कांग्रेस पार्टी के राज्यसभा सांसद और शायर इमरान प्रतापगढ़ी का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें शायर इमरान प्रतापगढ़ी शेर पढ़े रहें हैं;
ना बुज़दिल की तरह तुम ज़िंदगी से हार कर मरना
अरे ईमान वालों ज़ुल्म को ललकार कर मरना
कभी जब भेड़ियों का झुंड तुमको घेर ही ले तो
अगर मरना पड़े तो चार-छह को मार कर मरना
साप्ताहिक पत्रिका पाञ्चजन्य ने चुनाव आयोग के हैंडल ‘@ECISVEEP’ मेंशन कर सवाल पुछा कि खुले मंच से यह कहना कि ‘मुसलमानों, मरने से पहले 5 काफिरों को मार कर मरना’- क्या यह बयान नफ़रत की श्रेणी में नहीं आता?
एक अन्य एक्स यूज़र ने @Uppolice से इस मामले में उचित कर्रवाई करने की मांग की है।
फ़ैक्ट-चेक:
DFRAC टीम ने वायरल वीडियो क्लिप की सच्चाई जानने के लिए इसके कुछ की-फ़्रेम को रिवर्स सर्च किया। इस दौरान टीम ने पाया कि वायरल वीडियो क्लिप वाला हिस्सा 5 अगस्त 2019 को कैप्शन ‘इमरान प्रतापगढ़ी नांदेड़ फुल मुशायरा’ के साथ यूट्यूब चैनल ‘Imran Pratapgarhi Official’ पर अपलोड वीडियो से लिया गया है।
वहीं, DFRAC टीम को वायरल वीडियो 15 सिंतबर 2019 के एक फ़ेसबुक पोस्ट में भी मिला।
वीडियो हालिया लोकसभा चुनाव से सम्बंधित नहीं है। बल्कि यह एक पुराना वीडियो है।
कांग्रेस नेता और शायर इमरान प्रतापगढ़ी ने मॉब लिंचिंग को संबोधित करते हुए शेर पढ़े हैं। उन्होंने इसमें मुस्लिम और काफ़िर जैसे शब्द का प्रयोग नहीं किया है।
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निष्कर्ष:
DFRAC के इस Fact Check से स्पष्ट है कि वायरल वीडियो क्लिप 4 साल पहले नांदेड़ में हुए मुशायरे की है, जिसे फिलहाल लोकसभा चुनाव से जोड़कर शेयर किया जा रहा है। इसलिए @epanchjanya व अन्य सोशल मीडिया यूज़र्स का दावा भ्रामक है।