सोशल मीडिया पर एक वीडियो जमकर वायरल है। इस वीडियो को शेयर करने वाले यूजर्स का दावा है कि यह वीडियो हरियाणा का है, जहां सीएम नायब सिंह सैनी की रैली में किसान जबरदस्ती घुस आए और किसानों ने रैली के लिए बनाए गए पंडाल में जमकर तोड़-फोड़ की। इस दौरान पुलिस और प्रशासन के लोग भी किसानों के सामने असहाय नजर आए और पंडाल से भाग खड़े हुए।
इस वीडियो को शेयर करते हुए गब्बर नामक यूजर ने लिखा- “हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंग सैनी- के पंडाल को किसानो ने घुसकर तहस नहस कर डाला, फोर्स भी भाग खड़ी हुई, BJP मे सन्नाटा. Daro Mat, PM of India Narendra Modi, Bhago. Smriti Irani. 4 June ko Bidai Fixed and Fixing hai : Rahul Gandhi. #APElections2024 #ArvindKejriwal”
वहीं इस वीडियो को एक्स और फेसबुक पर जमकर शेयर किया गया है, जिसे यहां और यहां क्लिक करके देखा जा सकता है।
फैक्ट चेकः
DFRAC की टीम ने वायरल वीडियो के की-फ्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च किया। हमें यह वीडियो Punjab Kesari Haryana के यूट्यूब चैनल पर 10 जनवरी 2021 को अपलोड मिला, जिसमें बताया गया है कि करनाल में तत्कालीन सीएम मनोहर लाल खट्टर के मंच को किसानों ने तोड़ा था। इस वीडियो में रिपोर्टर द्वारा बताया गया है कि करनाल में मनोहर लाल खट्टर का प्रोग्राम आयोजित था, लेकिन किसान जबरदस्ती पंडाल में घुस आए। इस दौरान किसानों ने हैलीपैड को उखाड़ दिया और पंडाल में जमकर तोड़-फोड़ की।
वहीं करनाल में मनोहर लाल खट्टर के कार्यक्रम में किसानों के तोड़-फोड़ की हमें कई अन्य मीडिया रिपोर्ट्स भी मिलीं। एबीपी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार- “हरियाणा के करनाल में किसानों के बवाल के चलते मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का ‘किसान महापंचायत’ का दौरा रद्द कर दिया गया. किसानों ने हंगामा किया और समारोह स्थल का पंडाल तोड़ दिया. मुख्यमंत्री हेलीपैड पर ही रहे. इस कार्यक्रम में खट्टर तीनों नए कृषि कानून का फायदा बताने वाले थे. इससे पहले पुलिस ने कैमला गांव की ओर किसानों के मार्च को रोकने लिए उन पर पानी की बौछारें कीं और आंसू गैस के गोले छोड़े. किसानों ने अस्थायी हेलीपेड का नियंत्रण भी अपने हाथ में ले लिया जहां मुख्यमंत्री का हेलीकॉप्टर उतरना था.”
निष्कर्षः
DFRAC के फैक्ट चेक से साफ है कि वायरल वीडियो हाल-फिलहाल में सीएम नायब सिंह सैनी की रैली में किसानों के तोड़-फोड़ का नहीं है, बल्कि 3 साल पुराना वीडियो है। इसलिए सोशल मीडिया यूजर्स का दावा भ्रामक है।