
हाल ही में पाकिस्तान के क्वेटा से पेशावर जा रही जाफ़र एक्सप्रेस को बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने हाईजैक कर लगभग 380 यात्रियों को बंधक बना लिया था। यात्रियों को छुड़ाने के लिए पाकिस्तानी सेना ने के बचाव अभियान चलाया। इस दौरान 300 से ज़्यादा यात्रियों को बचाया गया। वहीं कई अलगाववादी मारे गए। इस मामले में CTD ने चार संदिग्धों को गिरफ़्तार किया है। इस बीच, पाकिस्तान स्थित एक पत्रकार ने X पर बड़ा दावा करते हुए कहा कि इस हाईजैक के पीछे रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) का हाथ है।
पाकिस्तानी पत्रकार सादिया खालिद ने X पर कुछ तस्वीरें पोस्ट कीं और उर्दू में लिखा – #आज की ताजा खबर, ख़ुफ़िया सूत्रों के मुताबिक जाफ़र एक्सप्रेस हादसे के पीछे भारतीय #RAW एजेंट अजीत जॉन जोशुआ का हाथ साबित हुआ है! ओपन सोर्स इंटेलिजेंस से पता चला है कि कुलभूषण यादव की तरह ही एक #भारतीय राजनयिक अधिकारी अजीत जॉन जोशुआ जो कि भारतीय गुप्त एजेंसी #RAW के पूर्व अधिकारी हैं और राजदूत के तौर पर जाने जाते हैं, इस समय #पाकिस्तान के पास एक देश में बैठे हैं और बलूचिस्तान में आतंकवाद की योजना बना रहे हैं।

फैक्ट चेक:
DFRAC टीम ने पाकिस्तानी पत्रकार सादिया खालिद के दावे की जांच की और पाया कि यह झूठ है। दावे की जांच के लिए सबसे पहले, हमने Google पर कुछ कीवर्ड सर्च किये। लेकिन इस दौरान हमें ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली। जिसमे घटना के पीछे अजीत जॉन जोशुआ का नाम होने हो।
आगे की जांच में हमें अजीत जॉन जोशुआ एक्स का हैंडल मिला, जिससे पता चला कि वह भारतीय रॉ एजेंट नहीं, बल्कि एक आईएफएस अधिकारी हैं।

इसके अलावा, हमें उनकी तस्वीर Unofficial: diplomats of India नाम के फेसबुक पेज पर मिली। यह तस्वीर नवंबर 2017 में इस कैप्शन के साथ पोस्ट की गई थी: “श्री अजित जॉन जोशुआ (IFS:2014), अंडर सेक्रेटरी (CADRE, CCP, PA-111 और परिवहन) विदेश मंत्रालय, नई दिल्ली”

अंत में, हमें उनकी लिंक्डइन प्रोफ़ाइल मिली, जिसमें बताया गया कि वे हांगकांग में भारत के महावाणिज्य दूतावास में कार्यरत हैं। इसके अलावा, वे 2014 में सिविल सेवा में शामिल हुए थे।

वहीं पासपोर्ट सेवा की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, श्री अजित जॉन जोशुआ बेंगलुरु, कर्नाटक में क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी (आरपीओ) के रूप में कार्यरत हैं।

जाहिर है, ऐसा कोई स्रोत (Source) सामने नहीं आया जो यह दावा करता हो कि वह भारतीय रॉ एजेंट है जैसा कि ऊपर शेयर की गई पोस्ट में दावा किया गया है।
निष्कर्ष
अत: DFRAC के फैक्ट चेक से स्पष्ट है कि पाकिस्तानी पत्रकार के जाफर एक्सप्रेस त्रासदी के पीछे भारतीय रॉ एजेंट अजीत जॉन जोशुआ के होने का दावा पूरी तरह से फर्जी और मनगढ़ंत है। क्योंकि इस संबंध में कोई जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध नहीं है। ऐसा लगता है कि एक आईएफएस अधिकारी की तस्वीरें उनके सोशल मीडिया हैंडल से ली गई हैं और उन्हें इस त्रासदी से गलत तरीके से जोड़ा गया है।