फैक्ट चेक: क्या मोदी सरकार ने हिन्दी न्यूज़ चैनलों में उर्दू के इस्तेमाल को लेकर जारी किया नोटिस ? जानिए सच्चाई

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सोशल मीडिया पर उर्दू भाषा को लेकर एक बड़ा दावा किया जा रहा है। जिसमे कहा जा रहा है कि केंद्र की मोदी सरकार ने हिन्दी न्यूज़ चैनलों में उर्दू के इस्तेमाल को लेकर एक नोटिस जारी किया है। साथ ही चैनलों को भाषा विशेषज्ञ की नियुक्ति करने का भी निर्देश दिया है।

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सोशल साईट X पर एक वेरिफाईड यूजर मुस्लिम सियसत ने लिखा कि ठाणे (महाराष्ट्र) के रहने वाले एस.के. श्रीवास्तव ने 9 सितंबर को CPGRAMS पोर्टल पर शिकायत की कि बड़े हिंदी न्यूज़ चैनल जैसे टीवी9 भारतवर्ष, आज तक, एबीपी न्यूज़, ज़ी न्यूज़ और टीवी18 अपनी ख़बरों में करीब 30% उर्दू शब्दों का इस्तेमाल करते हैं। उनका कहना है कि ये चैनल खुद को “हिंदी” चैनल बताते हैं, लेकिन उर्दू शब्दों के ज़्यादा इस्तेमाल से दर्शकों के साथ धोखा कर रहे हैं। इस शिकायत पर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने चैनलों को नोटिस भेजा है। श्रीवास्तव का सुझाव है कि चैनल भाषा विशेषज्ञ रखें और अपनी वेबसाइट पर रिपोर्ट भी डालें, ताकि हिंदी-उर्दू जानने वाले पत्रकारों और शोधकर्ताओं को नौकरी के मौके मिल सकें।

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इसके अलावा एक अन्य यूजर डॉ मानवेंद्र सिंह ने ऐसा ही दावा करते हुए लिखा कि SK Srivastav (ठाणे) ने शिकायत की है हिंदी न्यूज चैनल समाचारों में 30% उर्दू शब्दों का इस्तेमाल है। शिकायत संज्ञान में लेकर सूचना प्रसारण मंत्रालय चैनलों को नोटिस भेजा है। Srivastav ji की आपत्ति है ‘बैठिए’ के लिए ‘तशरीफ रखिए’ & ‘बाढ़’ के लिए ‘सैलाब’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल होता है

फैक्ट चेक:

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वायरल दावे की जांच के लिए DFRAC ने गूगल पर कुछ कीवर्ड सर्च किये। इस दौरान हमें प्रेस इन्फोर्मेशन ब्यूरो (पीआईबी) का एक फैक्ट चेक मिला। जिसमे उक्त दावे को भ्रामक बताते हुए कहा गया कि यह दावा #भ्रामक है। इसके साथ ही आगे कहा गया कि मंत्रालय ने केबल टेलीविजन नेटवर्क विनियमन अधिनियम के प्रावधानों के तहत एक दर्शक की शिकायत संबंधित चैनलों को भेज दी है। चैनलों को निर्देश दिया गया है कि वे शिकायतकर्ता को की गई कार्रवाई से अवगत कराएँ और संबंधित नियमों के अनुसार मंत्रालय को भी सूचित करें।

निष्कर्ष:

DFRAC के फैक्ट चेक से साबित होता है कि वायरल दावा भ्रामक है। क्योंकि मंत्रालय ने केवल नियमानुसार दर्शक की शिकायत को चैनल को भेजा है। वहीं कार्रवाई को शिकायतकर्ता और मंत्रालय को सूचित करने के लिए भी निर्देशित किया है।