सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है। वीडियो में देखा जा सकता है कि मुस्लिम समुदाय के कुछ लोग आम की रेहड़ी लगाए हुए हैं। इन्हीं रेहड़ियों से फेमस भारतीय रेसलर द ग्रेट खली आम खा रहे हैं। यूजर्स वीडियो शेयर कर दावा कर रहे हैं कि रेसलर ग्रेट खली ने मुस्लिमों की दुकानों से आम खाकर मुजफ्फरनगर नेमप्लेट नियमों से उपजे विवाद पर विरोध जताया है।
Nazmkhan9917 नामक एक यूजर ने वीडियो शेयर कर लिखा, द ग्रेट खली ने मुस्लिम भाइयों से फल खाकर नेम प्लेट वाले नियमों का विरोध किया।
इसके अलावा अन्य यूजर्स ने भी वीडियो शेयर कर इसी तरह के दावे किये हैं।
फैक्ट चेक
DFRAC की टीम ने वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए वीडियो को कीफ्रेम्स में कन्वर्ट कर रिवर्स इमेज सर्च किया। हमें यह वीडियो द ग्रेट खली के इंस्टाग्राम अकाउंट पर 11 जुलाई 2024 को अपलोड मिला। वीडियो में द ग्रेट खली मुस्लिमों की दुकानों पर बैठकर आम खाते नजर आ रहे हैं।
इसके अलावा हमें मुजफ्फरनगर पुलिस के एक्स हैंडल पर 17 जुलाई का एक पोस्ट मिला जिसमें मुजफ्फरनगर पुलिस द्वारा कांवड़ यात्रियों की आस्था का सम्मान करते हुए कांवड़ियों की सुविधा के लिए उनके मार्ग में मुजफ्फरनगर में पड़ने वाले होटल, ढाबे एवं खानपान की सामग्री बेचने वाले दुकानदारों से स्वेच्छा से अपने मालिक और दुकान पर काम करने वालों का नाम प्रदर्शित करने का अनुरोध किया गया था। जिससे यह साफ होता है कि खली का रेहड़ी से आम खाने का वीडियो नेमप्लेट विवाद से पहले का है।
निष्कर्ष
DFRAC के फैक्ट चेक से स्पष्ट है कि रेसलर ग्रेट खली का आम खाने का वीडियो मुजफ्फरनगर पुलिस के नेमप्लेट प्रदर्शित करने के निर्देश के पहले का है। मुजफ्फरनगर पुलिस ने होटल, ढाबों पर नेमप्लेट लगाने का निर्देश 17 जुलाई को दिया था जबकि ग्रेट खली का वीडियो 11 जुलाई का है। इसलिए सोशल मीडिया यूजर्स का दावा भ्रामक है और रेसलर खली के इस वीडियो का नेमप्लेट कंट्रोवर्सी से कोई लेना देना नहीं है।