सोशल मीडिया पर मुस्लिम समाज के लोगों की सीने तक भरे पानी में हाथ उठाकर दुआ मांगने की तस्वीर वायरल है। इस तस्वीर को यूजर्स हाल ही में बांग्लादेश में आए बाढ़ का बताकर शेयर कर रहे हैं। इस फोटो के साथ यूजर्स लिख रहे हैं, “इस समय बांग्लादेश में आई भयानक बाढ़ से हाल बेहाल। कर्म का फल मिलता है पर इतनी जल्दी मिलता है ये पहली बार देख रहा हूँ।”
वहीं कई अन्य यूजर्स द्वारा भी फोटो को शेयर किया गया है। जिसे यहां, यहां, और यहां देखा जा सकता है।
फैक्ट चेकः
DFRAC की टीम ने वयरल फोटो की जांच के लिए गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च किया है। यह तस्वीर हमें International Photography Awards नामक वेबसाइट पर पोस्ट मिली। जिसमें इस फोटो के विवरण में फोटोग्राफर का नाम शरवार हुसैन और फोटो की तारीख में 8 अक्टूबर 2021 बताया गया है।
इसके साथ जानकारी दी गई है, “यह तस्वीर बांग्लादेश के सतखीरा से ली गई है, जो दुनिया के सबसे बड़े मैंग्रोव वन “सुंदरबन” के पास का निचला तटीय क्षेत्र है। यहाँ रहने वाले लोगों को घुटने या छाती के बराबर पानी से नमाज़ अदा करनी होती है और नमाज़ को गले के बराबर पानी में अदा करना पड़ता ताकि सर्वशक्तिमान अल्लाह उन्हें इस खतरे से बचाए। लेकिन कुछ दिनों के बाद अत्यधिक उच्च ज्वार के पानी के तेज़ बहाव के कारण उन्होंने यह मस्जिद खो दी। हालाँकि वे ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन के इन परिणामों के लिए कोई भी जिम्मेदार नहीं हैं।”
वहीं इस फोटो को क्लिक करने वाले फोटोग्राफर शरवार हुसैन ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर 29 मार्च 2022 को पोस्ट करते हुए जानकारी दी है कि उनकी फोटो World Water Day Photo Contest की विजेता सूची में है।
निष्कर्षः
DFRAC के फैक्ट चेक से साफ है कि सोशल मीडिया वायरल फोटो हाल-फिलहाल का नहीं है। इस फोटो को अक्टूबर 2021 में फोटोग्राफर शरवार हुसैन ने बांग्लादेश के सतखीरा में क्लिक किया था। इसलिए यूजर्स का दावा भ्रामक है।