क्या इंदिरा गांधी ने कहा था- हम बाबर के वारिस हैं और आज भी मुल्क हमारे कब्ज़े हैं? पढ़ें, फ़ैक्ट-चेक

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सोशल मीडिया पर एक ग्राफिकल इमेज शेयर किया जा रहा है। इसमें पूर्व राजनयिक और #Congress के वरिष्ठ नेता नटवर सिंह की किताब ‘One Life Is Not Enough’ के हवाले से दावा किया गया है कि नटवर सिंह ने लिखा है कि- मैं इंदिरा गाँधी के साथ अफ़ग़ानिस्तान में था। रात में इंदिरा ने बाबर की क़ब्र पर जाने की इच्छा ज़ाहिर की, मैं उनके साथ क़ब्र पर पहुँचा। मैंने देखा कि इंदिरा गाँधी ने वहाँ कहा कि हम तुम्हारे वारिस हैं और आज भी मुल्क हमारे कब्ज़े में है। मैं हतप्रभ था और स्तब्ध था।

https://twitter.com/NarpatSing73620/status/1746180870464225299

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फ़ैक्ट-चेक: 

DFRAC टीम ने गूगल पर ‘One Life Is Not Enough’ सर्च किया। हमें यह किताब मुफ़्त उपलब्ध मिला। हमने किताब में इंदिरा गांध के बारे में पढ़ा। इस दौरान हमने पाया कि किताब के पेज न. 103 पर इंदिरा गांधी के काबुल स्तिथ पहले मुग़ल शासक बाबर की क़ब्र पर जाने का ज़िक्र है।

नटवर सिंह लिखते हैं कि एक दिन दोपहर को इंदिरा गांधी के पास कुछ समय था। उन्होंने मेरे साथ ड्राइव पर जाने का फैसला किया। काबुल से कुछ मील बाहर उन्होंने कुछ पेड़ों से घिरी एक जीर्ण-शीर्ण इमारत देखी और अफगान सुरक्षा अधिकारी से पूछा कि यह क्या है। उन्होंने हमें बताया, बाग़-ए-बाबर, और श्रीमती गांधी ने गाड़ी से वहां तक जाने का फैसला किया। सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं किए जाने से प्रोटोकॉल विभाग में हड़कंप मच गया।

one-life-is-not-enough

हम बाबर की कब्र की ओर बढ़े। वह कब्र पर अपना सिर थोड़ा नीचे झुकाकर खड़ी थीं और मैं उनके पीछे था। उन्होंने मुझसे कहा, ‘मैंने इतिहास को अच्छे जान लिया-परख लिया है।’ मैंने उनसे कहा कि मेरे पास दो इतिहास हैं। आपका क्या मतलब है?’ उन्होंने पूछा। मैंने कहा कि भारत की महारानी के साथ बाबर को श्रद्धांजलि देना बड़े सम्मान की बात थी।

यहां, यह भी साफ़ हो गया कि इंदिरा गांधी ने बाबर की क़ब्र पर जाने की इच्छा रात में नहीं ज़ाहिर की थी, बल्कि यह दिन की बात है। जैसा कि सोशल मीडिया यूज़र्स ने दावा किया है। 

rediff.com द्वारा 2014 में पब्लिश पूर्व राजदूत और जामिया मिल्लिया विश्वविद्यालय में विज़िटिंग प्रोफेसर, बी एस प्रकाश के लेख में भी यही तथ्य है।

rediff.com

निष्कर्ष:

DFRAC के इस फ़ैक्ट-चेक से स्पष्ट है कि नटवर सिंह की किताब में इंदिरा गांधी को लेकर किया गया दावा ग़लत है, क्योंकि किताब में यह ज़िक्र नहीं है कि अफ़ग़ानिस्तान में बाबर की क़ब्र पर इंदिरा गांधी ने कहा था कि ‘हम तुम्हारे वारिस हैं और आज भी मुल्क हमारे कब्ज़े में है।’ इसलिए, सोशल मीडिया यूज़र्स का दावा ग़लत है।