बांग्लादेश में मुस्लिम बुजुर्ग की पिटाई का वीडियो भारत का बताकर सांप्रदायिक दावा किया गया

फैक्ट चेकः बांग्लादेश में मुस्लिम बुजुर्ग की पिटाई का वीडियो भारत का बताकर सांप्रदायिक दावा किया गया

Fact Check hi Featured Misleading

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है। जिसमें देखा जा सकता है कि एक मुस्लिम बुजर्ग की एक युवक पिटाई कर रहा है। यूजर्स इस वीडियो को भारत का बताते हुए सांप्रदायिक दावे के साथ शेयर कर रहे हैं।

एक यूजर ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “महाराष्ट्र के train वाले बुजुर्ग का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि ये दूसरा video सामने आ रहा है जिसमें एक विशेष समाज का आदमी मुस्लिम बुजुर्ग को बुरी तरह पीट रहा है क्या इस की गिरफ्तारी होगी RT करो गिरफ्तारी की मांग करो”

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इसके अलावा एक अन्य यूजर ने वीडियो शेयर कर लिखा, “कितना नीच दरिंदा है ये एक बूढ़े दाड़ीवाले मुसलमान का पहले चश्मा तोड़ देता है और फिर इस बुरी तरह से उनको मारता है। इस दरिंदे को हिरासत में लेके इसकी इसी तरह ठुकाई करना चाहिए। ये दरिंदा घर में अपने बाप दादा को भी इसी तरह मारता होगा। शर्मनाक”
 

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जबकि इस वीडियो को अन्य यूजर ने भी शेयर किया है, जिसे यहां और यहां क्लिक करके देखा जा सकता है।

फैक्ट चेक

DFRAC टीम ने वायरल दावे की पड़ताल के लिए वीडियो के कीफ्रेम को रिवर्स इमेज सर्च किया। हमे इस घटना से संबंधित voice7news की 9 सितम्बर 2024 को प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। जिसमें बताया गया है कि पूर्व जिला स्वतंत्रता सेनानी कमांडर अब्दुर रशीद पर इफ्तिखार आलम शॉन मोल्ला द्वारा हमला करने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। रविवार 8 सितंबर को यह वीडियो वायरल हुआ। बुजर्ग के साथ मारपीट करने वाला व्यक्ति (पूर्व बीएनपी जिला संयोजक महबूबुल आलम फारुक मोल्ला के बेटे शॉन मोल्ला) को बरगुना जिला आयुक्त (डीसी) कार्यालय के सामने बुजुर्ग स्वतंत्रता सेनानी पर हमला करते हुए दिखाया गया है। बुजुर्ग अब्दुल रशीद को शान मोल्ला अपशब्द कहता है फिर उनका चश्मा उतारकर सड़क पर पटक देता है, शान मोल्ला बुजुर्ग को थप्पड़ भी मारता है।

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इसके अलावा हमें Dhaka Mirror नामक यूट्यूब चैनल पर भी 8 सितंबर को यह वायरल वीडियो अपलोड किया गया है। इसके डिस्क्रिप्शन में बताया गया है कि जुबा दल के नेता ने बारगुना में स्वतंत्रता सेनानी कमांडर को सार्वजनिक रूप से थप्पड़ मारा।

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निष्कर्ष

DFRAC के फैक्ट चेक से स्पष्ट है कि वायरल वीडियो बांग्लादेश के बारगुना का है। घटना का आरोपी और पीड़ित बुजुर्ग दोनों मुस्लिम हैं और इस घटना में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है। इसलिए यूजर्स का दावा भ्रामक है।