
क्या है दावा?
सोशल मीडिया प्लेटफार्म X (ट्विटर) पर वेरिफाइड यूजर रोहित लाइव ने वायरल वीडियो को शेयर कर लिखा, “कतर के अमीर: भारतीय मुसलमानों को अरब मुद्दों में हस्तक्षेप करना बंद करना चाहिए। हमें परिवर्तित मुसलमानों से प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं है (अरब दुनिया पर गाजा के लिए बहुत कुछ नहीं करने का आरोप लगाते हुए)। यदि वे गाजा के लोगों के बारे में इतने चिंतित हैं, तो उन्हें अपनी उड़ानें बुक करें और गाजा के लोगों को बचाएं”

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इसके अलावा कई अन्य यूजर ने भी ऐसा ही दावा किया है।

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फैक्ट चेक:

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वायरल वीडियो के साथ किये गए दावे की जांच के लिए DFRAC टीम ने सबसे पहले वीडियो को कीफ्रेम में बदला। फिर सभी कीफ्रेम को रिवर्स सर्च किया। इस दौरान हमें ऐसा ही एक वीडियो यूट्यूब पर अल-जज़ीरा के अरबी भाषा के चैनल Aljazeera Mubasher पर मिला।
इस दौरान हमें पता चला कि वायरल वीडियो चैनल पर 6 साल पहले 14 मई 2017 को अपलोड किया गया था। वीडियो कतर की राजधानी में आयोजित 17वें दोहा फोरम का है। जिसमे उन्होने फ़िलिस्तीन का मुद्दा उठाया था।

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इसके अलावा आगे की जांच में हमें कतर के विदेश मंत्रालय द्वारा 17वें दोहा फोरम में कतर अमीर द्वारा दी गई स्पीच की प्रेस रिलीज मिली। जिसमे कहीं पर उन्होने भारतीय मुस्लिमों के बारे में कोई उल्लेख नहीं किया।
निष्कर्ष
अत: DFRAC के फैक्ट चेक से स्पष्ट है कि वायरल वीडियो भ्रामक है। क्योंकि वीडियो 6 साल पुराना है। साथ ही इसमे कहीं पर भी भारतीय मुस्लिमों का कोई उल्लेख नहीं है।