फैक्ट चेक: दरोगा के थप्पड़ मारने का पुराना वीडियो फिर से हुआ वायरल

Fact Check Fact Check hi Fake Misleading

सोशल मीडिया पर एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में एक पुलिसकर्मी को घेरे हुए भीड़ को देखे जा सकता है। इस भीड़ में से अचानक एक शख्स आकर पुलिसकर्मी की पिटाई करने लग जाता है। बताया जा रहा है कि वायरल वीडियो लखनऊ का है।

Source: X

सोशल साईट X पर वेरिफाइड यूजर एडवोकेट दीपक बाबू ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए लिखा कि वीडियो उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ का जहां योगी जी हमेशा विराजमान रहते हैं यह लड़का किसी IPS या किसी जज का लड़का था जिसने सरेआम एक दरोगा को थप्पड़ मरते हुए बार-बार पीटा और कहा पुलिस गिरी करता है। भाजपा में दबंगों का ही बोलबाला है गरीबों को तो पुलिस लात मार के अंदर कर देती है @myogiadityanath @dgpup @Rajeevkrishna69 @adgzonelucknow

फैक्ट चेक:

वायरल वीडियो के साथ किये गए दावे की जांच के लिए DFRAC ने सबसे पहले वायरल वीडियो से जुड़े कीवर्ड को गूगल पर सर्च किया। इस दौरान हमें घटना से जुड़ी आज तक, जनसत्ता, और जनज्वार की रिपोर्ट मिली। 03 दिसंबर 2021 को पब्लिश मीडिया रिपोर्ट में “एडीसीपी उत्तरी प्राची सिंह ने बताया – पीलीभीत में तैनात विनोद कुमार अल्पसंख्यक आयोग से जुड़े एक मामले के कागज लेकर लखनऊ आए थे। वह गुरुवार देर रात आठ नंबर चौराहा के पुल से उतर रहे थे कि तभी एक बाइक सवार युवक सामने आ गया था। उस युवक को बचाने के चक्कर में दरोगा विनोद कुमार की कार बेकाबू होकर पास के एक होटल के बाहर खड़ी गाड़ी से टकरा गई थी। हादसे में दरोगा और दूसरे पक्ष की कार भी क्षतिग्रस्त हुई थी। बताया गया कि उस समय होटल में प्रियांक माथुर नाम के युवक के शादी का रिसेप्शन चल रहा था। मिली जानकारी के अनुसार प्रियांक माथुर दिल्ली में अधिवक्ता हैं। उधर गाड़ियों के टकराने की आवाज सुनकर होटल में मौजूद प्रियांक के रिश्तेदार व अन्य लोग बाहर आए। साथ ही प्रियांक भी बाहर आ गया। बाहर का नजारा व कार की हालत देखकर सभी दरोगा पर हमलावर हो गए। जिसके बाद दरोगा विनोद कुमार को घेर कर पीटना शुरू कर दिया। दूल्हे और उसके रिश्तेदारों ने सरे आम दरोगा को थप्पड़ जड़ें साथ ही उसके वर्दी पर लगे सितारे भी नोच डाले।

वहीं एक अन्य रिपोर्ट में प्राची सिंह ने बताया कि प्रियांक माथुर ने दारोगा को थप्पड़ मारे थे और उस दिन उसका रिसेप्शन था वो दिल्ली में वकालत करता है। प्रांजुल पढ़ाई करता है और आशीष का ऑनलाइन बिजनेस है।

निष्कर्ष:

DFRAC के फैक्ट चेक से साबित होता है कि वायरल वीडियो के साथ किया दावा भ्रामक है। क्योंकि ये वीडियो पांच साल पुराना है।