सोशल मीडिया पर एक वीडियो इस दावे के साथ शेयर किया गया है कि उत्तर प्रदेश में मुस्लिम समुदाय के लोग सड़क पर नमाज अदा कर रहे थे, जिसके बाद यूपी पुलिस ने नमाजियों की पिटाई कर दी।
यूज़र्स का यह भी दावा है कि पुलिस पिटाई के साथ-साथ ऐसे लोगों के पोस्टर भी चौराहे पर लगाती है।
इंजीनियर राजेश सिंह नामक एक्स यूज़र ने वीडियो पोस्ट कर लिखा,“ये है अपना उत्तम-प्रदेश। यहां “सड़क जाम” करने वाले कि इस तरह “कुटाई ” होती है, साथ में चौक-चौराहे पर बड़े-बड़े बैनर पोस्टर पर उसकी “तस्वीर” अलग से लगाई जाती है ! बस पैसा आपसे वसूला जाता है। # बाबा”
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अन्य यूज़र्स भी वीडियो शेयर कर ऐसा ही दावा कर रहे हैं।
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फ़ैक्ट-चेक:
DFRAC की टीम ने वायरल वीडियो के कुछ की-फ़्रेम को रिवर्स सर्च किया और टीम को यही वीडियो कई यूट्यूब चैनल पर अलपोड मिला।
मार्च 2020 में कुछ लोग उत्तर प्रदेश के इटावा ज़िले में लॉकडाउन का उल्लंघन कर मस्जिद में जुमे की नमाज़ अदा कर रहे थे। जिसके बाद पुलिस ने उनके विरुद्ध कार्रवाई की।
इस दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया था और कई लोगों को हिरासत में भी लिया था।
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निष्कर्ष:
DFRAC के फ़ैक्ट-चेक से स्पष्ट है कि वायरल वीडियो हाल-फ़िलहाल का नहीं है। यह वीडियो चार साल पुराना मार्च 2020 का है, जब देश में COVID19 की वजह से लॉकडाउन लगा हुआ था। इसलिए, सोशल मीडिया यूज़र्स का सड़क जाम कर नमाज़ पढ़ने के बाद पुलिस कार्रवाई का दावा भ्रामक है।