7 अक्टूबर 2023 को शुरू हुआ इजरायल-हमास संघर्ष को एक साल से ज्यादा का समय गुजर चुका है। इस युद्ध ने मध्य-पूर्व के कई देशों को अपनी चपेट में लिया हुआ है। जिससे यमन भी अछूता नहीं है। यमन से भी फिलिस्तीनीयों के समर्थन में इजरायल के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है।
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इस सबंध में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है। जिसमे यमन के राष्ट्रपति के हवाले से इजरायल को धमकी देने का दावा किया गया है। X पर वेरिफाइड यूजर यमन मिलिट्री ने वीडियो को शेयर करते हुए लिखा कि #यमनी राष्ट्रपति: ज़ायोनी इकाई से जुड़ा कोई भी जहाज़ लाल सागर से नहीं गुज़रेगा, चाहे इसके लिए उसे कितनी भी कीमत चुकानी पड़े। क्या कोई अरब राष्ट्रपति यमनी राष्ट्रपति जितना बहादुर है?
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कई अन्य यूजर ने भी इस वीडियो को ऐसे ही दावे के साथ शेयर किया है। जिसे यहां देखा जा सकता है।
फैक्ट चेक:
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वायरल वीडियो की जांच के लिए DFRAC ने सबसे पहले वीडियो को InVID टूल की मदद से कीफ्रेम में बदला। फिर कीफ्रेम को रिवर्स सर्च किया। इस दौरान हमें ऐसा ही वीडियो यूट्यूब पर मिला। इस वीडियो को 7 जनवरी 2024 को अल मायादीन न्यूज़ ने पोस्ट किया था। वीडियो को हेडिंग दी गई – المشّاط: أي سفينة مرتبطة بالاحتلال الإسرائيلي “لن تعبر البحر الأحمر
(अल-मशात: इजरायली कब्जे से जुड़ा कोई भी जहाज “लाल सागर को पार नहीं करेगा।”)
इसके साथ ही केप्शन में लिखा मिला – قال رئيس المجلس السياسي الأعلى في اليمن مهدي المشاط إن الرد آت لا محالة على استهداف الأميركيين القوات البحرية اليمنية وطالب واشنطن بتسليم المتورطين كما جدد التأكيد على منع عبور أي سفينة اسرائيلية في البحر الأحمر. (यमन में सर्वोच्च राजनीतिक परिषद के प्रमुख, महदी अल-मशात ने कहा कि अमेरिकियों द्वारा यमनी नौसैनिक बलों को निशाना बनाने पर अनिवार्य रूप से प्रतिक्रिया दी जाएगी, और उन्होंने वाशिंगटन से इसमें शामिल लोगों को सौंपने का आह्वान किया, उन्होंने किसी भी इजरायली जहाज की लाल सागर पार करने से रोकथाम की भी पुष्टि की)
इसके बाद हमने आगे की जांच की और पाया कि महदी अल-मशात हौथी आंदोलन से सबंधित सुप्रीम पॉलिटिकल काउंसिल के अध्यक्ष है। इसके साथ हमने ये भी पाया कि वर्तमान में यमन के राष्ट्रपति रशीद अल-अलामी है। वे यमन गणराज्य के राष्ट्रपति नेतृत्व परिषद के अध्यक्ष भी है।
निष्कर्ष:
अत: DFRAC के फैक्ट चेक से स्पष्ट है कि वायरल वीडियो के साथ किया गया दावा भ्रामक है। क्योंकि महदी अल-मशात यमन के राष्ट्रपति नही बल्कि हौथी आंदोलन के नेता है। वहीं वीडियो भी वर्तमान का नहीं बल्कि जनवरी 2024 का है।