सोशल मीडिया आज के दौर में हमारी जिंदगी का एक अभिन्न हिस्सा बन गया है। यह एक शक्तिशाली मंच है, जो हर व्यक्ति को अपनी बात कहने और अपने विचारों को बड़ी संख्या में लोगों तक पहुँचाने का अवसर प्रदान करता है। इसके माध्यम से हम न केवल अपने अनुभव और भावनाएँ साझा कर सकते हैं, बल्कि समाज और संस्कृति में बदलाव लाने में भी योगदान दे सकते हैं। यह मंच हमें अपनी सोच और विचारों को दुनिया के सामने रखने का अनमोल अवसर देता है और किसी महत्वपूर्ण मुद्दे पर जागरूकता फैलाने का जरिया बनता है। हालाँकि, इस ताकत का सही और जिम्मेदारीपूर्वक उपयोग करना बेहद जरूरी है। आज के समय में सोशल मीडिया का दुरुपयोग भी बड़े पैमाने पर हो रहा है। झूठी खबरों, संदेशों और गलत जानकारियों के कारण यह सकारात्मक वातावरण को दूषित करने का कारण बनता जा रहा है। DFRAC की कोशिश रही है है कि सोशल मीडिया पर चल रहे प्रोपेगेंडा को उजागर करे। अपनी इसी प्रतिबद्धता के तहत, आज की रिपोर्ट में हम एक ऐसे व्यक्ति की प्रोफाइलिंग प्रस्तुत कर रहे हैं, जो फेक खबरों के जरिए इस डिजिटल मंच के स्वस्थ वातावरण को दूषित कर रहा है। इस रिपोर्ट का हम निम्न बिंदुओं पर एनालिसिस करेंगे।
- असद नासिर के बारे में।
- भारत-बांग्लादेश के खिलाफ फैलाये फेक नरेटिव का एनालिसिस।
- भारत के खिलाफ फैलाये गए फैक नरेटिव का एनालिसिस।
- भारत-ईरान के खिलाफ फैलाये फेक नरेटिव का एनालिसिस।
- पाकिस्तान के समर्थन में फैलाये गए फेक नरेटिव का एनालिसिस।
- असद नासिर के X हेंडल के डिजिटल डेटा का एनालिसिस।
असद नासिर
Source: X
Source: linkedin
असद नासिर एक पाकिस्तानी यूजर है। उनका X पर @asadnasir2000 के नाम से हेंडल है। उनके 14 हज़ार से ज्यादा फॉलोवर है। वही वे खुद 200 से ज्यादा यूजर को फॉलो भी करते है। उन्होने अपने बायो में खुद को एक व्यवसायी, स्टॉक ट्रेडर, राजनीतिक टिप्पणीकार बताया है। इसके साथ ही उन्होने खुद को वित्त, PSX, भूराजनीति, अर्थव्यवस्था, कूटनीति, समसामयिक मामले आदि से जोड़ा हुआ है। उनके इस हेंडल को सात साल से अधिक समय हो चुका है।
असद नासिर का फेक नरेटिव
असद नासिर ने X पर शॉर्ट में न्यूज़ शेयर करते है। उनकी न्यूज़ ज्यादातर इंटरनेशनल न्यूज़ होती है। वे न्यूज़ को टू लाइंस में शेयर करते है। उनकी न्यूज़ एक एजेंडा लिए हुए होती है। वे समय-समय पर अपना एजेंडा पूरा करने के लिए फेक और भ्रामक खबरों का सहारा भी लेते है। हम सिलसिलेवार उनके द्वारा शेयर की गई फेक और भ्रामक खबरों का विश्लेषण करेंगे। साथ ही उनके एजेंडे का भी खुलासा करेंगे।
भारत-बांग्लादेश के खिलाफ फेक और भ्रामक खबरों का नरेटिव
बीते दिनों पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के पद छोड़ने के बाद भारत और बांग्लादेश के रिश्तों में तनाव आ गया। जिसका सीधा फायदा पाकिस्तान को मिला। बांग्लादेश में मोहम्मद युनूस की अंतरिम सरकार के बनने के बाद सत्ता में जमात ए इस्लामी का सीधा दखल हो गया। असद नासिर ने भी भारत के खिलाफ़ फेक और भ्रामक नरेटिव सेट करने की कोशिश की
- फैक्ट चेक: क्या बांग्लादेश द्वारा ट्रेड रुड बदलने से भारत को 18 अरब डॉलर का नुकसान हुआ?
Source: X
असद नासिर ने हाल ही में भारत और बांग्लादेश के बिगड़ते रिश्तों के बीच ट्वीट किया कि ब्रेकिंग न्यूज़ :- बांग्लादेश द्वारा अपना व्यापार मार्ग बदलने से भारत को 18 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है। इस तरह का बड़ा कदम व्यापार संबंधों को हिला देता है और भविष्य में इन पड़ोसियों के साथ मिलकर काम करने के तरीके को बदल सकता है।
फैक्ट चेक:
असद नासिर के इस दावे की जांच में हमने ये दावा झूठा पाया। ट्रेडिंग इकोनॉमीज और द ऑब्जर्वेटरी ऑफ इकोनॉमिक कॉम्प्लेक्सिटी की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में भारत ने बांग्लादेश को 13.8 बिलियन डॉलर का सामान निर्यात किया, जबकि बांग्लादेश ने भारत को 2 बिलियन डॉलर का सामान निर्यात किया। भारत द्वारा बांग्लादेश को निर्यात किए जाने वाले मुख्य उत्पाद रिफाइंड पेट्रोलियम ($1.37B), गैर-खुदरा शुद्ध कपास यार्न ($1.37B), और कच्चा कपास ($942M) थे। पिछले 5 वर्षों में, बांग्लादेश को भारत का निर्यात 14% की वार्षिक दर से बढ़ा है, जो 2017 में $7.17B से बढ़कर 2022 में $13.8B हो गया है।
वहीं इकोनॉमिक टाइम्स ने भी बताया, “बांग्लादेश को भारत का निर्यात 2021 में US$14 बिलियन के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया, जो 2022 में US$13.8 बिलियन और 2023 में US$11.3 बिलियन तक गिर गया।”
निष्कर्ष:
अत: DFRAC के फैक्ट चेक से स्पष्ट है कि बांग्लादेश द्वारा अपने ट्रेड रूट बदलने के कारण भारत को 18 बिलियन डॉलर का नुकसान होने का दावा झूठा है।
- फैक्ट चेक: क्या बांग्लादेश ने चटगांव बंदरगाह तक भारत की पहुंच को प्रतिबंधित कर दिया? जानिए सच्चाई
Source: X
असद नासिर ने 11 दिसंबर 2024 को भारत-बांग्लादेश के रिश्तों को प्रभावित करने के उद्देश्य के साथ ट्वीट किया कि बांग्लादेश ने चटगांव बंदरगाह तक भारत की पहुंच प्रतिबंधित कर दी है।
फैक्ट चेक:
Source: Daiji World
असद नासिर के इस दावे की जांच के लिए DFRAC ने इस सबंध में पब्लिश मीडिया कवरेज की पड़ताल की। इस दौरान हमें Daiji World की 21 दिसंबर 2024 को पब्लिश एक रिपोर्ट मिली। जिसमे केन्द्रीय मंत्री अमित शाह के हवाले से कहा गया कि “बांग्लादेश के चटगांव अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह का उपयोग करके पूर्वोत्तर भारत से किसी भी उत्पाद को आसानी से दुनिया के बाकी हिस्सों में निर्यात किया जा सकता है।“
Source: Dhaka Tribune
इसके साथ ही हमें 25 दिसंबर 2024 को पब्लिश ढाका ट्रिब्यून की एक अन्य रिपोर्ट मिली। जिसमे बताया गया कि बांग्लादेश ने भारत से 690 टन चावल की खेप आयात की। जो गुरुवार सुबह चटगांव बंदरगाह पर पहुंचेगी।
निष्कर्ष:
अत: DFRAC के फैक्ट चेक से स्पष्ट है कि असद नासिर का बांग्लादेश का भारत की चटगांव बंदरगाह तक भारत की पहुंच को प्रतिबंधित करने का दावा गलत है।
- फैक्ट चेक: क्या रूस ने 2024 ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से बांग्लादेश और पाकिस्तान को बाहर करने के भारत के अनुरोध को ठुकरा दिया?
Source: X
असद नासिर ने अपने एक ट्वीट में दावा किया कि रूस ने 2024 ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से बांग्लादेश और पाकिस्तान को बाहर करने के भारत के अनुरोध को खारिज कर दिया।
फैक्ट चेक:
वायरल दावे की जांच के लिए DFRAC ने इस सबंध में रूसी और भारतीय अधिकारियों के आधिकारिक हैंडल की जांच की और पाया कि वायरल दावे से मेल खाने वाला कोई बयान जारी नहीं किया गया है। हमने मीडिया रिपोर्ट्स की भी जांच की, हालांकि हमें वायरल दावे को लेकर कोई मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली।
निष्कर्ष:
DFRAC के फैक्ट चेक से यह स्पष्ट है कि ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं है कि रूस ने भारत के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया है। इसके अलावा, BRICS 2024 शिखर सम्मेलन से पाकिस्तान और बांग्लादेश को बाहर करने के संबंध में भारत द्वारा ऐसे किसी भी अनुरोध की कोई आधिकारिक घोषणा भी नहीं की गई है। इसलिए वायरल दावा फेक है।
- फैक्ट चेक: भारत की आपत्ति के बावजूद चीन, बांग्लादेश को ब्रिक्स में शामिल होने का समर्थन करेगा! जानिए सच्चाई
Source: X
असद नासिर ने अपने एक अन्य ट्वीट में दावा किया कि भारत ब्रिक्स में बांग्लादेश के शामिल होने का विरोध कर रहा है। उन्होने अपने ट्वीट में लिखा कि भारत की आपत्ति के बावजूद चीन, बांग्लादेश को ब्रिक्स में शामिल होने का समर्थन करेगा।
फैक्ट चेक:
वायरल दावे की जांच के लिए DFRAC ने इस सबंध में तीनों देशों की मीडिया कवरेज की पड़ताल की। लेकिन हमें ऐसी कोई न्यूज़ रिपोर्ट नहीं मिली। जिसमे भारत ने ब्रिक्स में बांग्लादेश के शामिल होने का विरोध किया है।
Source: Dhaka Tribune
इसके विपरीत हमें ढाका ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट मिली। जिसमे बांग्लादेश के विदेशमंत्री डॉ. हसन महमूद ने ब्रिक्स में बांग्लादेश के शामिल होने के लिए मदद मांगी है। उन्होंने कहा, “अगर ब्रिक्स कोई नया सदस्य या भागीदार लेने का फैसला करता है, तो हम ब्रिक्स का हिस्सा बनना चाहते हैं। हमने इस उद्देश्य के लिए भारत से समर्थन मांगा है।”
Source: The Business Standard
इसके साथ ही हमें द बिजनेस स्टेंडर्ड की एक अन्य रिपोर्ट मिली। जिसमे चीनी विदेश उप मंत्री सन वेइदोंग ने ब्रिक्स में शामिल होने में बांग्लादेश की रुचि की सराहना की तथा चीन के सक्रिय समर्थन का आश्वासन दिया। लेकिन इस रिपोर्ट में भारत का कहीं पर कोई जिक्र नहीं है।
निष्कर्ष:
अत: DFRAC के फैक्ट चेक से स्पष्ट है कि वायरल दावा भ्रामक है। क्योंकि बांग्लादेश के ब्रिक्स में शामिल होने पर भारत ने कोई आपत्ति नहीं की। बल्कि समर्थन ही जताया है।
भारत के खिलाफ असद नासिर का फेक नरेटिव
असद नासिर का फेक नरेटिव केवल भारत-बांग्लादेश के रिश्तों तक ही सीमित नहीं है। बल्कि उन्होने भारत के खिलाफ भी कई फेक और भ्रामक जानकारी फैलाई है।
- फैक्ट चेक: सऊदी अरब भारत का तेल निर्यात निलंबित कर सकता है? जानिए सच्चाई
Source: X
असद नासिर ने सऊदी क्राऊन प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान की तस्वीर को शेयर कर ट्वीट किया और लिखा: “सऊदी अरब भारत को तेल निर्यात निलंबित कर सकता है, अल जजीरा की रिपोर्ट”
फैक्ट चेक:
वायरल दावे की जांच के लिए DFRAC ने सबसे पहले अलजजीरा की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर सर्च बार ऑप्शन में इस सबंध में सऊदी अरब और भारत की रिपोर्ट खोजी। उपरोक्त दावे से संबंधित ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं दिखाई दी।
आगे की जांच में, हमने अलजजीरा के विभिन्न एक्स हैंडल जैसे अलजजीरा इंग्लिश, अलजजीरा वर्ल्ड और अलजजीरा ब्रेकिंग न्यूज की जांच की। लेकिन वायरल दावे के बारे में ऐसा कोई अपडेट नहीं मिला।
अंत में, हमने सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय के हैंडल की जांच की लेकिन भारत के खिलाफ कोई प्रतिबंध के बारे में भी जानकारी नहीं मिली।
निष्कर्ष
DFRAC के फेक्ट चेक से स्पष्ट है कि अल जजीरा की रिपोर्ट के हवाले से सऊदी अरब द्वारा भारत को तेल निर्यात बंद करने का दावा करने वाला वायरल दावा पूरी तरह से फेक है।
- फैक्ट चेक: कनाडा ने पहली बार भारत को आतंकवाद प्रायोजित करने वाला देश घोषित किया! जानिए सच
Source: X
असद नासिर ने भारत के खिलाफ ट्वीट कर कहा कि 🚨 ब्रेकिंग न्यूज़:- 🇨🇦 कनाडा ने पहली बार भारत को आतंकवाद प्रायोजित करने वाला देश घोषित किया है।
फैक्ट चेक:
Source: publicsafety.gc.ca
असद नासिर के दावे की जांच के लिए DFRAC ने इस सबंध कनाडाई मीडिया की खबरों की जांच की। लेकिन हमें इस बारे में कोई जानकारी नहीं मिली। इसके बाद हमने आतंकवादी संस्थाओं की सूची शेयर करने वाली पब्लिक सेफ्टी कनाडा, एक आधिकारिक सरकारी वेबसाइट को चेक किया। लेकिन हमें वहां भी भारत का नाम नहीं मिला।
वहीं हमने कनाडा के प्रधानमंत्री और कनाडा के विदेश मंत्रालय के सोशल मीडिया हैंडल की भी जांच की। लेकिन हमें इस बारे में कोई जानकारी नहीं मिली।
निष्कर्ष:
अत: DFRAC के फेक्ट चेक से स्पष्ट है कि असद नासिर का कनाडा के भारत को आतंकवाद प्रायोजित करने वाला देश घोषित करने का दावा फेक है।
- फैक्ट चेक: क्या भारत ने तुर्की को ब्रिक्स में शामिल होने से रोका? जानिए सच्चाई
Source: X
असद नासिर ने तुर्की राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगान और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कोलार्ज शेयर कर ट्वीट किया कि 🚨 ब्रेकिंग न्यूज़:- 🇮🇳 भारत ने 🇹🇷 तुर्की की ब्रिक्स सदस्यता को खारिज कर दिया, जबकि 🇵🇰 पाकिस्तान का समर्थन किया।
Source: X
वहीं एक अन्य ट्वीट में उन्होने लिखा – 🚨 ब्रेकिंग न्यूज़:- 🇮🇳 भारत ने 🇹🇷 तुर्की के ब्रिक्स में प्रवेश पर वीटो लगा दिया, जिससे उसके इस समूह में शामिल होने के प्रयास में बाधा उत्पन्न हो गई।
फैक्ट चेक:
वायरव दावे की जांच के लिए DFRAC ने इस दावे से जुड़ी मीडिया रिपोर्ट की जांच की। इस दौरान हमें द इक्नोमिक्स टाइम्स और तुर्किये टुडे की रिपोर्ट मिली। जिसमे बताया गया कि तुर्की ने उन रिपोर्टों को खारिज कर दिया कि भारत ने समूह के हाल ही में संपन्न कज़ान शिखर सम्मेलन में ब्रिक्स भागीदार देश के रूप में उसके प्रवेश का विरोध किया था।
निष्कर्ष:
अत: DFRAC के फैक्ट चेक से स्पष्ट है कि असद नासिर का भारत के तुर्की को ब्रिक्स में शामिल होने से रोकने का दावा फेक है।
भारत-ईरान के खिलाफ फेक नरेटिव
असद नासिर ने भारत और ईरान के रिश्तों को प्रभावित करने के लिए कई बार भ्रामक और झूठे दावे किए हैं, जिनका उद्देश्य दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ाना है। इन दावों के जरिए उन्होने भारत और ईरान के बीच संबंधों में दरार डालने की कोशिश की।
फैक्ट चेक: क्या ईरान भारत के साथ चाबहार बंदरगाह समझौता रद्द कर सकता है? जानिए सच्चाई
Source: X
असद नासिर ने एक बड़ा दावा करते हुए कहा कि ईरान भारत के साथ चाबहार बंदरगाह समझौता रद्द कर सकता है।
फैक्ट चेक
वायरल दावे की जांच के लिए DFRAC ने ईरान सरकार और भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) की आधिकारिक प्रेस बयानों को चेक किया। लेकिन हमें ऐसा कोई आधिकारिक बयान या रिपोर्ट नहीं मिली। जिसमे उल्लेख किया गया हो कि ईरान भारत के साथ चाबहार बंदरगाह समझौते को रद्द कर रहा है।
इसके अलावा हमने ईरान में भारतीय दूतावास और MEA के आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट से भो इस बात की पुष्टि की, दोनों से ही इस बात का कोई संकेत नहीं मिला कि ये समझौता ख़तरे में है। इसके अलावा, किसी भी विश्वसनीय मीडिया आउटलेट ने चाबहार सौदे को रद्द करने के सबंध में कोई न्यूज़ रिपोर्ट पब्लिश नहीं की।
हालांकि इसके विपरीत हमें रायटर्स की एक रिपोर्ट मिली। जिसमे बताया गया कि भारत ने रणनीतिक बंदरगाह को और विकसित करने और संचालित करने के लिए ईरान के साथ 10 साल का अनुबंध किया है।
निष्कर्ष:
अत: DFRAC के फैक्ट चेक से स्पष्ट है कि भारत और ईरान के बीच चाबहार बंदरगाह समझौते को रद्द करने के बारे में वायरल दावा फर्जी और पूरी तरह से मनगढ़ंत है।
फैक्ट चेक: क्या ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामेनेई ने मोदी को मुसलमानों का दुश्मन बताया? जानिए सच
असद नासिर ने ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामेनेई और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीरों को शेयर करते हुए लिखा कि ब्रेकिंग न्यूज़:- 🇮🇷 ईरान ने 🇮🇳 भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मुसलमानों का दुश्मन करार दिया है। ईरान ने 🌊 लाल सागर में भारतीय ⛴️ जहाजों को रोकने की योजना बनाई है, जिससे समुद्री सुरक्षा संबंधी चिंताएँ बढ़ गई हैं।
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वायरल दावे की जांच के लिए DFRAC ने इस सबंध में गूगल पर कुछ कीवर्ड सर्च किए इस दौरान हमें अल-जजीरा और रायटर्स की रिपोर्ट मिली। जिसमे अयातुल्ला खामेनेई के उस ट्वीट का उल्लेख किया गया है। जिसमे उन्होने भारत, म्यांमार और गाज़ा सहित दुनिया के अन्य हिस्सों में मुस्लिमों पर हो रहे अत्याचार की आलोचना की थी।
Source: X
उन्होने लिखा कि इस्लाम के दुश्मनों ने हमेशा हमें इस्लामी उम्माह के रूप में हमारी साझा पहचान के प्रति उदासीन बनाने की कोशिश की है। अगर हम म्यांमार, गाजा, भारत या किसी अन्य जगह पर मुसलमानों द्वारा झेली जा रही पीड़ा से अनजान हैं तो हम खुद को मुसलमान नहीं मान सकते।
इसके अलावा हमें अयातुल्ला खामेनेई या ईरान का ऐसा कोई बयान या ट्वीट नहीं मिला। जिसमे पीएम मोदी को मुसलमानों का दुश्मन बताया गया हो या ईरान के लाल सागर में भारतीय जहाजों को रोकने की कोई घोषणा की गई हो।
निष्कर्ष:
अत: DFRAC के फैक्ट चेक से स्पष्ट है कि वायरल दावा फेक है।
पाकिस्तान के समर्थन में असद नासिर का फेक नरेटिव
असद नासिर ने पाकिस्तान के समर्थन में भी खूब फेक फैलाया। उन्होने पाकिस्तान से जुड़ी कई फेक न्यूज़ फैलाई। जिसमे उन्होने आर्थिक रूप से परेशानी झेल रहे पाकिस्तान को आर्थिक रूप से सशक्त दिखाने की एक नाकाम कोशिश की है।
फैक्ट चेक: क्या पाकिस्तान के पास है एशिया का सबसे बड़ा तेल और गैस भंडार? जानिए सच्चाई
असद नासिर ने हाल ही में पाकिस्तान में मिले तेल और गेस के भंडार को लेकर बड़ा दावा करते हुए कहा कि पाकिस्तान के पास अब एशिया का सबसे बड़ा तेल और गैस भंडार है।
Source: X
उन्होने अपने ट्वीट में लिखा कि 🚨ब्रेकिंग न्यूज़:- 🇵🇰 पाकिस्तान के पास अब आधिकारिक तौर पर एशिया में सबसे बड़ा 🛢️तेल और गैस भंडार है।✅✅✅
फैक्ट चेक:
Source: Dawn
वायरल दावे की जांच के लिए DFRAC ने इस सबंध में मीडिया कवरेज की जांच की। इस दौरान हमें पाकिस्तानी न्यूज़पेपर Dawn की रिपोर्ट मिली। जिसमे बताया गया कि पाकिस्तान में ‘मित्र देशों’ के साथ मिलकर 3 साल के सर्वेक्षण के बाद पाकिस्तान के जलक्षेत्र में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस का एक बड़ा भंडार मिला है।
रिपोर्ट में ये भी बताया गया कि कुछ अनुमानों के मुताबिक यह खोज दुनिया के चौथे सबसे बड़ा तेल और गैस भंडार की है। फ़िलहाल, वेनेजुएला को लगभग 3.4 बिलियन बैरल के साथ तेल भंडार में अग्रणी माना जाता है, जबकि अमेरिका में सबसे ज़्यादा अप्रयुक्त शेल तेल भंडार है। सऊदी अरब, ईरान, कनाडा और इराक शीर्ष पांच में शामिल हैं।
Source: worldpopulationreview
Source: worldatlas
इसके साथ ही हमने वर्ल्ड पोपुलेशन रिवियू और वर्ल्ड एटलस की शीर्ष 10 तेल भंडार वाले देशों की रिपोर्ट देखी। जिसमे हमने पाया कि सऊदी अरब के पास एशिया का सबसे बड़ा तेल भंडार है। वहीं सऊदी अरब सबसे बड़े तेल भंडार वाले शीर्ष 10 देशों में चौथे स्थान पर है।
निष्कर्ष:
अत: DFRAC के फैक्ट चेक से स्पष्ट है कि असद नासिर का पाकिस्तान के पास आधिकारिक रूप से एशिया का सबसे बड़ा तेल और गैस भंडार होने का दावा भ्रामक है। क्योंकि ये सऊदी अरब के पास है।
असद नासिर के ट्वीट का एनालिसिस
असद नासिर ने सबसे ज्यादा 128 ट्वीट सऊदी अरब को लेकर किये है। इसके बाद भारत के नंबर आता है। भारत को लेकर 98 ट्वीट किये गए है। दौरे स्थान पर पाकिस्तान है। पाकिस्तान को लेकर 97, फिर चीन का तीसरा नंबर आता है। चीन को लेकर 93 हुए है। चौथे नंबर पर बांग्लादेश है। बांग्लादेश को लेकर 92 ट्वीट हुए। वहीं ईरान 89 ट्वीट के साथ पांचवे नंबर पर है। तुर्की को लेकर 83 ट्वीट तथा कनाडा के सबंध में 32 ट्वीट किये है।
ऊपर दिये गए ग्राफ को देखने से साफ पता चलता है कि असद नासिर के ट्वीट में सबसे ज्यादा शेयर सऊदी अरब का है। जो कि 18 फीसद है। उसके बाद इंडिया का है। जो 13.8 फीसद है। फिर पाकिस्तान का है। जो 13.6 फीसद है। अगला स्थान बांग्लादेश का है। जो 12.9 फीसद है। इसी तरह ईरान का 12.5 फीसद, तुर्की का 11.7 फीसद और कनाडा का 4.5 फीसद है।
ऊपर दिया गया टाइमलाइन ग्राफ पूरे समय में ट्वीट्स की टाइमलाइन को दर्शाता है। ये उच्चतम (highs) और निम्नतम (lows) स्तर ट्वीट्स की आवृत्ति (frequency) को दर्शाता है। ग्राफ में उच्चतम स्तर असद नासिर द्वारा उस विशेष अवधि में किए गए ट्वीट्स की उच्च संख्या (high number) को दर्शाता है।
निष्कर्ष
असद नासिर पाकिस्तान की ओर से भारत के खिलाफ चलने वाली डिजिटल मुहिम का एक हिस्सा है। जिसमे फेक और भ्रामक खबरों के जरिये भारत को निशाना बनाया जा रहा है। इसका उद्देश्य भारत की विदेशनीति को प्रभावित करना है। इन फेक और भ्रामक खबरों के जरिये विशेषकर मित्र देशों के साथ भारत के सबंधों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। साथ ही भारत के आर्थिक हितों को भी प्रभावित करने की एक कुटिल साजिश भी है।