फैक्ट चेक: क्या भारत ने तुर्कीए को गेंहू देने से मना कर दिया? जानिए सच्चाई

Uncategorized

सोशल मीडिया पर भारत और तुर्कीए एक बड़ा दावा वायरल हो रहा है। जिसमे कहा जा रहा है कि तुर्कीए में गेहूं की भारी कमी हो गई है। लेकिन भारत ने तुर्कीए को गेहूं देने से मना कर दिया है।

Source: X

सोशल साईट X पर वेरिफाइड यूजर जनार्दन मिश्रा ने लिखा कि 2 साल पहले तुर्की ने भारत से भेजा गया 56 हजार टन गेहूँ ये कहते हुए वापिस भिजवा दिया था कि इसमें रूबेला वायरस है… बाद में भारत ने जांच करके वो गेहूँ दूसरे मुल्क में निर्यात कर दिया था.. अब एक बार फिर तुर्की में गेहूँ की कमी हो गई है… जरूरत का सिर्फ 40% गेहूँ तुर्की के पास है.. उसने भारत से गेहूँ मांगा लेकिन भारत सरकार ने तुर्की को गेहूँ देने से मना कर दिया… अब तुर्की में खाद्यान्न संकट पैदा हो गया है.. एरडोगन भूल गया था भारत मे उसके अब्बाजान मोदी की सरकार है!!

Source: X

वहीं एक अन्य वेरिफाइड यूजर ओशन जैन ने ऐसा ही दावा करते हुए लिखा कि टर्की आज उसी गड्ढे में गिर पड़ा है जो दूसरे के लिए खोदी थी. डेढ़ साल पहले टर्की के कहने पर भारत ने 56 हजार टन गेंहूं टर्की को भेजा था. लेकिन एर्दोगान ने बुरी नियत के चलते अचानक गेंहूं को लेने से न केवल मना कर दिया था बल्कि यह झूठ भी फैलाया कि भारत के गेंहूं में खतरनाक रूबेला वायरस पाया गया है. दुनियां में गेंहूं के सबसे बड़े निर्यातक देश भारत उस समय टर्की के इस हमले पर खून का घूंट पीकर रह गया था. जांच में पाया गया कि रूबेला वायरस गेंहूं में होता ही नहीं. दुनियां के खाड़ी देशों में भारत गेंहू का मुख्य निर्यातक बना रहा. . उधर टर्की जो गेंहू के लिए यूक्रेन और रूस पर निर्भर था अब युद्ध के चलते आपूर्ति ढप पड़ गयी और एकबार फिर भारत से गेंहूं भेजने के लिये रिक्वेस्ट कर रहा है. टर्की अपनी खपत का केवल 40% गेंहूं ही पैदा कर पाता है. ऐसे में गेंहूं न मिलने से वहां खाद्यान्न संकट उत्पन्न हो गया है. . भारत ने टर्की को गेंहूं देने से स्पष्ट मना कर दिया है. धोखेबाज एर्दोगान का घमंड स्वतः चूर चूर हो गया.

फैक्ट चेक:

Source: MEA

वायरल दावे की जांच के लिए DFRAC ने दावे से जुड़े कुछ कीवर्ड गूगल पर सर्च किये। लेकिन हमें ऐसी कोई न्यूज़ नहीं मिली। जिससे पता चलता हो कि तुर्कीए ने भारत से गेहूं भेजने की बात हो और भारत ने तुर्कीए की मांग को ठुकरा दिया हो। इसके साथ ही हमने भारतीय विदेश मंत्रालय की तुर्कीए से सबंधित प्रेस रिलीज को भी चेक किया। लेकिन इस बारे में कोई जानकारी नहीं मिली।

Screenshot_55

Source: The New Indian Express

जांच को आगे बढ़ाते हुए हमने भारत के गेहूं निर्यात से जुड़ी जानकारी भी एकत्रित की। इस दौरान हमें द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट में बताया गया कि केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बुधवार को गेहूं और आटे के निर्यात की अनुमति के उद्योग के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया और इस बात पर ज़ोर दिया कि निर्यात की तुलना में घरेलू ज़रूरतों को प्राथमिकता दी जाएगी। बता दे कि भारत ने 2022 से गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया हुआ है।

निष्कर्ष

DFRAC के फैक्ट चेक से साबित होता है कि भारत द्वारा तुर्कीए की गेहूं की मांग को ठुकराए जाने का दावा फेक है। क्योंकि भारत ने 2022 से घरेलू ज़रूरतों को प्राथमिकता देते हुए गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। जो वर्तमान में भी जारी है।