सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है, जिसमें एक जुलूस में भगवा झंडा दिखाई दे रहा है और लोग डीजे पर डांस कर रहे हैं। इसी वीडियो में देखा जा सकता है कि कुछ युवक एक भगवा झंडा उतारकर फेंक देते हैं। यूजर्स इस वीडियो को शेयर कर इसे बहराइच का बता रहे हैं और दावा कर रहे हैं कि भगवा झंडा फेंके जाने के बाद ही बहराइच में हिंसा भड़की, जिसमें राम गोपाल मिश्रा की जान चली गई।
एक यूजर ने वीडियो शेयर कर लिखा, “सभी हिंदुओं से निवेदन है कि बहराइच के इस सच को वायरल करें, अब खुलासा हो गया है कि पहले रामगोपाल जी उस मुस्लिम के घर की छत पर नहीं चढ़े थे। गौर से देखो जिह!दियों ने पहले भगवा ध्वज छीनकर फाड़ फेंका, पीछे से दुर्गा शोभायात्रा पर पत्थर फेंका, दुर्गा प्रतिमा का हाथ टूट कर गिर गया। उसके बाद जहां से पत्थर फेंका गया उसे घर पर रामगोपाल जी चढ़े और भगवा झंडा लगाया। इसी के बाद बहराइच में माहौल खराब हुआ।”
इसके अलावा अन्य यूजर्स ने भी वीडियो शेयर कर इसी तरह के दावे किये, जिसे यहां, यहां, यहां और यहां क्लिक करके देखा जा सकता है।
फैक्ट चेक:
DFRAC टीम ने वायरल वीडियो की पड़ताल की। हमने पाया कि कुछ यूजर्स ने इसे महाराजगंज का बताया है। इसके बाद संबंधित कीवर्ड सर्च करने पर हमें etvbharat की 12 अक्टूबर 2024 को प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली, जिसमें बताया गया है कि महराजगंज में निचलौल थानाक्षेत्र के मिश्रौलिया गांव में शुक्रवार (11 अक्टूबर) की शाम को दुर्गा पूजा डोल जुलूस के दौरान साम्प्रदायिक तनाव उत्पन्न करने का प्रयास किया गया। एक समुदाय के लोगों ने दूसरे समुदाय के धार्मिक झंडे छीनकर जमीन पर फेंक दिए और भीड़ पर पत्थरबाजी की। घटना के बाद भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। वहीं, पुलिस ने इस मामले में 12 नामजद और 5 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
इसके अलावा अमर उजाला समाचारपत्र की वेबसाइट पर भी इस खबर को कवर किया गया है। यहां भी बताया गया है कि निचलौल क्षेत्र के मिश्रवलिया गांव में दुर्गा पूजा डोल में हंगामा करने पर 17 लोगों पर संबंधित धाराओं में केस दर्ज किया गया है।
जबकि livehindustan और IndiaTV ने भी इस खबर को रिपोर्ट किया है।
निष्कर्ष:
DFRAC के फैक्ट चेक से स्पष्ट है कि यह घटना बहराइच की नहीं है, बल्कि महाराजगंज की है, जब दुर्गा पूजा डोल जुलूस के दौरान हंगामा हो गया था और इस मामले में पुलिस ने 17 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। इसलिए यूजर्स का दावा भ्रामक है।