सोशल मीडिया पर एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में देखा जा सकता है कि मुस्लिम वर्ग के लोग सड़कों पर नारेबाजी करते हुए जुलूस निकाल रहे हैं। इस वीडियो कुछ यूजर्स सांप्रदायिक एंगल देकर शेयर कर रहे हैं।
सुजीत स्वामी नाम के यूजर ने लिखा- “जब ट्रंप आए थे तब भी इसी तरह की देश बदनाम करने की साजिश हुई थी. अब #G20Bharat के समय भी मुस्लिम धर्म के लोग आ गए रोड पर…जबकि #दिल्ली में धारा 144 लागू है।”
वहीं इस वीडियो के साथ कुछ यूजर्स भी ऐसा ही दावा कर रहे हैं।
फैक्ट चेकः
वायरल वीडियो के संदर्भ में DFRAC की टीम ने जांच की। जांच के दौरान हमें दिल्ली पुलिस का एक ट्वीट मिला। इस ट्वीट में बताया गया है- “झूठा समाचारः कुछ सोशल मीडिया हैंडल गलत तरीके से चेहल्लुम जुलूस के वीडियो को G20 शिखर सम्मेलन से पहले सांप्रदायिक विरोध के रूप में पेश कर रहे हैं। चेहलुम जुलूस पारंपरिक है और कानून लागू करने वाली एजेंसियों से उचित अनुमति के साथ निकाला जाता है। कृपया अफवाहें न फैलाएं।” (हिन्दी ट्रांसलेशन)
वहीं “ETV भारत” की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में बुधवार को चेहल्लुम का जुलूस निकाल गया। यह जुलूस मुहर्रम के 40वें दिन निकाला जाता है। यह जुलूस चितली कबर, मटिया महल, जामा मस्जिद, हौज काजी, अजमेरी गेट, पहाड़गंज ब्रिज, चेम्सफोर्ड रोड और नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से होते हुए दरगाह शाह-ए-मर्दन और बाद में कर्बला पहुंचा। जुलूस को लेकर ट्रैफिक पुलिस और पुलिस की तरफ से सुरक्षा इंतजाम किए गए थे और इसके निर्धारत मार्ग से वाहनों को डायवर्ट किया गया था।
निष्कर्षः
DFRAC के फैक्ट चेक से स्पष्ट है कि वायरल हो रहा दावा भ्रामक है। दिल्ली पुलिस के मुताबिक चेहलुम जुलूस पारंपरिक है और कानून लागू करने वाली एजेंसियों से उचित अनुमति के साथ निकाला जाता है।