
इस क्वोटकार्ड में डिंपल का बयान है, “जो व्यक्ति भारत माता को नीचा दिखाने का प्रयास करेगा, उसे कानून के दायरे में लाकर प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी। UPA की सरकार ने कितने सालों तक कसाब को बैठाकर बिरयानी खिलाई थी। हमारी सरकार में आतंकवादियों के हौसले पस्त हो चुके हैं।”

इस क्वोटकार्ड को हार्दिक भावसर नामक यूजर डिंपल यादव पर तंज कसते हुए शेयर किया है।
वहीं इस क्वोटकार्ड को कई अन्य यूजर्स द्वारा भी शेयर किया गया है। जिसे यहां, यहां और यहां देखा जा सकता है।
फैक्ट चेकः
DFRAC की टीम ने डिंपल यादव के वायरल बयान की जांच के लिए एबीपी न्यूज की वेबसाइट देखी। हमें एक खबर मिली जिसमें डिंपल यादव का बयान प्रकाशित किया गया है। डिंपल का बयान है, “यह अच्छी बात है कि उसे दिल्ली वापस लाया जा रहा है और सख्त कार्रवाई की जाएगी, जो वास्तव में सकारात्मक है. लेकिन सवाल यह है कि आरोपी को वापस लाने में इतने साल क्यों लगे?”

वहीं इसी खबर में यूपी के डिप्टी सीएम ब्रृजेश पाठक का एक बयान भी प्रकाशित किया गया है। ब्रृजेश पाठक का यह वही बयान है, जिसे डिंपल यादव का बताकर सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है। ब्रृजेश पाठक का बयान है, “जो व्यक्ति भारत माता को नीचा दिखाने का प्रयास करेगा, उसे कानून के दायरे में लाकर प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी। UPA की सरकार ने कितने सालों तक कसाब को बैठाकर बिरयानी खिलाई थी। हमारी सरकार में आतंकवादियों के हौसले पस्त हो चुके हैं।”

वहीं हमें ANI_HindiNews के हैंडल पर डिंपल यादव और ब्रजेश पाठक का बयान मिला। दोनों के बयान अलग-अलग हैं और डिंपल यादव ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है, जैसा वायरल क्वोटकार्ड में दावा किया गया है। वायरल बयान डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक का है।
डिंपल यादव का बयान
ब्रजेश पाठक का बयान
निष्कर्षः
DFRAC के फैक्ट चेक से साफ है कि डिंपल यादव का फेक बयान सोशल मीडिया पर शेयर किया गया है। डिंपल यादव ने तहव्वुर राणा पर ऐसा कोई बयान नहीं दिया है। यहां एक तथ्य स्पष्ट करना है कि वायरल बयान डिंपल यादव का नहीं है बल्कि यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक का है। इसलिए यूजर्स का दावा गलत है।