सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में देखा जा सकता है कि एक शख्स मुस्लिम वेशभूषा में नज़र आ रहा है। दाढ़ी-टोपी वाला यह शख्स अपने सिर से टोपी हटाकर सिखों की पगड़ी बंधवा रहा है।
यूज़र्स, दावा कर रहे हैं कि वीडियो #KisanAndolan2024 का है, जिसमें देश विरोधी भरे पड़े हैं। यूजर्स सवाल कर रहे हैं कि किसानों को कोई हिंदू कलाकार नहीं मिल रहा क्या, जो इन रोहिंग्या कलाकारों को पगड़ी पहनानी पड़ रही है।
एक्स यूज़र चंदा कुमारी मीना ने वीडियो पोस्ट कर लिखा, “शूटिंग के दौरान सेट पे जाने से पहले सब कलाकार तैयार हो रहे हैं!! पर इनको कोई हिंदू कलाकार नहीं मिल रहा क्या जो इन रोहिंग्या कलाकारों को पग पहनानी पड़ रही है ?? सब के सब एंटीनेशनल भरे पेड़ हैं इस फर्जी किसान आंदोलन में।”
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BJP नेता विजय शेखर गुप्ता सहित अन्य सोशल मीडिया यूज़र्स भी वीडियो पोस्ट कर ऐसा ही दावा कर रहे हैं।
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फ़ैक्ट-चेक:
वायरल वीडियो के कुछ की-फ्रेम को रिवर्स सर्च करने पर DFRAC टीम ने पाया कि यह वीडियो #Facebook पेज Sardarian Trust Punjab पर 10 जून 2022 को पोस्ट किया गया था।
वीडियो के कैप्शन में पंजाबी में लिखे टैक्स्ट का हिन्दी अनुवाद है- मूसेवाला की अंतिम प्रार्थना में ‘सरदारियन ट्रस्ट ने पगड़ी का लंगर लगाया। मुस्लिम और हिंदू भाईयों का कहना था कि हमें भी पगड़ी सजानी चाहिए।
इसी तरह 2022 में ही यह वीडियो #X और #instagram पर भी शेयर किया गया था।
निष्कर्ष:
DFRAC के Fact Check से स्पष्ट है, कि वायरल वीडियो पुराना (2022) है। इसका कसान आंदोलन 2024 से कोई लेना-देना नहीं है, क्योंकि यह वीडियो मशहूर पंजाबी गायकार #SidhuMooseWala के अंतिम प्रार्थना सभा का है। इसलिए, सोशल मीडिया यूज़र्स का दावा भ्रामक है।