सोशल मीडिया पर यूपीआई पेमेंट को लेकर एक बड़ा दावा जमकर वायरल हो रहा है। जिसमे कहा जा रहा है कि केंद्र सरकार 3000 रुपए से अधिक के यूपीआई लेनदेन पर चार्ज वसूलेगी।

Source: X
सोशल साईट X पर वेरिफाईड यूजर नफीस अहमद ने लिखा कि “पहले ‘कैशलेस इंडिया’ का सपना बेचा, अब UPI पर टैक्स की तलवार लटका दी!3000 से ऊपर की ट्रांजैक्शन पर चार्ज? जनता की जेब काटकर डिजिटल क्रांति का ढोंग रच रही है सरकार। मुफ्त की सुविधा देकर लत लगाओ फिर धीरे-धीरे कीमत वसूलो, यही है ‘नया भारत’ मॉडल!” @samajwadiparty

Source: X
वहीं एक अन्य वेरिफाइड यूजर ने लिखा कि अच्छे दिन मुबारक हो मित्रो अब होगी बचत ही बचत सरकार अब 3,000 से ज्यादा के UPI ट्रांजैक्शन पर दुकानदारों से चार्ज वसूलने जा रही है इसके लिए 0.3% MDR दोबारा लागू होगा दुकानदार को बैंक को 9 रुपए तक फीस देनी होगी देखा मित्रो ये हुए ना अच्छे दिन #upipayment #UPI

Source: X

Source: X
इसके अलावा कई अन्य यूजर ने भी ऐसा ही मिलते-जुलते दावा किया है। जिसे यहां पर देखा जा सकता है।
फैक्ट चेक:
वायरल दावे की जांच के लिए DFRAC ने दावे से जुड़े कुछ कीवर्ड सर्च किये। इस दौरान हमें X पर केंद्रीय वित्त मंत्रालय के आधिकारिक हेंडल से वायरल दावे से जुड़ी एक पोस्ट मिली।

Source: X
इस पोस्ट में वायरल दावे का खंडन करते हुए कहा गया कि “यूपीआई लेनदेन पर एमडीआर चार्ज किए जाने की अटकलें और दावे पूरी तरह से झूठे, निराधार और भ्रामक हैं। इस तरह की निराधार और सनसनी पैदा करने वाली अटकलें हमारे नागरिकों के बीच अनावश्यक अनिश्चितता, भय और संदेह पैदा करती हैं। सरकार यूपीआई के माध्यम से डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
निष्कर्ष:
DFRAC के फैक्ट चेक से साबित होता है कि केंद्र सरकार द्वारा 3000 रुपए से ज्यादा के यूपीआई लेनदेन पर चार्ज लगाने का दावा फेक है।