बीते 27 नवंबर को राजस्थान के अजमेर स्थित ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती दरगाह को हिंदू मंदिर बताने वाली याचिका को निचली अदालत ने स्वीकार कर मामले से जुड़े सभी पक्षकारों को नोटिस जारी करते हुए 5 दिसंबर को अगली सुनवाई की तारीख दी है। इसी बीच ख्वाजा गरीब नवाज अजमेर दरगाह के हवाले से सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर की गई है। वीडियो में हाथों में मशाल लिए एक भीड़ देखी जा सकती है। यूजर्स वीडियो शेयर कर दावा कर रहे हैं कि ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह पर हिंदुओं ने विरोध प्रदर्शन किया और इस दौरान प्रदर्शनकारी आग में झुलस गये।
Malik Ehtisham नामक एक यूजर ने वीडियो शेयर कर लिखा, “ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह पर हिंदुओं का विरोध प्रदर्शन, उनका कहना है कि ख्वाजा साहब की दरगाह के आसपास एक मंदिर दबा हुआ है। उस पर वे प्रदर्शन कर रहे थे, प्रदर्शन के दौरान अदृश्यतः हिंदुओं को आग ने लपेट में ले लिया।”(हिन्दी अनुवाद)
इसके अलावा अन्य यूजर्स ने भी वीडियो शेयर कर ऐसा ही दावा किया है, जिसे यहां, यहां, यहां, यहां यहां और यहां क्लिक करके देखा जा सकता है।
फैक्ट चेकः
DFRAC टीम ने वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च किया। हमें वायरल वीडियो से संबंधित amarujala की 29 नवंबर 2024 की एक रिपोर्ट मिली, जिसमें बताया गया है कि मध्य प्रदेश के खंडवा में गुरुवार देर रात निकाले जा रहे एक मशाल जुलूस के दौरान हुए हादसे से बड़ी संख्या में लोग झुलस गए। नगर के एक संगठन राष्ट्रभक्त वीर युवा मंच के द्वारा एक श्रद्धांजलि सभा का कार्यक्रम बड़ा बम क्षेत्र में रखा गया था, जिसके बाद एक मशाल जुलूस भी निकाला गया। जुलूस के समापन के समय कुछ लोगों के हाथों में रखी मशालें धक्का-मुक्की में उलट-पुलट हो गईं, जिससे उनमें मौजूद तेल और बुरादा भभक उठा और आग का बड़ा गोला बन गया। इससे वहां मौजूद लोगों के चेहरे और हाथ झुलस गए।
इसके अलावा tv9hindi की 29 नवंबर की रिपोर्ट में बताया गया है कि मध्य प्रदेश के खंडवा में मशाल जुलूस के समापन समारोह में हुए हादसे में 50 से ज्यादा लोग झुलस गए। मशाल जुलूस का आयोजन राष्ट्र भक्त वीर युवा मंच ने किया था। आतंकवाद के खिलाफ आयोजित हुए कार्यक्रम में तेलंगाना के बीजेपी नेता टी राजा और पश्चिम बंगाल भाजपा प्रवक्ता नाजिया खान शामिल हुई थीं और उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित किया था।
निष्कर्षः
DFRAC के फैक्ट चेक से साफ है कि वायरल वीडियो ख्वाजा गरीब नवाज अजमेर दरगाह पर हिंदुओं के प्रदर्शन का नहीं है, बल्कि मध्य प्रदेश के खंडवा में मशाल जुलूस के दौरान हुए हादसे का है। इसलिए यूजर्स का दावा भ्रामक है।