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छत्तीसगढ़ में हसदेव जंगल के लिए प्रदर्शन कर रही महिलाओं पर पुलिस ने किया लाठीचार्ज? पढ़ें- फैक्ट चेक

Fact Check hi Featured Misleading

सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में देखा जा सकता है कि प्रदर्शनकारियों पर पुलिसकर्मी लाठीचार्ज कर रहे हैं। इस वीडियो को छत्तीसगढ़ का बताकर दावा किया गया है कि राज्य में सरकार बदलते ही अडानी का राज आ गया है और हसदेव जंगल को बचाने के लिए आई महिलाओं के साथ मारपीट की जा रही है।

इस वीडियो को शेयर करते हुए A.K. Stalin नामक यूजर ने लिखा- “छत्तीसगढ़ में जब तक भूपेश थे जब टेक भरोसा था आज भूपेश नहीं है अड़ानी की सरकार है और महिला को पीटा जा रहा है #हसदेव_जंगल_बचाओ #AdaniGroup #हसदेव_जंगल

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वहीं इस वीडियो को कई अन्य यूजर्स द्वारा भी शेयर किया गया है।

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फैक्ट चेकः

वायरल वीडियो का फैक्ट चेक करने के लिए DFRAC की टीम ने सबसे पहले वीडियो को कई फ्रेम्स में कन्वर्ट किया, फिर उन्हें रिवर्स इमेज सर्च किया। हमें कन्नड़ भाषा में कई मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं, जिसके अनुसार कर्नाटक के हासन जिले में एक हाथी अर्जुन के अंतिम संस्कार के दौरान हंगामा कर रहे स्थानीय निवासियों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया। स्थानीय निवासी हाथी अर्जुन के मौत की जांच की मांग कर रहे थे।

Public TV के अनुसार हासन जिले में हाथी अर्जुन के अंतिम संस्कार स्थल पर पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।

वहीं News18 Kannada के लाइव बुलेटिन में भी वीडियो को हाथी अर्जुन के अंतिम संस्कार के दौरान लाठीचार्ज का बताया गया है।

डेक्कन हेराल्ड की रिपोर्ट में हाथी के महावत के बयान के आधार पर बताया गया है कि जंगल में हाथी अर्जुन और जंगली हाथी के बीच जोरदार लड़ाई हुई थी। दोनों के बीच बचाव के दौरान वनविभाग के कर्मियों के लिए अर्जुन को पहचानना भी मुश्किल हो गया था। उन्होंने दोनों हाथियों के बीच लड़ाई रोकने के लिए हवाई फायरिंग की, जिसमें कथित तौर पर अर्जुन के पैर में गोली लग गई। हालांकि वन विभाग के अधिकारियों ने गोली लगने की बात का खंडन किया है। इस बीच स्थानीय निवासियों ने हाथी अर्जुन के मौत के कारणों को स्पष्ट किए जाने को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे, जिनको तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठी चलानी पड़ी।

Deccan Herald

निष्कर्षः

DFRAC के फैक्ट चेक से साफ है कि वायरल वीडियो छत्तीसगढ़ के हसदेव जंगल को बचाने के लिए हुए प्रदर्शन का नहीं, बल्कि कर्नाटक के हासन जिले में हाथी अर्जुन की मौत के बाद हुए प्रदर्शन का है। इसलिए सोशल मीडिया यूजर्स का दावा भ्रामक है।