सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि ममता बनर्जी की तुष्टिकरण की पॉलिसी के कारण पश्चिम बंगाल में पुलिस भर्ती में सिर्फ मुस्लिम कैंडिडेट्स को ही लिया गया है। इस दावे के समर्थन में वीडियो में BJP सांसद प्रवेश वर्मा के एक ट्वीट को कोट किया गया है।
विजय शुक्ला नामक एक्स यूज़र ने ने लिखा- ‘ममता बानो का असली चेहरा सामने आया, पुलिस भर्ती में सारे मुस्लिम भर्ती किए, सरकारी अस्पताल में सारे डॉक्टर मुस्लिम, फिर भी अगर बंगाल के हिंदू ममता बानो की पार्टी को वोट देते हैं तो डूब मरो आपका ज़मीर मर चुका है।’
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फ़ैक्ट-चेक:
DFRAC टीम ने उपरोक्त दावे की जांच की और पाया कि पुलिस भर्ती की वायरल हो रही लिस्ट ओबीसी कटेगरी की लिस्ट का एक हिस्सा है। अब आपको बताते हैं कि यह पूरा मामला क्या है? दरअसल वायरल लिस्ट एसआई (आर्म्ड और अनआर्म्ड ब्रांच) पद के लिए हुई भर्ती का है। जिसके लिए सभी वर्गों के उम्मीदवारों का चयन हुआ था।
आइए, अब आपको आरक्षण का गणित समझाते हैं। दरअसल राज्य में OBC कैटेगरी के दो डिविजन हैं, 1- OBC (A) और 2- OBC (B)। OBC (A) की 80 जातियों में 72 जातियां मुस्लिमों की है। वहीं OBC (B) की 91 में से 40 जातियां मुस्लिमों की है।
इसलिए, जो लिस्ट वायरल हुई थी, वो OBC (A) यूबी की थी और इसमें मुस्लिम कैंडिडेट ज्यादा इसलिए दिख रहे हैं, क्योंकि इस लिस्ट की 90% जातियां मुस्लिम हैं। वहीं दूसरी लिस्ट OBC (B) की है, जिसमें ज्यादातर हिन्दू और दूसरे समुदायों से हैं।
निष्कर्ष:
DFRAC के फ़ैक्ट-चेक से स्पष्ट है कि पश्चिम बंगाल में पुलिस भर्ती में सिर्फ मुस्लिम कैंडिडेट्स लिए जाने का, सोशल मीडिया यूज़र्स का दावा भ्रामक है।