सोशल मीडिया के एक्स प्लेटफॉर्म पर एक वीडियो शेयर किया गया है। इस वीडियो में पुलिस द्वारा बुर्का पहनी दो महिलाओं को हिरासत में लेते हुए दिखाया गया है। यूजर्स का दावा है कि फर्जी वोटिंग के आरोप में इन दोनों महिलाओं को पुलिस ने पकड़ा है।
इस वीडियो को शेयर करते हुए जितेंद्र प्रताप सिंह नामक यूजर ने लिखा- “सलमा नगमा आदि को बुर्का पहनाकर फर्जी वोट करवाया जाता रहा है इस बार सख्ती है तो ऐसे बहुत सी फर्जी वोटिंग के लिए आ रही ख्वातीन पकड़ी जा रही है ख़्वातीनो सुनो, फर्जी वोटिंग करने की बहुत कड़ी सजा है।”
इस वीडियो को कई अन्य यूजर्स ने भी ऐसे ही दावे के साथ शेयर किया है, जिसमें ओम प्रकाश बिश्नोई, न्यूज एक्सप्रेस 9027, अनुराग राव और ललित रावल सहित तमाम यूजर्स शामिल हैं।
फैक्ट चेकः
DFRAC की टीम ने वीडियो के की-फ्रेम्स को रिवर्स सर्च किया। हमने पाया कि वायरल वीडियो को कई सोशल मीडिया यूजर्स ने फरवरी 2022 में शेयर किया था। फेसबुक पर ‘Current TV News’ नामक यूजर ने इस वीडियो को 14 फरवरी 2022 को इसे रामपुर का बताते हुए शेयर किया था।
इस वीडियो के साथ कैप्शन है- “रामपुर, फर्जी वोट डालने वाली दो महिलाओं को डीएम ने पकड़ा. रज़ा डिग्री कालेज में पकड़ी गई दो महिलाओं के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज।” वहीं इस वीडियो को फरवरी 2022 में कई अन्य फेसबुक और इंस्टाग्राम यूजर ने भी रामपुर का बताते हुए शेयर किया था।
निष्कर्षः
DFRAC के फैक्ट चेक से स्पष्ट है कि वायरल वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं है। यह वीडियो फरवरी 2022 में रामपुर का है, जहां दो महिलाओं को फर्जी वोटिंग के आरोप में हिरासत में लिया गया था। इसलिए यूजर्स का दावा भ्रामक है।