सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल है। जिसमें देखा जा सकता है कि रेल पटरी पर एक लोहे का खंभा रखा हुआ है। यूजर्स इस तस्वीर को ‘हिन्दुओं की जान जाने से बची’, ‘मुस्लिम कॉलोनी के पीछे से गुजरती ट्रेन’ और ‘रेल जिहाद’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर सांप्रदायिक दावे के साथ शेयर कर रहे हैं।
एक यूजर ने लिखा, “मोहब्बत की बात करने वाले मुल्ले कहा मुंह छुपाकर बैठे हैं हज़ारों हिन्दुओं की जान जाते जाते बची। रामपुर के मुस्लिम कॉलोनी के पीछे से गुज़र रही रेलवे लाइन पर ट्रेन को पलटाने के उद्देश्य से लोहे का खम्बा रख दिया आतंकवादियों ने, लेकिन देहरादून एक्सप्रेस लोको पॉयलेट ने समय रहते इमरजेंसी ब्रेक लगाकर हज़ारों हिन्दुओं की जान बचा ली। आखिर कब खुलेंगी रेल मंत्रालय की आखें जागो हिन्दू जागो”।
वहीं अन्य यूजर ने लिखा, “रामपुर में दून एक्सप्रेस पलटाने की साजिश। उतर प्रदेश और उत्तराखंड बॉर्डर रामपुर जिले के सटी कॉलोनी के पीछे से गुजर रही रेलवे लाइन पर टेलीकॉम का सात मीटर लंबा पुराना खंभा रख दिया गया। इस बीच वहां से देहरादून एक्सप्रेस गुजर रही थी। ट्रेन के लोको पायलट ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर बड़े हादसे को टाल दिया।अब देश में एक विशेष वर्ग के लोग दिन रात बस यही काम करने पर लगे है, किस किस से बचाओगे खुद को। रेल जिहाद।”
इसके अलावा अन्य यूजर ने भी यह तस्वीर शेयर कर इसी तरह के दावे किये, जिसे यहां, यहां, यहां और यहां क्लिक करके देखा जा सकता है।
फैक्ट चेक
DFRAC टीम ने वायरल दावे की पड़ताल की। हमें इससे संबंधित कई मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं। abp न्यूज की 22 सितंबर 2024 की एक रिपोर्ट में पुलिस के हवाले से बताया गया है कि 18 सितंबर को बिलासपुर रोड और रुद्रपुर सिटी रेलवे स्टेशनों के बीच पटरी पर छह मीटर लंबा लोहे का खंभा रखकर नैनी जन शताब्दी एक्सप्रेस को कथित तौर पर पटरी से उतारने की कोशिश के सिलसिले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में रामपुर जिले के निवासी सनी उर्फ सानिया उर्फ संदीप चौहान और बिजेंद्र उर्फ टिंकू को गिरफ्तार किया गया है।
आरोपी लोहे के खंभे को चोरी करके ले जा रहे थे तभी रेल के हॉर्न की आवाज सुनकर आरोपी खंभे को ट्रेक पर छोड़ कर भाग गये। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक यह घटना उत्तर प्रदेश के रामपुर से लगभग 43 किलोमीटर दूर रुद्रपुर सिटी रेलवे स्टेशन के पास की है।
इसके अलावा etvbharat तथा amarujala की रिपोर्ट में भी यही तथ्य दोहराये गये हैं।
निष्कर्षः
DFRAC के फैक्ट चेक से स्पष्ट है कि इस मामले में सांप्रदायिक एंगल नहीं है। पुलिस ने इस घटना के दो आरोपियों संदीप और विजेन्द्र को गिरफ्तार किया है। इसलिये यूजर्स का दावा भ्रामक है।