चीन को लेकर सोशल मीडिया पर एक बड़ा दावा वायरल हो रहा है। जिसमें कहा जा रहा है कि चीन ने मुसलमानों के हज यात्रा करने पर पाबंदी लगा दी है। यदि कोई हज यात्रा करता है, तो उसे 14 साल की जेल और 30000 डॉलर का जुर्माना भुगतना होगा।

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सोशल साईट X पर वेरिफाइड यूजर कोमल यादव ने एक पोस्टर शेयर किया। जिस पर लिखा है कि चीन में हज जाने पर 14 साल की जेल और 30000 का जुर्माना, सोचा भारत में डरे हुए मुसलमानों को बता दूँ।
फैक्ट चेक:

वायरल दावे की जांच के लिए DFRAC ने दावे से जुड़े कुछ कीवर्ड गूगल पर सर्च किये। इस दौरान हमें ऐसी कोई न्यूज़ नहीं मिली। जिसमें ये बताया गया हो कि चीन ने मुसलमानों के हज पर पाबंदी और सज़ा का प्रावधान किया है। इसके विपरीत हमें हज 2025 से जुड़ी गल्फ न्यूज़ की एक रिपोर्ट मिली। जिसमे हज 2025 के लिए चीन से मुस्लिम तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे की सऊदी अरब पहुँचने की जानकारी दी गई।

इसके साथ ही हमें आगे की जांच में चीन के सरकारी मीडिया ग्लोबल टाईम्स की एक अन्य रिपोर्ट मिली। वर्ष 2020 की इस रिपोर्ट में बताया गया कि चीन सरकार ने मार्च–दिसंबर 2020 में नियम बनाए कि हज केवल “चायनीज़ इस्लामिक एसोसिएशन” (सरकारी) के माध्यम से ही आयोजित किया जा सकता है। कोई भी व्यक्ति या निजी एजेंसी खुद से हज यात्रा आयोजित नहीं कर सकती; इसे “गैर-कानूनी” घोषित किया गया है।

वहीं हमें एनपीआर की एक अन्य रिपोर्ट मिली। जिसमें सार्वजनिक क्षेत्र में काम करने वाले लोग (सरकारी कर्मचारी) को हज पर जाने पर पेंशन या अन्य लाभों से वंचित करने का उल्लेख किया गया है।
निष्कर्ष:
DFRAC के फैक्ट चेक से साफ है कि चीन का मुसलमानों के हज यात्रा करने पर 14 साल की सज़ा और 30000 डॉलर के जुर्माना लगाने का फेक दावा किया गया है।

