सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है, वीडियो में देखा जा सकता है कि सड़क पर खड़े होकर नमाज पढ़ा रहे इमाम को पुलिस पकड़ कर ले जा रही है। यूजर्स वीडियो शेयर कर दावा कर रहे हैं कि बांग्लादेश में सड़क जाम करके नमाज पढ़ने पर पुलिस ने इमाम को गिरफ्तार कर लिया और अन्य लोगों को भगा दिया, जबकि इसके उलट भारत में ऐसा करने पर बवाल मच जाता है।
Babymishra नामक एक यूजर ने वीडियो शेयर कर लिखा, “इमाम गिरफ्तार, पुलिस ने नमाजी भगा दिए ये बंग्लादेश है बंग्लादेश, कोई भारत नही जो तुम लोग सड़क पर नमाज पढ़ने बैठ गए – अरे इसे क्या भारत समझ रखा है ये इस्लामिक देश है यहाँ सड़क पर नमाज पढ़ना मान्य नही है बताइए, बंग्लादेश का कानून भी भारत से अच्छा है सख्त है”।
इसके अलावा अन्य यूजर ने भी वीडियो शेयर कर इसी तरह के दावे किये हैं।
फैक्ट चेक
DFRAC टीम ने पड़ताल के लिए वीडियो को कीफ्रेम्स मे कन्वर्ट कर रिवर्स इमेज सर्च किया। हमें अल जज़ीरा की 18 जुलाई 2024 की एक वीडियो रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट में वीडियो के बारे में बताया गया है कि बांग्लादेश में आरक्षण विरोधी आंदोलन में मारे गए छात्रों के जनाज़े की नमाज पढाते इमाम को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया।
दरअसल यह घटना कोमिला, बाग्लादेश की 17 जुलाई की है। जब कुछ लोग छात्रों के जनाजे की नमाज पढ़ रहे थे। यह वीडियो बांग्लादेश की विपक्षी पार्टी ने शेयर किया था। आपको बता दें कि हाल ही में बांग्लादेश में 1971 के बांग्लादेश मुक्ति आंदोलन में लड़े सैनिकों के रिश्तेदारों को सरकारी सेवाओं में 30 प्रतिशत आरक्षण के प्रावधान के विरोध में प्रदर्शन शुरु हुए।
इसके अलावा इस वीडियो को टीआरटी वर्ल्ड के यूट्यूब चैनल पर भी 19 जुलाई 2024 को अपलोड कर डिस्क्रिप्शन में बताया गया है कि बांग्लादेश पुलिस ने एक इमाम को उस समय हिरासत में ले लिया जब वह सरकारी नौकरी में आरक्षण को लेकर हाल ही में हुए प्रदर्शनों के दौरान मारे गए छात्रों के जनाजे की नमाज पढ़ा रहा था।
निष्कर्ष
DFRAC के फैकट चेक से स्पष्ट है कि बांग्लादेश में इमाम की गिरफ्तारी सड़क पर नमाज पढ़ने के कारण नहीं हुई थी, बल्कि बांग्लादेश में आरक्षण विरोधी आंदोलन में मारे गये छात्रों के जनाज़े की नमाज पढ़ाने पर हुई थी। इसलिए सोशल मीडिया यूजर्स का दावा भ्रामक है।