कट्टरपंथ प्रोपेगंडा और फेक नैरेटिव: हामिद अली की भूमिका की पड़ताल

Featured Report

हामिद अब्दुल्ला अहमद अल-अली सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव है। सोशल साईट X पर उनका @Hamedalalinew हेंडल है। जिस पर उनके 42K के करीब फॉलोवर है। उनके बायो में बताया गया कि “यह शेख हामिद अल-अली का नया खाता, उनके पिछले खाते को निलंबित कर दिया गया था और हमने इसकी पुष्टि करने के लिए उनकी वेबसाइट http://h-alali.net पर इसके बारे में एक घोषणा पोस्ट की थी।”

Source: X

Source: h-alali.net

हामिद अब्दुल्ला अहमद अल-अली के लिए X पर इस्लाम की उग्र विचारधारा सलाफ़ी के पोषक है। वे न केवल पॉलिटिकल इस्लाम का प्रसार करते है बल्कि पाकिस्तान के पक्ष में भारत विरोधी प्रचार करते हुए भी दिखाई देते है। इसके लिए उन्होने फेक नरेटिव का भी सहारा लिया। इस रिपोर्ट में हम विस्तार से निम्नलिखित बिन्दुओं पर चर्चा करेंगे।

  1. हामिद अल-अली के बारे में।
  2. हामिद अल-अली की आतंकी गतिविधियों की पड़ताल।
  3. हामिद अल-अली के भारत विरोधी नरेटिव।
  4. हामिद अल-अली के पाकिस्तान के पक्ष में प्रोपेगेंडा।
  5. हामिद अल-अली के फेक नरेटिव की पड़ताल।
  6. निष्कर्ष
  1. शेख हामिद बिन अब्दुल्ला अहमद अलअली

शेख हामिद बिन अब्दुल्ला अहमद अल-अली एक कुवैती सलाफ़ी स्कॉलर है। उनका जन्म 20 जनवरी 1960 को कुवैत में हुआ। उन्होने इस्लामिक यूनिवर्सिटी मदीना से तफ़सीर और कुरानिक स्टडीज़ में मास्टर डिग्री हासिल की। मदीना से लौटने के बाद वह कुवैत विश्वविद्यालय में अध्यापक भी रहे। उन्होने कुवैत में 1991 से 1999 तक कुवैत के सलाफ़ी मूवमेंट अल हरकात अल सलफिय्या के महासचिव के रूप में कार्य किया।

  •  हामिद अलअली की आतंकी गतिविधियों की पड़ताल

उन्होने अमरीका में हुए 9/11 हमले में आत्मघाती विमानों के उपयोग को जायज करार देते हुए फतवा दिया। इस फतवे ने उनके आतंकी संगठन अलकायदा से रिश्तों को पहली बार दुनिया के सामने सार्वजनिक किया। विवादास्पद गतिविधियों के कारण कुवैत की एक अपारधिक अदालत ने हामिद अल-अली को 2004 में दो वर्ष की जेल की सज़ा भी सुनाई। लेकिन 1000 कुवैती दिनार की अदायगी पर उनकी सज़ा को निलंबित कर दिया गया। हालांकि मार्च 2005 में जिहाद से जुड़े उनके फतवों को लेकर उनकी गिरफ्तारी हुई। इस दौरान वे 21 दिनों तक जेल में रहे।

हामिद अल-अली पर  सीरिया में अहरार अल-शाम समूह का समर्थन करने के भी आरोप लगे। अहरार अल-शाम का पूरा नाम अहरार अल-शाम इस्लामिक मूवमेंट है। जिसका गठन 2011 के सीरियाई गृहयुद्ध में राष्ट्रपति बशर अल-असद के शासन को उखाड़ फेंकने और एक इस्लामिक सरकार की स्थापना के लिए किया गया था। 2017 में, अहरार अल-शाम के सदस्यों ने हयात तहरीर अल-शाम (HTS) नामक एक बड़े इस्लामी संगठन के गठन में विलय कर लिया, जिसने हाल ही में सीरियाई सरकार का तख्तापलट किया। अहरार अल शाम की स्थापना सलाफी वैचारिक ढाँचे पर हुई थी और यह जिहादी विचारधारा का समर्थन करता है।

हामिद अल-अली को सीरिया में जबाहत अल-नुसरा में शामिल होने के इच्छुक आतंकवादियों के लिए धन जुटाने, भर्ती करने और उनकी यात्रा में मदद करने के आरोप में संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका की प्रतिबंधित सूची में शामिल किया गया था। उन्होने जबाहत अल-नुसरा और आईएसआईएस के नेताओं के बीच सुलह कराने का प्रयास किया, तथा जबाहत अल-नुसरा के नेता अबू मोहम्मद अल-जुलानी और आईएसआईएस के नेता अबू बक्र अल-बगदादी से मिलने के लिए कई बार सीरिया की भी यात्रा की। जिसके बाद सऊदी अरब, यूएई, बहरीन और मिस्र ने भी अल-अली को प्रतिबंधित आतंकवादियों की सूची में शामिल किया।

3. हामिद अलअली के भारत विरोधी नरेटिव की पड़ताल

हामिद अल-अली X पर भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा चलाये हुए है। जिसमे न केवल वह अरब वर्ल्ड में भारत की नकारात्मक छवि का चित्रण कर रहे है। बल्कि अंतराष्ट्रीय स्तर पर भी भारत के अन्य देशो के साथ रिश्तों को लेकर मज़ाक बनाते हुए दिखाई देते है। हाल ही में उन्होने भारत और अमेरिका के साथ बिगड़ते रिश्तों को लेकर भारत को निशाना बनाया।

Source: X

उन्होने अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए टेरीफ़ को लेकर कहा कि “अफ़ग़ानिस्तान पर अमेरिका के कब्ज़े के दौरान भारत ने सबसे ज़्यादा मदद की थी, लेकिन कहा जाता है कि अत्याचारी का कोड़ा उन्हीं पर पड़ता है जिन्होंने उसकी मदद की थी। भारतीय प्रधानमंत्री ने नागरिकों से स्थानीय उत्पादों का समर्थन करने का आह्वान किया है, क्योंकि भारत को ट्रंप प्रशासन द्वारा लगाए गए सबसे ज़्यादा टैरिफ़ का सामना करना पड़ रहा है।

Source: X

उन्होने एक अन्य ट्वीट में उन्होने लिखा कि भारत में, “वीज़ा मंदिर” कहे जाने वाले मंदिर हैं जहाँ अमेरिका में काम और पढ़ाई के लिए वीज़ा की पूजा की जाती है। तो ट्रंप ने क्या किया? उन्होंने वीज़ा शुल्क बढ़ाकर 1,00,000 डॉलर कर दिया। हिंदू वहाँ के वीज़ा मंदिरों में दौड़े और ट्रंप से प्रार्थना की कि वे शुल्क में इस भारी वृद्धि को रद्द कर दें, जो पहले 3,000 डॉलर से भी कम थी।

Source: X

इसके साथ ही उन्होने अमेरिका में एफ़बीआई निदेशक काश पटेल के भगवद गीता पर शपथ लेने को लेकर लिखा कि भारत में मुसलमानों का विवरण: अमेरिका में नए FBI निदेशक हिंदू हैं और उन्होंने पद की शपथ हिंदुओं की पवित्र पुस्तक भगवद् गीता पर ली है! @MuslimsinIndia7.

Source: X

हामिद अल अली ने न्यूयार्क शहर के मेयर चुनाव में डेमोक्रेटिक उम्मीदवार ज़ोहरान ममदानी का पुराना वीडियो शेयर कर लिखा कि गाजा नरसंहार उन्हें गुजरात नरसंहार की याद दिलाता है। कल चुनाव जीतने वाले न्यूयॉर्क के नए मेयर का कहना है कि उनकी जड़ें गुजरात के मुसलमानों से जुड़ी हैं—जहाँ 20 साल पहले हिंदुओं ने नरसंहार किया था, जब हिंदुओं ने हज़ारों मुसलमानों का कत्लेआम किया था और हज़ारों मुसलमानों को विस्थापित किया था, जो अब शिविरों में रह रहे हैं। उनका कहना है: “भारतीय प्रधानमंत्री मोदी इस नरसंहार का समर्थन करते हैं, और नेतन्याहू भी उन्हीं की तरह एक युद्ध अपराधी हैं।”

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान का समर्थन

                                                                                                               Source: X

हामिद अल अली ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के खिलाफ नरेटिव खड़ा कर पाकिस्तान के साथ दिया। उन्होने भारत के खिलाफ फेक और झूठा नरेटिव भी गढ़ने की भी कोशिश की। इस दौरान उन्होने पाकिस्तान के पक्ष में झूठी सहानुभूति भी अर्जित करने का प्रयास भी किया। अपने ट्वीट में उन्होने आतंकी केंपों पर हमले को दुनिया के सामने मस्जिद पर हमले के रूप में प्रस्तुत किया। इसके साथ ही ये भी दावा किया कि जवाबी हमले पाकिस्तानी सेना ने एक भारतीय ब्रिगेड मुख्यालय को नष्ट कर दिया और दो भारतीय राफेल लड़ाकू विमानों को मार गिराया।

Source: X

एक अन्य ट्वीट में उन्होने बीबीसी के हवाले से लिखा कि भारतीय युद्धक विमान अचानक उड़ान के बीच में ही काम करना बंद कर देते हैं और पाकिस्तान में दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं। बीबीसी प्रसारक: हो सकता है कि तुर्किये ने पाकिस्तान को कोरल इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली दी हो।

Source: X

इसके साथ ही एक वीडियो शेयर कर उन्होने दावा किया कि पाकिस्तान ने कश्मीर और जम्मू में भारतीय सैन्य ठिकानों पर मिसाइलों और ड्रोन से बमबारी की। जिसमे दर्जनों भारतीय मारे गए। जम्मू में भीषण आग लग गई।

Source: X

हामिद अल अली ने पाकिस्तान के साथ जल समझौते पर पाबंदी को लेकर लिखा कि तुमने बाँध खोला, निंदा से नहीं, बल्कि एक ऐसी मिसाइल से जो उल्कापिंड की तरह तुम पर टूट पड़ी। पाकिस्तान कोई बिस्कुट बनाने वाली सेना नहीं है, मेरे दोस्त। — तत्काल: भारत ने पाकिस्तान के साथ युद्धविराम की घोषणा के बाद कश्मीर में चिनाब नदी पर बने बगलिहार और सलाल बाँधों के द्वार खोल दिए हैं।

भारत में मुस्लिमों पर अत्याचार की मुहिम

हामिद अल अली द्वारा भारत में हिंदुत्ववादियों के द्वारा प्रस्तुत मुस्लिमों के खिलाफ की जाने वाली कार्यवाही को मुस्लिमों पर अत्याचार के रूप में प्रस्तुत किया गया है। इसके साथ ही केंद्र की मोदी सरकार पर भारत और कश्मीर में मुस्लिमों को निशाना बनाए जाने का भी आरोप लगाया गया है। भारत में मुस्लिमों से जुड़ी खबरों को अरबी में कुछ इस तरह से प्रस्तुत किया गया है। जिससे प्रतीत होता है कि भारत में मुसलमानो को उनके धर्म और पुजा पद्धति को लेकर निशाना बनाया जा रहा है। न केवल उन्हे बल्कि उनकी धार्मिक पहचान और उनके धार्मिक स्थल भी भारत में सुरक्शित नहीं है। हालांकि इसके पीछे हिंदुत्ववादी संगठनों की मुस्लिम विरोधी भी सहायक है। जो भारत की प्रतिष्ठा को अरब देशों सहित अंतराष्ट्रीय स्तर पर नुकसान पहुंचा रही है।

Source: X

हामिद अल अली अपने एक ट्वीट में लिखते है कि टीआरटी अरेबिक द्वारा तैयार की गई एक रिपोर्ट हिंदू पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर के विनाश का आह्वान करता है, जैसा कि गाजा में कब्जे के दौरान हुआ था, और मोदी सरकार “मुस्लिम भूमि बैंक” पर कब्ज़ा करना चाहती है। भारत में क्या हो रहा है? और अप्रैल में वहाँ मुसलमानों को निशाना बनाने की घटनाएँ कैसे बढ़ गईं?

Source: X

उन्होने एक वीडियो शेयर कर लिखा कि हिंदू चरमपंथियों ने उस जगह पर गोमूत्र डाला जहाँ दो मुस्लिम महिलाएँ प्रार्थना कर रही थीं, और उसी जगह अपने भगवान राम की पूजा करने के लिए मूर्तिपूजा की रस्में निभाईं। यह मुसलमानों के खिलाफ नस्लवादी उन्माद की उस लहर का हिस्सा है जो मोदी के नेतृत्व वाली हिंदू चरमपंथी पार्टी के सत्ता में आने के बाद से भारत में फैल गई है, जिसके कारण पाकिस्तान के साथ युद्ध छिड़ गया।

Source: X

उन्होने एक मस्जिद को गिराने से जुड़ी घटना को लेकर लिखा कि भारत: हरियाणा राज्य के फरीदाबाद शहर में आधी सदी पहले बनी एक ऐतिहासिक मस्जिद को अपराधी भारतीय अधिकारियों ने ध्वस्त कर दिया, जिससे स्थानीय मुस्लिम समुदाय में व्यापक आक्रोश फैल गया। यह नस्लवादी मोदी सरकार द्वारा कई मस्जिदों को ध्वस्त करने और इस्लामी दान को जब्त करने के अभियान का हिस्सा है।

Source: X

एक अन्य ट्वीट में उन्होने लिखा – भारत: महाराष्ट्र के राजापुर में जामा मस्जिद में कल रात जब मुसलमान तरावीह की नमाज अदा कर रहे थे, तो शिमाजा होली का त्योहार मना रही हिंदू भीड़ ने पुलिस की मौजूदगी के बावजूद मस्जिद का गेट तोड़ दिया, हिंदुत्व के नारे लगाए और मस्जिद पर झूला (रंगीन पाउडर) फेंका।

Source: X

हामिद अल अली ने सुप्रीम कोर्ट को निशाना बनाते हुए मणिपुर घटना पर लिखा – ये उनके महान न्यायाधीश हैं! भारत: सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश ने मुसलमानों को खतना किया हुआ बताया, उन्हें राष्ट्र के लिए अभिशाप माना, और हिंदुओं को सहिष्णु और मुसलमानों को बर्बर बताया। यह हिंदुओं द्वारा मुसलमानों, ईसाइयों और सिखों के खिलाफ किए गए अनगिनत क्रूर अपराधों के बावजूद है, जिनमें से सबसे हालिया अपराध एक ईसाई महिला के साथ बलात्कार, उसकी नग्न तस्वीरें खींचना और उसे इधर-उधर घुमाना था।

Source: X

उन्होने हिन्दुत्ववादियों के एक मस्जिद पर हमले के वीडियो को शेयर करते हुए लिखा कि भारत: महाराष्ट्र में उग्र हिंदू भीड़ ने एक मस्जिद और मुस्लिम घरों पर हमला किया। वीडियो फुटेज में तलवारों और लाठियों से लैस भीड़ को मस्जिद की सामग्री को तोड़फोड़ करते हुए, उसकी छत पर चढ़कर लाल हिंदू भगवा झंडा फहराते हुए और “जय श्री राम” का नारा लगाते हुए दिखाया गया है।

Source: X

उन्होने एक ट्वीट में दावा किया कि भारत – उत्तराखंड राज्य: मुसलमानों ने हिंदू दुकानों पर काबा की छवि वाले पायदान बेचने की शिकायत की, लेकिन पुलिस ने दुकान मालिकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।

हामिद अल अली के फेक नरेटिव का भंडाफोड़

हामिद अल अली ने भारत के खिलाफ फैलाये अपने नरेटिव में फेक और भ्रामक दावों का भी सहारा लिया। उन्होने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के समर्थन में भी फेक खबरे फैलाई। इतना ही नहीं उन्होने भारत की मुस्लिम विरोधी छवि को गढ़ने के लिए झूठे दावे भी किये। जिसका खुलासा हम अब नीचे करेंगे।

  1. फैक्ट चेक: हिन्दू युवक ने मुस्लिम शख्स को कुल्हाड़ी से जानलेवा हमला कर किया घायल

हामिद अल अली ने उत्तरप्रदेश के हवाले से एक वीडियो शेयर किया। ये वीडियो सीसीटीवी फुटेज का है। फुटेज में एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति पर क्रूरतापूर्वक हमला करता दिख रहा है। हामिद अल अली ने मामले को सांप्रदायिक रंग देते हुए वीडियो को कैप्शन देते हुए लिखा कि उत्तर प्रदेश: एक हिंदू व्यक्ति ने एक मुस्लिम व्यक्ति पर कुल्हाड़ी से हमला कर दिया, जब वह अपने बच्चे के साथ शांति से बैठा था। हिंदू व्यक्ति का नाम गोविंद है और वह बेखौफ होकर कुल्हाड़ी लेकर सड़कों पर घूम रहा था।

Source: X

फैक्ट चेक:

वायरल वीडियो के साथ किये गए दावे की जांच के लिए DFRAC ने दावे से जुड़े कुछ कीवर्ड सर्च किए। इस घटना के सबंध में हमें शामली पुलिस का एक पर पोस्ट मिला। जिसमे बताया गया कि प्रकरण के सम्बन्ध में थाना झिंझाना पर सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत किया गया है । मजरूब का मेडिकल कराया गया है। मजरुब की स्थिति पूर्णतः सामान्य एवं खतरे से बाहर है। जांच में प्रथम दृष्टया आरोपी की बहन के बारे में मजरुब द्वारा अश्लील बाते किया जाना पाया गया है। अभियोग में विवेचनात्मक कार्यवाही की जा रही है । गोविन्द का यह कहना कि 26 के बदले 26 को मारेगा, यह पूर्णतः निराधार व मिथ्या है। इस तरह की अफवाह न फैलाये अन्यथा अफवाह फैलाने वालों के विरुद्ध कठोर विधिक कार्यवाही की जायेगी ।

Source: X

Source: X

इसके अलावा आरोपी गोविंद की गिरफ्तारी के बाद पुलिस अधीक्षक शामली का भी बयान मिला। जिसमे बताया गया कि गोविंद और सरफराज आपस में दोस्त और पड़ोसी थे। दोनों एक साथ मजदूरी करते थे। सरफराज के गोविंद की बहन के साथ अवैध सबंध थे। सरफराज गोविंद की बहन से अश्लील बाते किया करता था। इस वजह से घटना को अंजाम दिया गया। उन्होने मामले में किसी भी प्रकार के सांप्रदायिक एंगल के होने का भी खंडन किया।

निष्कर्ष:

DFRAC के फैक्ट चेक से साबित होता है कि हामिद अल अली ने वायरल वीडियो को भ्रामक दावे के साथ शेयर किया है। मामले में किसी भी प्रकार का कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है।

2. फैक्ट चेक: थाइलेंड के आतिशबाजी के वीडियो को भारत द्वारा भेजे गए इजरायली ड्रोन को पाकिस्तान में नष्ट होते दिखाया

हामिद अल अली ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत विरोधी माहौल बनाने में पाकिस्तान की काफी सहायता की। इसके लिए उन्होने कई फेक और भ्रामक दावों का सहारा लिया। 9 सितंबर 2025 को आसमान में धुएँ के गुब्बार का एक वीडियो शेयर कर दावा किया कि भारत द्वारा भेजे गए 35 इजरायली ड्रोनों को अब तक मार गिराया गया है।

Source: X

फैक्ट चेक:

वायरल वीडियो के साथ किये गए दावे की जांच के लिए DFRAC ने सबसे पहले वीडियो को कीफ्रेम में कन्वर्ट किया और फिर कीफ्रेम को रिवर्स सर्च किया। इस दौरान हमें ऐसा ही एक वीडियो यूट्यूब पर मिला। 06 मई 2025 को वीडियो को शेयर करते हुए केप्शन देते हुए लिखा गया कि “केवल थाईलैंड में।” वायरल वीडियो “थाई गिरांडोला” नामक एक आतिशबाजी का है।

Source: Youtube

निष्कर्ष:

DFRAC के फैक्ट चेक से साबित होता है कि हामिद अल अली ने वायरल वीडियो को भ्रामक दावे के साथ शेयर किया है। वायरल वीडियो थाइलेंड की “थाई गिरांडोला” नामक एक आतिशबाजी का है।

3. फैक्ट चेक: पाकिस्तानी स्नाइपर के हाथों भारतीय सैनिक के मारे जाने का भ्रामक वीडियो किया शेयर

हामिद अल आली ने 09 मई 2025 को भारत -पाक संघर्ष के दौरान X पर एक वीडियो शेयर किया। जिसमे एक सैनिक को दूर से गोली लगते हुए देखा जा सकता है। वीडियो को शेयर करते हुए उन्होने लिखा कि एक पाकिस्तानी स्नाइपर ने कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर एक भारतीय सैनिक को निशाना बनाया।

Source: X

फैक्ट चेक:

वायरल वीडियो के साथ किये गए दावे की जांच के लिए DFRAC ने सबसे पहले वीडियो को कीफ्रेम में कन्वर्ट किया। उसके बाद अलग-अलग कीफ्रेम को रिवर्स सर्च किया। इस दौरान हमें ऐसा ही एक वीडियो डोक्यूमेंटिंग रियलिटि की वेबसाईट पर मिला। वेबसाइट पर इस वीडियो को 17 अक्तूबर 2021 को पोस्ट किया गया था। ऐसे में स्पष्ट है कि वायरल वीडियो 2021 से ही इंटरनेट पर मौजूद है।

Source: Documentary Reality

DFRAC के फैक्ट चेक से साबित होता है कि वायरल वीडियो भ्रामक है। क्योंकि वीडियो अक्टूबर 2021 से ही इंटरनेट पर मौजूद है। वीडियो का भारत-पाक संघर्ष से कोई लेना देना नहीं है।

निष्कर्ष:

शेख हामिद अल अली को सयुंक्त राष्ट्र सहित कई देशों ने आतंकी घोषित करते हुए प्रतिबंधित किया हुआ है। वह सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी सलाफ़ी  तकफीरी विचारधारा का खुलेआम प्रचार-प्रसार कर रहा है। उसके निशाने पर भारत भी है। जहां वह पाकिस्तान का कट्टर समर्थक है। वहीं वह भारत के विरोध में सारी हदे पर करते हुए दिखाई देता है। भारत में मुसलमानों पर हिंदुत्ववादियों का अत्याचार उसके भारत विरोधी एजेंडे में सीधे मददगार है। अरब और मुस्लिम देशों में वह भारत की एक नकारात्मक और मुस्लिम विरोधी छवि को पेश कर रहा है।  इन देशों के साथ भारत के सदियों से ही मजबूत सबंध रहे है। भारत-पाक संघर्ष के दौरान उन्होने पाकिस्तान के पक्ष में  भारत को एक कमजोर राष्ट्र के रूप दिखाने की भी कोशिश की है।