इस्राइल-हमास संघर्ष को तीन हफ्ते हो चुके है। बीतें 21 दिनों में दोनों तरफ से नो हज़ार से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। लेकिन अंतराष्ट्रीय स्तर पर प्रयासों के बावजूद भी संघर्ष रुक नहीं रहा है। इसी बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो के बारे में दावा किया जा रहा है कि न्यूज़ चैनल अल जज़ीरा ने गाज़ा में लाशें दिखाने के लिए कफ़न पहने लोगों का एक फेक वीडियो शूट किया है। ताकि हमास के पक्ष में सहानुभूति भरा नरेटिव बनाया जा सके।
यूजर का दावा
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सोशल मीडिया प्लेटफार्म X (ट्विटर) पर वेरिफाइड यूजर पिंकू शुक्ल ने इस वीडियो को शेयर कर लिखा, “अलजजीरा ने कमाल की शूटिंग की है हमास का मुर्दा भी खुजली कर रहा है कैमरे की गर्मी के कारण…!”
अन्य यूजर का दावा
वहीं मेघ अपडेट्स नामक एक अन्य वेरिफाइड एक्स यूजर ने वीडियो को शेयर कर लिखा, “अल जज़ीरा प्री-शूटिंग तैयारी”
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इसके अलावा कई अन्य यूजर ने भी इस वीडियो को ऐसे ही मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।
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फैक्ट चेक:
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वायरल वीडियो की जांच के लिए DFRAC ने वीडियो को कीफ्रेम में बदलकर रिवर्स सर्च किया। इस दौरान हमें असल वीडियो यूट्यूब पर मिला। जहां इस वीडियो को अरबी न्यूज़पेपर के यूट्यूब चैनल अल-बदिल द्वारा 28 अक्टूबर 2013 को अपलोड किया गया था।
वीडियो के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया कि ये वीडियो अल-अजहर विश्वविद्यालय में मुस्लिम ब्रदरहुड से जुड़े छात्रों के प्रदर्शन का है। जहां ये छात्र मिस्र सरकार के खिलाफ सांकेतिक प्रदर्शन कर रहे थे। इस बात की पुष्टि बीबीसी की रिपोर्ट से भी होती है।
निष्कर्ष:
अत: DFRAC के फैक्ट चेक से स्पष्ट है कि वायरल वीडियो भ्रामक है। क्योंकि ये दस साल पूराना है। साथ ही ये मिस्र की अल-अजहर यूनिवर्सिटी में छात्रों के प्रदर्शन का है। इसका इस्राइल-हमास संघर्ष से कोई सबंध नहीं है।