
इस बीच सोशल मीडिया पर एआईएमआईएम के प्रत्याशी ताहिर हुसैन से जुड़ा एक वीडियो वायरल हो रहा है। जिसको लेकर दावा किया जा रहा है कि ताहिर हुसैन ने चुनाव हारने के बाद भी जुलूस निकाला और अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया।

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X पर वेरिफाइड यूजर सागर कुमार “सुदर्शन न्यूज़” ने वीडियो को शेयर कर लिखा – दिल्ली दंगों का आरोपी ताहिर हुसैन को मुस्तफ़ाबाद के लोगों ने ३० हज़ार वोट दिया है। और ये हार कर भी जुलूस निकाल रहा है।

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वहीं एक अन्य वेरिफाइड यूजर अरुण सिंह राजपूत ने लिखा – दिल्ली दंगों का आरोपी ताहिर हुसैन को मुस्तफाबाद मे 30 हजार से ज्यादा वोट मिले है। ये हार कर भी जुलूस निकाल रहा है। ये अपनी ताकत का प्रदर्शन इसलिए कर रहा है ताकि पूरा भारत देख ले। जहां इसे फांसी मिलनी चाहिये थी वहां ये कोलेजियम के दलालों (सुप्रीम कोठे) की मेहरबानी से अभी भी सलामत है और कानून की धज्जियां उडा रहा है।

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इसके अलावा कई अन्य यूजर ने भी ऐसे ही मिलते-जुलते दावों के साथ वायरल वीडियो को शेयर किया है।
फैक्ट चेक:

वायरल वीडियो के साथ किये गए दावे की जांच के लिए DFRAC ने सबसे पहले ताहिर हुसैन से जुड़ी मीडिया कवरेज को चेक किया। इस दौरान हमें हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट मिली। जिसमे बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट ने ताहिर हुसैन को चुनाव प्रचार के लिए 29 जनवरी से 3 फरवरी तक हिरासत में पैरोल की अनुमति दी थी। इस दौरान हुसैन को हर दिन 12 घंटे के लिए मुस्तफाबाद निर्वाचन क्षेत्र में प्रचार करने के लिए रिहा किया गया था।

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वहीं हमने वायरल वीडियो की भी जांच की। इस दौरान हमें ऐसी ही कुछ वीडियो मिले। जो 3 फरवरी 2025 को पोस्ट किये गए थे। जिसमे बताया गया कि ये वीडियो हुसैन की 3 फरवरी को आयोजित मुस्ताफाबाद की रैली का है।
निष्कर्ष:
अत: DFRAC के फैक्ट चेक से स्पष्ट है कि वायरल वीडियो के साथ किया गया दावा भ्रामक है। क्योंकि ये वीडियो चुनाव हारने के बाद निकाले गए जुलूस का नहीं बल्कि हुसैन की 3 फरवरी को चुनाव मतदान से पहले आयोजित मुस्ताफाबाद की रैली का है।