह की है। यह तस्वीर नवंबर 2024 की है, जब लेफ्टिनेंट जनरल डी पी सिंह ने सैन्य खुफिया प्रशिक्षण इकाई का कार्यभार संभाला था, तब उनकी सेना में अधिकारी बेटियों ने उन्हें नया बैज लगाया था। हमें यह तस्वीर इंडियन एक्सप्रेस की 4 नवंबर 2024 की एक रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि लेफ्टिनेंट जनरल डीपी सिंह ने पुणे स्थित सैन्य खुफिया प्रशिक्षण स्कूल और डिपो की प्रतिष्ठित कमान संभाली। लेफ्टिनेंट जनरल डी. पी. सिंह, जिन्हें हाल ही में थ्री-स्टार रैंक पर पदोन्नत किया गया और पुणे स्थित मिलिट्री इंटेलिजेंस ट्रेनिंग स्कूल एंड डिपो (MINTSD) की प्रतिष्ठित कमान सौंपी गई, उन्होंने गर्व के साथ उपरोक्त विशेषणों को जीया। सेना ने इस घटना को ‘दुर्लभ और प्रेरणादायक’ बताया और कहा कि यह “सशस्त्र बलों में नारी शक्ति की भावना को उजागर करता है”।

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वहीं इस तस्वीर को भारतीय सेना के Army Training Command के फेसबुक पेज से भी शेयर किया गया है।

दूसरी तस्वीर का फैक्ट चेकः

हमारी टीम ने दूसरी तस्वीर की जांच करने पर पाया कि यह वर्ष 2018 की तस्वीर है, जब सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के 4 जवान शहीद हो गए थे। गेट्टी इमेजेस पर तस्वीर के साथ दी गई जानकारी के मुताबिक 13 जून, 2018 को जम्मू के पलौरा बीएसएफ मुख्यालय में पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद सीमा पार से हुई गोलीबारी में शहीद हुए चार बीएसएफ जवानों के ताबूत ले जाया गया।

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निष्कर्षः

DFRAC के फैक्ट चेक से साफ है कि सोशल मीडिया पर दो अलग-अलग घटनाओं की तस्वीरों को शेयर कर भ्रामक दावा किया गया है।