सोशल मीडिया पर तीन साधूओं का वीडियो वायरल हो रहा है | यूजर्स का दावा है कि मेरठ में साधु बनकर घूम रहे 3 लोगों को पब्लिक ने पकड़ा पूछताछ में एक साधु ने सोहन नाम बताया, लेकिन आधार कार्ड की जांच करने पर वह “मो० शमीम” निकला। वहीं लोगों ने इन साधुओं पर बच्चा चोर होने का आरोप लगाया ।
अन्य यूजर्स ने भी इसी तरह के दावे साझा किए हैं।
फैक्ट चेक
DFRAC की टीम ने वायरल दावे के संदर्भ में जांच की। हमें कई मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं, जिसमे बताया गया है कि हरियाणा के यमुनानगर के दरवामाजिरी गांव के निवासी नाथ समुदाय के तीन साधुओं गौरव, गोपी और सुनील की पहचान गांव के मुखिया और स्थानीय पुलिस ने कर ली है। वे अपनी आजीविका के लिए यात्रा करते हैं और उनका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है।
इसके अलावा हमे मेरठ पुलिस द्वारा एक ट्वीट मिला, जिसमें बताया गया है, “बंधक बनाने व मारपीट की सूचना असत्य है। पुलिस द्वारा मौके पर पहुंचकर तीनों साधुओं को थाने लाया गया। पूछताछ करने पर ज्ञात हुआ कि तीनों यमुनानगर (हरियाणा) के निवासी है तथा साधु/फकीर है जो नाथ समुदाय के हैं तथा मांगने का कार्य करते है”।
निष्कर्ष :
DFRAC के फैक्ट चेक से साफ है कि मुस्लिम युवकों ने साधुओं का न तो भेष धारण किया था और न ही वे बच्चों के अपहरणकर्ता हैं। मेरठ पुलिस की जांच में पाया गया कि तीनों साधु- गौरव, गोपी और सुनील हैं, जो नाथ समुदाय के हिंदू हैं। इसलिए, सोशल मीडिया यूजर्स का दावा भ्रामक है।