सोशल मीडिया पर केन्द्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का संसद में दिए बयान का एक वीडियो शेयर किया जा रहा है। यूजर्स वीडियो शेयर कर दावा कर रहे हैं कि आपके घर से 60 किमी के भीतर किसी भी टोल बूथ पर कोई टोल शुल्क देय नहीं है। इसके लिए केवल आपको अपना आधार कार्ड दिखाना होगा।
Dilip Kumar Singh नामक एक यूजर ने वीडियो शेयर कर लिखा, “आपके घर से 60 किमी के भीतर किसी भी टोल बूथ पर कोई टोल शुल्क देय नहीं है। इसके लिए आपको अपने आधार कार्ड से गुजरना होगा। कृपया इसे आगे फॉरवर्ड करें और लोगों को जानकारी देने का काम करें.. यह केंद्र सरकार का आदेश है”
इसके अलावा अन्य यूजर ने भी वीडियो शेयर कर इसी तरह के दावे किये हैं। जिसे यहां और यहां क्लिक करके देखा जा सकता है।
फैक्ट चेक
DFRAC टीम ने वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए गूगल पर संबंधित कीवर्ड सर्च किये। नितिन गडकरी का यह पूरा वीडियो हमें भारतीय जनता पार्टी के यूट्यूब चैनल पर 22 मार्च 2022 को अपलोड मिला, इस वीडियो के 25 मिनट 39 सेकेण्ड पर नितिन गडकरी का यह वायरल भाषण सुना जा सकता है। इसमें नितिन गडकरी अन्य सांसदों के द्वारा दिये जा रहे सुझाव के बारे में कहते हैं कि टोल प्लाज़ा के आस पास स्थानीय लोगों को आधार कार्ड देखकर पास इश्यू किया जाए। बाद में नितिन गडकरी दूसरे सुझाव का ज़िक्र करते हुए कहते हैं कि कि 60 किलोमीटर के भीतर दो टोल प्लाज़ा नहीं हो सकते, लेकिन कुछ जगह ऐसा चालू है। 3 महीने के अंदर 60 किलोमीटर के अंदर एक ही टोल नाका होगा, दूसरा होगा तो वह बंद कर दिया जाएगा। मतलब, नितिन गडकरी के ये दोनों बयान, दो अलग-अलग सुझाव के आधार पर हैं। इसलिए सोशल मीडिया पर इन दोनों बयानों को जोड़कर भ्रामक दावा किया जा रहा है कि अगर किसी व्यक्ति का घर टोल प्लाज़ा के 60 किलोमीटर के अंदर है, तो उसे टोल टैक्स नहीं देना पड़ेगा।
इसके अलावा हमने सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की वेबसाइट पर स्थानीय लोगों को मिलने वाली छूट की पड़ताल की। एग्जेम्पशन्स एंड डिस्काउंट्स एज पर नेशनल हाइवेज फी (डिटर्मिनेशन ऑफ रेट्स एंड कलेक्शन) रुल्स 2008 के मुताबिक, टोल प्लाजा के 20 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले निवासियों को टोल टैक्स में छूट दी जाती है। इसके लिए स्थानीय निवासियों को आवश्यक कागज़ात दिखाने पर उनके सत्यापन के बाद छूट प्रदान की जाती है।
निष्कर्ष
DFRAC के फैक्ट चेक से स्पष्ट है कि नितिन गडकरी के दूसरे संदर्भ में दिये गये बयान को भ्रामक दावे के साथ शेयर किया गया है । क्योंकि नितिन गडकरी संसद में सांसदों द्वारा दिये गये सुझावों का जिक्र कर रहे थे।