कांग्रेस सरकार द्वारा कर्नाटक के स्कूलों में अनिवार्य कर दी गई है इस्लामिक शिक्षा? जानें वायरल दावे की सच्चाई

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सोशल मीडिया साइट्स पर एक दावा वायरल हो रहा है कि कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने स्कूलों में क़ुरान पढ़ना अनिवार्य कर दिया है। सोशल मीडिया यूज़र्स एक वीडियो शेयर कर लिख रहे हैं कि जब स्कूल से ही इस्लामिक शिक्षा मिलेगी तो आप भारतीय संस्कृति अवश्य भूल जाएंगे। अपने बच्चों के स्कूलों पर थोड़ा ध्यान दें, कहीं वहां भी, यही तो नहीं चल रहा है? 

विवेकानंद विनय नामक यूज़र ने फ़ेसबुक रील पर वीडियो पोस्ट कर कैप्शन में लिखा,“ये विडियो कर्नाटक का बताया जा रहा है। अविश्वसनीय है। अब स्कूलों में इस्लाम की शिक्षा अनिवार्य कर दी गई है?? कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने सभी स्कूलों में हिंदू छात्रों को कुरान पढ़ने का आदेश जारी कर दिया है। इस तरह तो कांग्रेसी देश को बर्बाद कर देंगे और कर रहे हैं क्योंकि आप बज स्कूल से ही शिक्षा इस्लाम की मिलेगी तो आप भारतीय संस्कृति भूल ही जाओगे अपने बच्चो के स्कूलों पर थोड़ा ध्यान ले कहीं वहां भी यही तो नहीं चल रहा है।” 

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इसी तरह तुषार राणे नामक यूज़र भी फ़ेसबुक पर वीडियो पोस्ट कर हूबहू वही कैप्शन दिया है। 

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अन्य सोशल मीडिया यूज़र्स भी वीडियो शेयर कर ऐसा ही दावा कर रहे हैं। 

https://twitter.com/Sivakondahindu/status/1692441927466303625

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फ़ैक्ट-चेक:

वायरल दावे की हकीकत जानने के लिए DFRAC टीम ने इस संदर्भ में गूगल पर कुछ की-वर्ड सर्च किया। इस दौरान हमें कुछ मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं।

वेबसाइट न्यूज़ नाइन द्वारा 1 जुलाई 2023 को पब्लिश न्यूज़ में बच्चों का वायरल वीडियो भी देखा जा सकता है। न्यूज़ के अनुसार बकरीद के अवसर पर कर्नाटक के हसन जिले के नानासागर इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल में कुरान आयतों को पढ़े जाने के बाद एक दक्षिणपंथी संगठन के कुछ सदस्यों ने आपत्ति जताई। 

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न्यूज़ में बताया गया है कि स्कूल की प्रिंसिपल सुजा फिलिप ने कहा,“हमने केवल छात्रों में आध्यात्मिकता पैदा करने के लिए ऐसा किया।” उनका कहना है कि-“हमारा कोई दूसरा इरादा नहीं था। यदि यह ग़लत है तो हम सुनिश्चित करेंगे कि आगे से ऐसा ना किया जाए। हम सभी त्यौहार यहीं मनाते हैं। हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि किसी भी बच्चे को कुरान का पाठ नहीं कराया गया। केवल तीन मुस्लिम छात्रों ने इसे सुनाया। यह एक धर्मनिरपेक्ष विद्यालय है।”

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि स्कूल हर धार्मिक त्योहार के लिए ऐसे कार्यक्रम आयोजित करता है, वह त्योहार चाहे हिंदूओं का हो, मुस्लिमों का हो या फिर ईसाइयों का हो।

वहीं अन्य मीडिया हाउसेज़ ने भी इस घटना को कवर किया है। 

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इसके बाद DFRAC टीम ने इस संदर्भ मे कुछ की-वर्ड सर्च किया कि क्या कर्नाटक सरकार ने इस्लामिक शिक्षा अनिवार्य कर दिया है, लेकिन टीम को कोई ऐसी न्यूज़ नहीं मिली, जिसमें बताया गया हो कि कर्नाटक सरकार ने स्कूलों में कुरान पढ़ना अनिवार्य कर दिया है। 

निष्कर्ष: 

DFRAC के इस फ़ैक्ट-चेक से स्पष्ट है कि कर्नाटक के इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल में तीन बच्चों द्वारा कुरान की कुछ आयतों को सुनाए जाने का यह वायरल वीडियो पिछले महीने जुलाई 2023 का है। कर्नाटक के स्कूलों में सरकार द्वारा कुरान पढ़ना अनिवार्य नहीं किया गया है, इसलिए सोशल मीडिया यूज़र्स का दावा ग़लत है।