

फैक्ट चेकः
DFRAC की टीम ने वायरल दावे की जांच के लिए बरेली पुलिस के ऑफिशियल हैंडल @bareillypolice को देखा। पुलिस ने बताया कि पीड़ित छात्र मुस्लिम समुदाय से नहीं है। पुलिस द्वारा इस मामले में अभियोग पंजीकृत कर नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है।
वहीं हमें इस घटना के संदर्भ में दैनिक भास्कर, टीवी-9 भारतवर्ष और हिन्दी खबर सहित कई मीडिया रिपोर्ट्स भी मिलीं। जिसमें पीड़ित छात्र को दलित समुदाय का बताया गया है। इन रिपोर्ट्स के अनुसार पीड़ित छात्र ने शिक्षिका को जामुन और नींबू तोड़कर लाने से मना कर दिया था। जिसके बाद शिक्षिका ने अपना गुस्सा छात्र पर निकाला और उसे कमरे में बंद करके पीटा। जिस छात्र की पिटाई की गई, वो दलित है।

सोर्स- दैनिक भास्कर, टीवी-9 भारतवर्ष और हिन्दी खबर
निष्कर्षः
DFRAC के फैक्ट चेक से साफ है कि शिक्षिका द्वारा जिस छात्र की पिटाई की गई, वो मुस्लिम समुदाय से नहीं बल्कि दलित समुदाय से है। इसलिए यूजर्स का दावा भ्रामक है।