सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है। वीडियो में देखा जा सकता है कि एक व्यक्ति एक बोतल से एक गिलास में निकालता है और फिर पानी से भरे उस गिलास में थूक देता है। यूज़र्स इस वीडियो को शेयर कर इसे थूक जिहाद बता रहे हैं।
AJAYAWASTHI108 नामक एक यूजर ने वीडियो शेयर कर लिखा, “अखिर कब तक? थूक जिहाद का बिल्कुल नया विडियो (July 2024 का) अलीगढ़ कोर्ट से। न्यायालय के जज भी हुए थूक ज़िहाद का शिकार, बेहद शर्मनाक दुःखद है”।
इसके अलावा sunita747 नामक यूजर ने वीडियो शेयर कर लिखा, “MiLord also not safe from Thook J!haad! थूक जिहाद से अलीगढ़ के न्यायिक अधिकारी नहीं बचे तो औरों का क्या कहना? ”।
फैक्टचेकः
DFRAC टीम ने वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए संबंधित कीवर्ड सर्च किया। हमें टाइम्स ऑफ इंडिया और जनसत्ता की मई 2018 को प्रकाशित रिपोर्ट्स मिलीं, जिनमें इस घटना को कवर किया गया है। टाइम्स ऑफ इंडिया की 29 मई 2018 को प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, अलीगढ़ के जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने एक विचित्र घटना की जांच के आदेश दिए हैं, जिसमें एक चपरासी ने महिला सिविल जज को गिलास में थूककर पानी पिलाया था। एक सप्ताह पहले हुई यह घटना तब प्रकाश में आई, जब एक वीडियो में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी विकास गुप्ता को महिला जज को दिये जाने वाले पानी के गिलास में थूकते देखा गया, इस घटना का वीडियो ऑनलाइन वायरल हो गया। महिला जज के गिलास में थूककर पानी पिलाने वाले विकास गुप्ता को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। घटना की पुष्टि करते हुए जिला एवं सत्र न्यायाधीश पीके सिंह ने कहा है कि एक वरिष्ठ न्यायिक अधिकारी को जांच सौंपी गई है, जिन्हें एक महीने के भीतर रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है।
इसके अलावा जनसत्ता ने भी 29 मई 2018 को इस घटना पर रिपोर्ट प्रकाशित की थी। जनसत्ता के मुताबिक, अलीगढ़ में महिला जज के दफ्तर का एक चपरासी गिलास में थूककर पानी पीने के लिए देता था। इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद आरोपित चपरासी को निलंबित कर दिया गया है और इस मामले की जांच बैठा दी गई है।
साथ ही अलीगढ़ पुलिस के एक्स हैंडल ने भी इस वीडियो की पुष्टि कर इसे 2018 का बताया है। अलीगढ़ पुलिस के एक्स हैंडल पर लिखा गया है, “कृपया बिना तथ्य तस्दीक किए भ्रामक पोस्ट न करें । उपरोक्त प्रकरण वर्ष 2018 का है, जिसमें तत्समय संबंधित विभाग द्वारा चपरासी के विरूद्ध आवश्यक कार्यवाही की गयी थी”।
निष्कर्षः
DFRAC के फैक्ट चेक से स्पष्ट है कि वीडियो हाल फिल्हाल का नहीं है, बल्कि 2018 का है तथा आरोपी चपरासी का नाम विकास गुप्ता है। यूजर्स द्वारा इसे भ्रामक दावे के साथ शेयर किया गया है।