सोशल मीडिया पर बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की एक तस्वीर शेयर की गई है। इस तस्वीर में देखा जा सकता है कि बाबा साहब की प्रतिमा को एक शख्स द्वारा मिडल फिंगर दिखाते हुए अपमानित किया जा रहा है। इस तस्वीर को शेयर करते हुए Swami Anand Swaroop नामक यूजर ने लिखा, ‘अंग्रेज़ भी ग़ज़ब ग़द्दार निकले जीवन भर जिसने साथ दिया उसके साथ इस तरह का व्यवहार ? हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं और भीम आर्मी से अपेक्षा करते हैं कि इस अंग्रेज़ पर एससी/एसटी क़ानून के तहत मुक़दमा दर्ज करायें । #संविधान_निर्माता_BN_राव‘

फैक्ट चेकः
DFRAC की टीम ने वायरल दावे की जांच की। हमारी टीम ने पाया कि वायरल तस्वीर एडिटेड है। दरअसल यह फोटो अमेरिका के प्रोवो सिटी लाइब्रेरी की है, जहां ब्रिघम यंग की प्रतिमा लगी है। प्रोवो लाइब्रेरी की वेबसाइट के मुताबिक इस लाइब्रेरी की स्थापना 1905 में हुई थी। 1905 से पहले प्रोवो में लाइब्रेरी सेवा स्थापित करने के प्रयास किए गए थे। 1854 में सामुदायिक उपयोग के लिए 120 खंडों का संग्रह था।

वहीं हमने ‘बिग स्टैच्यू’ की एक रिपोर्ट में पाया कि प्रोवो लाइब्रेरी में दूसरी प्रतिमा को काफी सालों के बाद लगाने के लिए कहा गया है। बिग स्टैच्यूज़ द्वारा बनाई गई पिछली प्रतिमा ब्रिघम यंग की थी, जो यूटा राज्य के एक प्रमुख व्यक्ति थे।

प्रोवो लाइब्रेरी में ब्रिघम यंग की प्रतिमा के साथ flickr.com पर एक तस्वीर को 25 अगस्त 2005 को पोस्ट किया गया है। जिसे यहां देखा जा सकता है।

वहीं वायरल तस्वीर की बारीकी से जांच करने पर हमने पाया कि एडिट करके ब्रिघम यंग की प्रतिमा की जगह बाबा साहब की फोटो को लगाया गया है। क्योंकि बाबा साहब की जिस प्रतिमा की फोटो को लगाया गया है, उसे 21 मार्च 2020 को SthapathiCreations नामक यूजर ने फेसबुक पर पोस्ट किया है।

यहां दिए गए कोलाज में आप तस्वीरों में अंतर को स्पष्ट देख सकते हैं कि ब्रिघम यंग की प्रतिमा को एडिट करके बाबा साहब की प्रतिमा को जोड़ा गया है।

निष्कर्षः
DFRAC के फैक्ट चेक से साफ है कि सोशल मीडिया पर बाबा साहब की वायरल तस्वीर एडिटेड है। इसलिए यूजर का दावा भ्रामक है।