
इसी बीच सोशल मीडिया पर शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे का एक वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमे उद्धव ठाकरे औरंगजेब को अपना भाई बताते हुए दिखाई दे रहे है। दावा किया जा रहा है कि उन्होने मुगल बादशाह औरंगजेब को अपना भाई बताया है।

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X पर वायरल वीडियो को शेयर करते हुए नारायण यादव इंदौरी ने लिखा – *औरंगजेब अपना भाई था जिसने भारत माता के लिए कुर्बानी दी थी- सुनो इस कलंकी कि जुबानी!*… सत्तामोह और सोनिया की संगत में ये मूर्ख इतना पगला गया है कि हिंदुओं के हत्यारे और शिवाजी के सबसे बड़े शत्रु के बारे में नया इतिहास पढ़ा रहा है … 😡

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इसके अलावा वायरल वीडियो को शेयर करते हुए एक अन्य यूजर ने लिखा – औरंगजेब ने देश के लिए बलिदान दिया है यह नया इतिहास पढ़ा रहे है। कुछ तो शर्म करो, वोट की ताकत दिखा देगी #Crypto
फैक्ट चेक:
वायरल वीडियो के साथ किये गए दावे की जांच के लिए DFRAC ने InVID टूल की मदद से वीडियो को कीफ्रेम में बदला और कीफ्रेम को रिवर्स सर्च किया। इस दौरान हमें ऐसा ही वीडियो यूट्यूब पर वीडियो मिला।

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19 फ़रवरी, 2023 को मराठी न्यूज़ चैनल एबीपी माँझा द्वारा अपलोड किए गए इस वीडियो में, उद्धव ठाकरे को 15:00 मिनट पर कहते हुए सुना जा सकता है कि “पिछले 3-4 साल की बात है। आप भूल गए होंगे या आपने शायद पढ़ा भी नहीं होगा। एक अपना फ़ौजी था कश्मीर में। वो छुट्टी लेकर घर जा रहा था परिवार को मिलने के लिए। जब आतंकवादियों को पता चला कि ये अब छुट्टी लेकर अकेला जा रहा है। बीच में उसको किडनैप किया गया और उसे बेदर्दी से मार डाला। बाद में उसके शरीर के बिखरे हुए हिस्से कहीं मिले। वह अपना था कि नहीं था जिसने देश के लिए क़ुर्बानी दी है। अभी मैं अगर कहूं कि हां वो मेरा भाई था तो आप बोलेंगे कि आपको नाम पता है क्या है? उसका नाम था औरंगजेब, औरंगजेब । होगा न मज़हब से मुसलमान होगा, लेकिन उसने अपने देश के लिए क़ुर्बानी दी। भारत माता जिसको।। भारत माता की जय कहते हैं उसके लिए उसने अपनी जान तक दे दी। वो अपना भाई नहीं था?”
औरंगजेब कौन था?
22 जुलाई 2019 को पब्लिश हुई आज तक की रिपोर्ट के अनुसार, 44 राष्ट्रीय राइफल्स के जवान औरंगजेब का पुलवामा के कालम्पोरा गांव में उनके निजी वाहन से आतंकियों ने उनका जून को अपहरण कर लिया था। वे तभी पुंछ जिले में अपने परिवार के साथ मिलकर ईद मनाने जा रहे थे। उनका गोली से छलनी शरीर अगले दिन पुलवामा के पास मिला था। उनके सिर और गर्दन पर गोलियां मारी गई थीं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, शहीद जवान की हत्या से पहले उन्हें टॉर्चर भी किया गया था।
निष्कर्ष:
अत: DFRAC के फैक्ट चेक से स्पष्ट है कि उद्धव ठाकरे का मुगल बादशाह औरंगजेब को अपना भाई बताने का दावा भ्रामक है। दरअसल वह 44 राष्ट्रीय राइफल्स के शहीद जवान औरंगजेब की बात कर रहे थे।