
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत की तरफ से पाकिस्तानी पर कई एक्शन लिए गए, जिसमें सिंधू जल समझौता को स्थगित करना भी शामिल है। इस बीच सोशल मीडिया पर साइट एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पाकिस्तानी यूजर्स एक झूठ फैला रहे हैं। पाकिस्तानी यूजर्स यह दावा कर रहे हैं कि यमन के हूती विद्रोहियों ने पाकिस्तान का खुलकर समर्थन किया है और भारत को धमकी देते हुए युद्धपोत आईएनएस विक्रांत तो तबाह करने की बात कही है।
Pakistan military नामक एक्स हैंडल से एक पोस्ट में ऐसा ही दावा किया गया है। इस हैंडल ने लिखा, ‘यमन के हूती विद्रोहियों ने पाकिस्तान के प्रति पूर्ण समर्थन व्यक्त करते हुए भारत के आईएनएस विक्रांत विमानवाहक पोत को नष्ट करने की धमकी दी है।’ (हिन्दी अनुवाद)

Partizan नामक यूजर द्वारा टर्किश भाषा में कैप्शन के साथ यही दावा किया गया है।
इसके अलावा कई अन्य यूजर्स ने भी इस दावे के साथ पोस्ट शेयर किया है, जिसे यहां, यहां, यहां और यहां देखा जा सकता है।
फैक्ट चेकः
DFRAC की टीम ने वायरल दावे की जांच के लिए गूगल पर अंग्रेजी में कीवर्ड्स ‘Yemen’s Houthis have threatened to destroy India’s INS Vikrant’ सर्च किया, लेकिन हमें किसी भी विश्वसनीय मीडिया संस्थान द्वारा प्रकाशित ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली।

इसके बाद हमारी टीम ने हिन्दी भाषा में गूगल पर कीवर्ड्स ‘हूती विद्रोहियों ने भारत को धमकी दी’ सर्च किया। लेकिन हमें इसके बारे में हिन्दी भाषा में प्रकाशित कोई भी न्यूज नहीं मिली।

फिर हमारी टीम ने गूगल ट्रांसलेट की मदद से अंग्रेजी भाषा वाले कीवर्ड्स को अरबी भाषा में ट्रांसलेट करके गूगल सर्च किया, लेकिन हमें किसी भी अरबी भाषा के मीडिया संस्थान द्वारा प्रकाशित कोई भी न्यूज नहीं मिली।

DFRAC की टीम ने हूती विद्रोहियों को लेकर किए गए दावे के संदर्भ में अंग्रेजी, हिन्दी और अरबी तीनों भाषाओं में गूगल पर सर्च किया, लेकिन हमें कोई न्यूज नहीं मिली, जिसके बाद हम इस निष्कर्ष पर पहुंच सकते हैं कि हूती विद्रोहियों की तरफ से भारत को कोई धमकी नहीं दी गई है, क्योंकि अगर उनकी तरफ से ऐसी कोई धमकी दी गई होती, तो उसे अंग्रेजी, हिन्दी और अरबी भाषा के किसी भी मीडिया संस्थान द्वारा कवर जरूर किया गया होता।
निष्कर्षः
DFRAC के फैक्ट चेक से साफ है कि पाकिस्तानी सोशल मीडिया द्वारा यूजर्स हूती विद्रोहियों के हवाले से फेक न्यूज फैलाया जा रहा है। हमें अंग्रेजी, हिन्दी और अरबी तीनों भाषाओं की मीडिया संस्थानों द्वारा हूती विद्रोहियों का भारत को धमकी दिए जाने के संदर्भ में प्रकाशित कोई भी न्यूज नहीं मिली। इसलिए पाकिस्तानी यूजर्स का दावा फेक है।